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स्मार्ट सीटी में उपचुनाव को लेकर कार्यकर्ता एक्टिव, प्रत्याशियों की घोषणा न होने से अटकलों का बाजार गर्म

स्मार्ट सीटी धर्मशाला में उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के कार्यकर्ता एक्टिव हो चुके हैं. बीजेपी इस बार मैदान में जहां नया चेहरा उतारेगी. वहीं, कांग्रेस सुधीर शर्मा को चुनावी मैदान में उतार सकती है.

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Published : Sep 23, 2019, 8:53 PM IST

कांगड़ा: धर्मशाला विधानसभा सीट में होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासत का पारा चढ़ने लगा है, लेकिन दोनों पार्टियां अपने प्रत्याशी तय करने में वक्त लगा रही हैं, जिस वजह से स्मार्ट सीटी में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है.

बीजेपी इस बार मैदान में नया चेहरा उतारेगी. वहीं, कांग्रेस से सुधीर शर्मा का नाम तय माना जा रहा है, लेकिन प्रत्याशियों के नाम की घोषणा न होने पर अटकलों का बाजार गर्म होता नजर आ रहा है. वहीं, दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता चुनावी मैदान में उतर गए हैं.

उदयवीर पठानिया, वरिष्ठ पत्रकार

दोनों ही दलों ने धर्मशाला विस क्षेत्र को उपचुनाव के मद्देनजर जोनों में बांटा है. भाजपा जहां पहले ही धर्मशाला को चार जोनों में बांट चुकी है. वहीं, कांग्रेस ने धर्मशाला को उपचुनाव के लिए 12 जोनों में बांटकर प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं.
भाजपा की ओर से जहां मंत्रियों, विधायकों, चेयरमैन व वाइस चेयरमैन को जोनों की जिम्मेवारियां दी गई हैं, वहीं, कांग्रेस ने पदाधिकारियों को जोनों की कमान सौंपी है. भाजपा ने कोतवाली बाजार, सिद्धबाड़ी, दाडी और योल कैंट जोन में धर्मशाला विस क्षेत्र को बांटा है.

कांग्रेस ने विस क्षेत्र के शहरी क्षेत्रों को अलग, ग्रामीण क्षेत्रों को अलग और छावनी योल क्षेत्र को अलग-अलग जोन में बांटा है. हालांकि दोनों दलों के लिए उपचुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है, लेकिन भाजपा अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती दोनों विधानसभा सीटों पर 20 हजार की लीड का टारगेट फिक्स कर चुके हैं.

धर्मशाला में बनाए गए चार जोनों में बीजेपी ने प्रति जोन पांच हजार की लीड का लक्ष्य तय किया है, ऐसा इसलिए भी अहम है, क्योंकि चारों जोनों में मंत्री व विधायक मोर्चा संभालेंगे. वहीं, कांग्रेस के बड़े नेता भी धर्मशाला में आने वाले दिनों में कमान संभाल सकते हैं.

दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों के नामों की देरी को लेकर वरिष्ठ पत्रकार उदयवीर पठानिया का कहना है कि भाजपा में इस बार दावेदार बहुत हैं. उन्होंने कहा की सत्ता पक्ष के कई कार्यकर्ता टिकट की आश लगाए हुए हैं. वहीं, कांग्रेस में सुधीर शर्मा का नाम तय माना जा रहा है, लेकिन विस क्षेत्र में कांग्रेस की गुटबाजी नजर आ रही है. बता दें कि हिमाचल की दोनों विधानसभा सीटों पर 21 अक्टूबर को चुनाव होना है. वहीं, 24 अक्टूबर को मतगणना होगी.

कांगड़ा: धर्मशाला विधानसभा सीट में होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासत का पारा चढ़ने लगा है, लेकिन दोनों पार्टियां अपने प्रत्याशी तय करने में वक्त लगा रही हैं, जिस वजह से स्मार्ट सीटी में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है.

बीजेपी इस बार मैदान में नया चेहरा उतारेगी. वहीं, कांग्रेस से सुधीर शर्मा का नाम तय माना जा रहा है, लेकिन प्रत्याशियों के नाम की घोषणा न होने पर अटकलों का बाजार गर्म होता नजर आ रहा है. वहीं, दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता चुनावी मैदान में उतर गए हैं.

उदयवीर पठानिया, वरिष्ठ पत्रकार

दोनों ही दलों ने धर्मशाला विस क्षेत्र को उपचुनाव के मद्देनजर जोनों में बांटा है. भाजपा जहां पहले ही धर्मशाला को चार जोनों में बांट चुकी है. वहीं, कांग्रेस ने धर्मशाला को उपचुनाव के लिए 12 जोनों में बांटकर प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं.
भाजपा की ओर से जहां मंत्रियों, विधायकों, चेयरमैन व वाइस चेयरमैन को जोनों की जिम्मेवारियां दी गई हैं, वहीं, कांग्रेस ने पदाधिकारियों को जोनों की कमान सौंपी है. भाजपा ने कोतवाली बाजार, सिद्धबाड़ी, दाडी और योल कैंट जोन में धर्मशाला विस क्षेत्र को बांटा है.

कांग्रेस ने विस क्षेत्र के शहरी क्षेत्रों को अलग, ग्रामीण क्षेत्रों को अलग और छावनी योल क्षेत्र को अलग-अलग जोन में बांटा है. हालांकि दोनों दलों के लिए उपचुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है, लेकिन भाजपा अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती दोनों विधानसभा सीटों पर 20 हजार की लीड का टारगेट फिक्स कर चुके हैं.

धर्मशाला में बनाए गए चार जोनों में बीजेपी ने प्रति जोन पांच हजार की लीड का लक्ष्य तय किया है, ऐसा इसलिए भी अहम है, क्योंकि चारों जोनों में मंत्री व विधायक मोर्चा संभालेंगे. वहीं, कांग्रेस के बड़े नेता भी धर्मशाला में आने वाले दिनों में कमान संभाल सकते हैं.

दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों के नामों की देरी को लेकर वरिष्ठ पत्रकार उदयवीर पठानिया का कहना है कि भाजपा में इस बार दावेदार बहुत हैं. उन्होंने कहा की सत्ता पक्ष के कई कार्यकर्ता टिकट की आश लगाए हुए हैं. वहीं, कांग्रेस में सुधीर शर्मा का नाम तय माना जा रहा है, लेकिन विस क्षेत्र में कांग्रेस की गुटबाजी नजर आ रही है. बता दें कि हिमाचल की दोनों विधानसभा सीटों पर 21 अक्टूबर को चुनाव होना है. वहीं, 24 अक्टूबर को मतगणना होगी.

Intro:धर्मशाला- धर्मशाला में होने वाले उपचुनावों को लेकर सिसायत का पारा तो चढ़ने लग पड़ा है लेकिन दोनों ही पार्टिया अपने प्रत्याशी तय करने में वक्त लगा रही है जिस वजह से धर्मशाला विधानसभा में चर्चाये शुरु हो गई है। भाजपा में तो इसबार नया चहरा आना तय है लेकिन कांग्रेस में सुधीर शर्मा का नाम तय माना जा रहा है लेकिन घोषणा न होने पर अटकलों का बाजार गर्म होता नजर आ रहा है वही दोनो ही पार्टियों के कार्यकर्ता चुनावी मैदान में उतर चुके है। 


बता दे कि  दोनों ही दलों द्वारा धर्मशाला विस क्षेत्र को उपचुनाव के मद्देनजर जोनों में बांटा गया है। भाजपा जहां पहले ही धर्मशाला को चार जोनों में बांट चुकी है, वहीं कांग्रेस ने धर्मशाला को उपचुनाव के लिए 12 जोनों में बांटकर प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं। भाजपा की ओर से जहां मंत्रियों, विधायकों, चेयरमैन व वाइस चेयरमैन को जोनों की जिम्मेवारियां दी गई हैं, वहीं कांग्रेस ने पदाधिकारियों को जोनों की कमान सौंपी है। भाजपा की ओर से कोतवाली बाजार, सिद्धबाड़ी, दाडी व योल कैंट जोन में धर्मशाला को बांटा है, वहीं कांग्रेस द्वारा बनाए गए जोनों में शहरी क्षेत्रों को अलग, ग्रामीण क्षेत्रों को अलग और छावनी क्षेत्र योल का अलग ही जोन बनाया गया है। 




Body:
हालांकि दोनों दलों के लिए उपचुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है, लेकिन भाजपा अपनी जीत को लेकर आशावान नजर आ रही है। यही कारण है कि जीत के प्रति आश्वस्त भाजपा की ओर से 20 हजार की लीड का टारगेट फिक्स किया गया है। वहीं धर्मशाला में बनाए गए चार जोनों में प्रति जोन 5 हजार की लीड का लक्ष्य तय किया गया है, ऐसा इसलिए भी अहम है, क्योंकि चारों जोनों में मंत्री व विधायक मोर्चा संभालेंगे।

भले ही अभी कांग्रेस का प्रत्याशी तय नहीं है, लेकिन बड़े नेताओं के मोर्चा संभालने की तैयारी पार्टी द्वारा कर ली गई है। सूत्रों की मानें तो एक-दो दिन के भीतर पार्टी के बड़े नेता धर्मशाला में मोर्चा संभाल लेंगे। विपक्ष में बैठी कांग्रेस प्रचार में भाजपा से आगे जाने को आतूर है, यही कारण है कि धर्मशाला में बुधवार से पार्टी के बड़े नेताओं द्वारा डटने की संभावना जताई जा रही है।




Conclusion:
वहीं पार्टीयो दोबरा प्रत्यशी की देरी को लेकर वरिष्ठ पत्रकार उदयवीर पठानिया का कहना है कि भाजपा में इसबार दावेदार बहुत है  उन्होंने कहा की सत्ता पक्ष के लोगो को यह लग रहा है की एकबार टिकट मिलजाए उसकेबाद जीत पकी है। यही वजह है कि दावेदारों की तादाद अधिक है उन्होंने कहा कि टिकट एक को ही मिलेगी और अंतिम समय में टिकट देने से भाजपा डेमेज कंट्रोल से बचना चाहेगी। वही भाजपा में गुटबाजी को लेकर कहा कि भाजपा का संग़ठन मजबूत है जिस वजह से गुटबाजी के आसार बहुत कम है। 

वही कांग्रेस को लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस की टिकट में पहला हक तो सुधिर शर्मा का ही है। उन्होंने कहा कि सुधीर शर्मा की कांग्रेस हाई कमान में अछि है पकड़ है और वो चाहेंगे तो टिकट ले भी लेंगे और न चहँगे तो टिकट अपने पसंद के किसी प्रत्याशी को टिकट दिलवा सकते है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आवेदन मांगे है उसके बाद पता चलेगा । उन्होंने कहा कि कांग्रेस में  धर्मशाला गुटबाजी काफी हावी है और उपचुनावों में देखने को भी मिल सकती है। 


 

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