कांगड़ा: धर्मशाला विधानसभा सीट में होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासत का पारा चढ़ने लगा है, लेकिन दोनों पार्टियां अपने प्रत्याशी तय करने में वक्त लगा रही हैं, जिस वजह से स्मार्ट सीटी में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है.
बीजेपी इस बार मैदान में नया चेहरा उतारेगी. वहीं, कांग्रेस से सुधीर शर्मा का नाम तय माना जा रहा है, लेकिन प्रत्याशियों के नाम की घोषणा न होने पर अटकलों का बाजार गर्म होता नजर आ रहा है. वहीं, दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता चुनावी मैदान में उतर गए हैं.
दोनों ही दलों ने धर्मशाला विस क्षेत्र को उपचुनाव के मद्देनजर जोनों में बांटा है. भाजपा जहां पहले ही धर्मशाला को चार जोनों में बांट चुकी है. वहीं, कांग्रेस ने धर्मशाला को उपचुनाव के लिए 12 जोनों में बांटकर प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं.
भाजपा की ओर से जहां मंत्रियों, विधायकों, चेयरमैन व वाइस चेयरमैन को जोनों की जिम्मेवारियां दी गई हैं, वहीं, कांग्रेस ने पदाधिकारियों को जोनों की कमान सौंपी है. भाजपा ने कोतवाली बाजार, सिद्धबाड़ी, दाडी और योल कैंट जोन में धर्मशाला विस क्षेत्र को बांटा है.
कांग्रेस ने विस क्षेत्र के शहरी क्षेत्रों को अलग, ग्रामीण क्षेत्रों को अलग और छावनी योल क्षेत्र को अलग-अलग जोन में बांटा है. हालांकि दोनों दलों के लिए उपचुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है, लेकिन भाजपा अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती दोनों विधानसभा सीटों पर 20 हजार की लीड का टारगेट फिक्स कर चुके हैं.
धर्मशाला में बनाए गए चार जोनों में बीजेपी ने प्रति जोन पांच हजार की लीड का लक्ष्य तय किया है, ऐसा इसलिए भी अहम है, क्योंकि चारों जोनों में मंत्री व विधायक मोर्चा संभालेंगे. वहीं, कांग्रेस के बड़े नेता भी धर्मशाला में आने वाले दिनों में कमान संभाल सकते हैं.
दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों के नामों की देरी को लेकर वरिष्ठ पत्रकार उदयवीर पठानिया का कहना है कि भाजपा में इस बार दावेदार बहुत हैं. उन्होंने कहा की सत्ता पक्ष के कई कार्यकर्ता टिकट की आश लगाए हुए हैं. वहीं, कांग्रेस में सुधीर शर्मा का नाम तय माना जा रहा है, लेकिन विस क्षेत्र में कांग्रेस की गुटबाजी नजर आ रही है. बता दें कि हिमाचल की दोनों विधानसभा सीटों पर 21 अक्टूबर को चुनाव होना है. वहीं, 24 अक्टूबर को मतगणना होगी.