धर्मशाला: इन दिनों प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में धर्मशाला और पच्छाद विधानसभा उपचुनाव की चर्चाएं जोरों पर है. उपचुनाव को लेकर दोनों ही पार्टियों ने कमर कस ली है. किशन कपूर के सांसद बनने के बाद धर्मशाला के रण में भाजपा का नया चेहरा आना तय है. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी के बारे में चर्चाओं का दौर कुछ धीमा है.
कौन हो सकता है प्रत्याशी
लोकसभा चुनाव के नतीजों के दिन से ही भाजपा खेमे में प्रत्याशी को लेकर राजनीतिक हलचल शुरू हो गई थी. चुनाव के तुरंत बाद लगातार एक के बाद एक नाम निकलने शुरू हो गए. शिमला के बाद धर्मशाला प्रदेश का प्रमुख शहर है और यहां से प्रत्याशियों के नाम भी काफी है. अगर मुख्य नामों का जिक्र किया जाए तो राकेश शर्मा, उमेश दत्त, सचिन शर्मा , विशाल नेहरिया, रमेश जरियाल, राजीव भारद्वाज, संजय शर्मा के नाम चर्चाओं में चले हुए हैं. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का नाम भी खूब चर्चाओं में चल रहा है.
क्या कहते हैं मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हाल ही में कांगड़ा दौरे के दौरान कहा था कि प्रत्याशी का फैसला हाईकमान तय करेगी. इस दौरान सीएम ने स्थनीय कार्यकर्ताओं से भी फीडबैक लिया था और शिमला जाने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार मुलाकात कर राजनतिक विषयों पर चर्चा की थी. हालांकि सीएम जयराम ने भी अभी तक प्रत्याशी को लेकर खुलासा नहीं किया है.
भाजपा का गद्दी समुदाय के प्रत्याशी पर विश्वास
धर्मशाला विधानसभा चुनाव में भाजपा ने गद्दी समुदाय के प्रत्याशी पर भरोसा जताया है. पिछले कई चुनावों में इस सीट पर गद्दी समुदाय से भाजपा के किशन कपूर प्रत्याशी रहे. कपूर ने धर्मशाला से पांच बार जीत भी हासिल की, लेकिन इस बार उछले नामों में सबसे ज्यादा ब्राह्मण समुदाय के प्रत्याशी हैं. खैर अभी देखना बाकि है कि भाजपा ब्राह्मण समुदाय की तरफ जाती है या या फिर गद्दी समुदाय पर अपना विस्वास बनाए रखती है.
विधानसभा के बड़े वोट बैंक
धर्मशाला विधानसभा में वोट प्रतिशत को लेकर गद्दी समुदाय की बात भले ही की जाती रही हो, लेकिन आंकड़े इसके विपरीत है. विधानसभा में ओबीसी वोट बैंक अधिक है. विधानसभा में करीब 36 हजार ओबीसी वोट बैंक है. विधानसभा11 हजार के करीब गद्दी समुदाय का वोट बैंक है. इसके अलावा छह हजार राजपूत और सात से आठ हजार के बीच ब्राह्मण वोट बैंक है. इसके अलावा अन्य जातियों का वोट बैंक है.
भाजपा के प्रदेश मीडिया सह प्रभारी राकेश शर्मा का कहना है कि आने वाले समय मे आचार सहिंता लगने के बाद चुनाव की घोषणा के बाद शीर्ष नेतृत्व प्रत्याशी तय करेगा. उन्होंने कहा कि भाजपा बड़ी पार्टी है और हमारे कार्यकर्ता निष्ठावान है. उन्होंने कहा कि पार्टी जिसे भी चुनेगी उसके लिए काम किया जाएगा.
क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार
भाजपा की स्थिति को लेकर वरिष्ठ पत्रकार उदय बीर पठानिया का कहना है कि वर्तमान में भाजपा की सरकार है और उपचुनाव में सत्ता दल को लाभ मिला है. 30 सालों के बाद गद्दी समुदाय से भाजपा की सीट खाली हुई है, जिस वजह से अन्य समुदायों के नाम निकलकर बाहर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि सामान्य नाम निकल कर आएगा तो वो गद्दी ही होगा. उदय बीर पठानिया प्रेम कुमार धूमल को लेकर कहा कि धूमल ने अभी अपनी सियासी चुप्पी नहीं तोड़ी है, जिसके राजनीति में बहुत से मतलब निकाले जाते हैं.