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धर्मशाला के रण में कौन होगा बीजेपी का 'पहलवान', प्रत्याशी को लेकर कन्फ्यूजन में आलाकमान

लोकसभा चुनाव के बाद धर्मशाला और पच्छाद विधानसभा उपचुनाव की चर्चाएं जोरों पर है. लोकसभा चुनाव के नतीजों के दिन से ही भाजपा खेमे में धर्मशाला प्रत्याशी को लेकर राजनीतिक हलचल शुरू हो गई थी. इस सीट पर चुनाव के तुरंत बाद लगातार एक के बाद एक नाम निकलने शुरू हो गए. हालांकि आलाकमान ने प्रत्याशी के नाम पर अभी पत्ते नहीं खोले हैं.

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Published : Sep 7, 2019, 2:03 PM IST

धर्मशाला: इन दिनों प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में धर्मशाला और पच्छाद विधानसभा उपचुनाव की चर्चाएं जोरों पर है. उपचुनाव को लेकर दोनों ही पार्टियों ने कमर कस ली है. किशन कपूर के सांसद बनने के बाद धर्मशाला के रण में भाजपा का नया चेहरा आना तय है. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी के बारे में चर्चाओं का दौर कुछ धीमा है.

कौन हो सकता है प्रत्याशी
लोकसभा चुनाव के नतीजों के दिन से ही भाजपा खेमे में प्रत्याशी को लेकर राजनीतिक हलचल शुरू हो गई थी. चुनाव के तुरंत बाद लगातार एक के बाद एक नाम निकलने शुरू हो गए. शिमला के बाद धर्मशाला प्रदेश का प्रमुख शहर है और यहां से प्रत्याशियों के नाम भी काफी है. अगर मुख्य नामों का जिक्र किया जाए तो राकेश शर्मा, उमेश दत्त, सचिन शर्मा , विशाल नेहरिया, रमेश जरियाल, राजीव भारद्वाज, संजय शर्मा के नाम चर्चाओं में चले हुए हैं. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का नाम भी खूब चर्चाओं में चल रहा है.

dharamshala Bye election
डिजाइन फोटो.

क्या कहते हैं मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हाल ही में कांगड़ा दौरे के दौरान कहा था कि प्रत्याशी का फैसला हाईकमान तय करेगी. इस दौरान सीएम ने स्थनीय कार्यकर्ताओं से भी फीडबैक लिया था और शिमला जाने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार मुलाकात कर राजनतिक विषयों पर चर्चा की थी. हालांकि सीएम जयराम ने भी अभी तक प्रत्याशी को लेकर खुलासा नहीं किया है.

जयराम ठाकुर, मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश

भाजपा का गद्दी समुदाय के प्रत्याशी पर विश्वास
धर्मशाला विधानसभा चुनाव में भाजपा ने गद्दी समुदाय के प्रत्याशी पर भरोसा जताया है. पिछले कई चुनावों में इस सीट पर गद्दी समुदाय से भाजपा के किशन कपूर प्रत्याशी रहे. कपूर ने धर्मशाला से पांच बार जीत भी हासिल की, लेकिन इस बार उछले नामों में सबसे ज्यादा ब्राह्मण समुदाय के प्रत्याशी हैं. खैर अभी देखना बाकि है कि भाजपा ब्राह्मण समुदाय की तरफ जाती है या या फिर गद्दी समुदाय पर अपना विस्वास बनाए रखती है.

राकेश शर्मा, मीडिया सह प्रभारी

विधानसभा के बड़े वोट बैंक
धर्मशाला विधानसभा में वोट प्रतिशत को लेकर गद्दी समुदाय की बात भले ही की जाती रही हो, लेकिन आंकड़े इसके विपरीत है. विधानसभा में ओबीसी वोट बैंक अधिक है. विधानसभा में करीब 36 हजार ओबीसी वोट बैंक है. विधानसभा11 हजार के करीब गद्दी समुदाय का वोट बैंक है. इसके अलावा छह हजार राजपूत और सात से आठ हजार के बीच ब्राह्मण वोट बैंक है. इसके अलावा अन्य जातियों का वोट बैंक है.

भाजपा के प्रदेश मीडिया सह प्रभारी राकेश शर्मा का कहना है कि आने वाले समय मे आचार सहिंता लगने के बाद चुनाव की घोषणा के बाद शीर्ष नेतृत्व प्रत्याशी तय करेगा. उन्होंने कहा कि भाजपा बड़ी पार्टी है और हमारे कार्यकर्ता निष्ठावान है. उन्होंने कहा कि पार्टी जिसे भी चुनेगी उसके लिए काम किया जाएगा.

क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार
भाजपा की स्थिति को लेकर वरिष्ठ पत्रकार उदय बीर पठानिया का कहना है कि वर्तमान में भाजपा की सरकार है और उपचुनाव में सत्ता दल को लाभ मिला है. 30 सालों के बाद गद्दी समुदाय से भाजपा की सीट खाली हुई है, जिस वजह से अन्य समुदायों के नाम निकलकर बाहर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि सामान्य नाम निकल कर आएगा तो वो गद्दी ही होगा. उदय बीर पठानिया प्रेम कुमार धूमल को लेकर कहा कि धूमल ने अभी अपनी सियासी चुप्पी नहीं तोड़ी है, जिसके राजनीति में बहुत से मतलब निकाले जाते हैं.

उदय बीर पठानिया, वरिष्ठ पत्रकार

धर्मशाला: इन दिनों प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में धर्मशाला और पच्छाद विधानसभा उपचुनाव की चर्चाएं जोरों पर है. उपचुनाव को लेकर दोनों ही पार्टियों ने कमर कस ली है. किशन कपूर के सांसद बनने के बाद धर्मशाला के रण में भाजपा का नया चेहरा आना तय है. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी के बारे में चर्चाओं का दौर कुछ धीमा है.

कौन हो सकता है प्रत्याशी
लोकसभा चुनाव के नतीजों के दिन से ही भाजपा खेमे में प्रत्याशी को लेकर राजनीतिक हलचल शुरू हो गई थी. चुनाव के तुरंत बाद लगातार एक के बाद एक नाम निकलने शुरू हो गए. शिमला के बाद धर्मशाला प्रदेश का प्रमुख शहर है और यहां से प्रत्याशियों के नाम भी काफी है. अगर मुख्य नामों का जिक्र किया जाए तो राकेश शर्मा, उमेश दत्त, सचिन शर्मा , विशाल नेहरिया, रमेश जरियाल, राजीव भारद्वाज, संजय शर्मा के नाम चर्चाओं में चले हुए हैं. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का नाम भी खूब चर्चाओं में चल रहा है.

dharamshala Bye election
डिजाइन फोटो.

क्या कहते हैं मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हाल ही में कांगड़ा दौरे के दौरान कहा था कि प्रत्याशी का फैसला हाईकमान तय करेगी. इस दौरान सीएम ने स्थनीय कार्यकर्ताओं से भी फीडबैक लिया था और शिमला जाने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार मुलाकात कर राजनतिक विषयों पर चर्चा की थी. हालांकि सीएम जयराम ने भी अभी तक प्रत्याशी को लेकर खुलासा नहीं किया है.

जयराम ठाकुर, मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश

भाजपा का गद्दी समुदाय के प्रत्याशी पर विश्वास
धर्मशाला विधानसभा चुनाव में भाजपा ने गद्दी समुदाय के प्रत्याशी पर भरोसा जताया है. पिछले कई चुनावों में इस सीट पर गद्दी समुदाय से भाजपा के किशन कपूर प्रत्याशी रहे. कपूर ने धर्मशाला से पांच बार जीत भी हासिल की, लेकिन इस बार उछले नामों में सबसे ज्यादा ब्राह्मण समुदाय के प्रत्याशी हैं. खैर अभी देखना बाकि है कि भाजपा ब्राह्मण समुदाय की तरफ जाती है या या फिर गद्दी समुदाय पर अपना विस्वास बनाए रखती है.

राकेश शर्मा, मीडिया सह प्रभारी

विधानसभा के बड़े वोट बैंक
धर्मशाला विधानसभा में वोट प्रतिशत को लेकर गद्दी समुदाय की बात भले ही की जाती रही हो, लेकिन आंकड़े इसके विपरीत है. विधानसभा में ओबीसी वोट बैंक अधिक है. विधानसभा में करीब 36 हजार ओबीसी वोट बैंक है. विधानसभा11 हजार के करीब गद्दी समुदाय का वोट बैंक है. इसके अलावा छह हजार राजपूत और सात से आठ हजार के बीच ब्राह्मण वोट बैंक है. इसके अलावा अन्य जातियों का वोट बैंक है.

भाजपा के प्रदेश मीडिया सह प्रभारी राकेश शर्मा का कहना है कि आने वाले समय मे आचार सहिंता लगने के बाद चुनाव की घोषणा के बाद शीर्ष नेतृत्व प्रत्याशी तय करेगा. उन्होंने कहा कि भाजपा बड़ी पार्टी है और हमारे कार्यकर्ता निष्ठावान है. उन्होंने कहा कि पार्टी जिसे भी चुनेगी उसके लिए काम किया जाएगा.

क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार
भाजपा की स्थिति को लेकर वरिष्ठ पत्रकार उदय बीर पठानिया का कहना है कि वर्तमान में भाजपा की सरकार है और उपचुनाव में सत्ता दल को लाभ मिला है. 30 सालों के बाद गद्दी समुदाय से भाजपा की सीट खाली हुई है, जिस वजह से अन्य समुदायों के नाम निकलकर बाहर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि सामान्य नाम निकल कर आएगा तो वो गद्दी ही होगा. उदय बीर पठानिया प्रेम कुमार धूमल को लेकर कहा कि धूमल ने अभी अपनी सियासी चुप्पी नहीं तोड़ी है, जिसके राजनीति में बहुत से मतलब निकाले जाते हैं.

उदय बीर पठानिया, वरिष्ठ पत्रकार
Intro:धर्मशाला- लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद राजनीतिक हलचल अब विधानसभा में होने वाले उपचुनावों को लेकर शुरू हो गई है। धर्मशाला में होने वाले उपचुनावों को लेकर दोनों ही पार्टियों ने अपनी तैयारियां अंदर खाते शुरू कर दी है। धर्मशाला की सीट पर भाजपा का कब्जा था किशन कपूर को लोकसभा में सांसद चुनने के बाद उपचुनावो में धर्मशाला से भाजपा का इस बार चहरा  नया होगा क्योंकि पिछले काफी समय से धर्मशाला से किशन कपूर चुनाव लड़ रहे थे लेकिन इस बार भाजपा का नया चहरा तय है।


कौन हो सकता है प्रत्याशी- 


जिस दिन लोकसभा चुनावो के नतीजे आये थे उस दिन से भाजपा खेमे में राजनीतिक हल चल इस बात पर शुरू हो गई थी कि अगला उमीदवार भाजपा खेमे से कौन होगा उसके बाद लगातार से नाम निकलने शुरू हो गए। शिमला के बाद धर्मशाला प्रदेश का प्रमुख शहर है और यहां से उमीदवारों के नाम भी बहुत है । अगर नामो का जिक्र किया जाए तो राकेश शर्मा, उमेश दत्त, सचिन शर्मा , विशाल नेहरिया, रमेश जरियाल, राजीव भारद्वाज संजय शर्मा के नाम चर्चाओं में चले हुए है वही पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का नाम भी  खूब चर्चाओं में चल रहा है। 


क्या कहते है मुख्यमंत्री - 


मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर अभी हाल में ही कांगड़ा जिले के दौरे पर आए थे जब उनसे प्रत्याशी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसका फैसला हाई कमान तय करेगा। लेकिन मुख्यमंत्री ने इस दौरे पर स्थनीय कार्यकर्ता ओ से फीड बैक भी लिया और शिमला जाने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार से मिलने पहुँचे ओर राजनतिक विषयो पर उनसे चर्चा की। लेकिन अभी तक सीएम ने भी प्रत्याशी  को लेकर खुलासा नही किया है।





Body:भाजपा ने गदी समुदाय के प्रत्यशी पर जताया विस्वाश- 

धर्मशाला विधानसभा चुनावो में भाजपा ने गद्दी समुदाय के प्रत्याशी पर भरोसा जताया है। पिछले कई चुनावो से यहां पर गद्दी समुदाय से भाजपा के किशन कपूर प्रत्याशी रहे और कपूर ने धर्मशाला से 5 बार जीत भी हासिल की लेकिन इस बार उछले नामो में सबसे ज्यादा ब्रामण समुदाय के प्रत्याशी है। अब देखना होगा कि भाजपा ब्राम्हण समुदाय की तरफ जाती है या किसी अन्य की तरफ या फिर गद्दी समुदाय पर अपना विस्वाश जताती है। 


धर्मशाला विधानसभा में अगर वोट प्रतिशत की बात की जाए तो भले ही गदी समुदाय की बात की जाती हो लेकिन आंकड़े इसके विपरीत है विधानसभा में ओबीसी वोट बैंक अधिक है 36 हजार के लगभग यहां पर ओबीसी वोट है इसके बाद गद्दी समुदाय का 11 हजार के आस पास वोट बैंक है इसके अलावा 6 हजार राजपूत तो 7से 8 हजार के बीच ब्राम्हण वोट बैंक है इसके अलावा अन्य जातियों का वोट है। 





Conclusion:क्या कहती है भाजपा-

भाजपा के प्रदेश मीडिया सह प्रभारी राकेश शर्मा का कहना है कि आने वाले समय मे  अचार सहिंता लगने के बाद चुनावो की घोषणा के उपरांत शिर्ष नरतेव तय करेगा उन्होंने कहा कि  धर्मशाला का जो कार्यकर्ता होगा उसको आशीर्वाद देकर आगे बड़ेगे और चुनाव में जीत हासिल करेगे। उन्होंने कहा कि आज भाजपा बड़ी पार्टी है ओर हमारे कार्यकर्ता निष्ठावान है पार्टी का काम करने वाले है और जो काम करेगे उनका नाम भी आएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी जिसे भी चुनेगी उस के लिए काम किया जाएगा।


राजनीतिक विश्लेषक- 


वरिष्ठ पत्रकार उदय बीर पठानिया धर्मशाला उपचूनवो में वर्तमान में बनी भाजपा की स्थित को लेकर कहते है कि भाजपा में ज्यादा नाम इसलिए आ रहे है कि वर्तमान में भाजपा की सरकार है और उपचूनवो में सत्ता दल को लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि 30 सालों के बाद गदी समुदाय से भाजपा की सीट खाली हुई है जिस वजह से अन्य समुदायों के नाम निकलकर बाहर आ रहे है। उन्होंने कहा कि यदि सामान्य नाम निकल कर आएगा तो वो गद्दी ही होगा। प्रेम कुमार धूमल को लेकर उन्होंने कहा कि उन्होंने अभी अपनी सियासी चुपी नही तोड़ी है जिसके बहुत से मतलब राजनीति में निकाले जाते है। उन्होंने कहा  वर्तमान परिस्थितियों में गदी समुदाय का दबदबा है।

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