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हिमाचल प्रदेश में बढ़ रहा बर्ड फ्लू का खतरा, अब तक 3 हजार 410 परिंदों की मौत

पौंग बांध में विदेशी मेहमानों के मरने का सिलसिला निरंतर जारी है. अब तक 3 हजार 410 विदेशी पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू के कारण हो चुकी है. ऐसा पहली बार हुआ है जब इतनी बड़ी संख्या में बर्ड फ्लू से प्रवासी पक्षियों की मौत हो रही है.

bird flu risk increasing in Himachal Pradesh
हिमाचल प्रदेश में बढ़ रहा बर्ड फ्लू का खतरा
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Published : Jan 7, 2021, 11:00 PM IST

धर्मशाला: विश्व प्रसिद्ध वेटलैंड साइट पौंग बांध में विदेशी मेहमानों के मरने का सिलसिला निरंतर जारी है. अब तक 3 हजार 410 विदेशी पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू के कारण हो चुकी है. वीरवार को वन्य प्राणी विभाग को करीब 381 विदेशी पक्षी झील के किनारे मृत मिले.

वन्य प्राणी विभाग की प्रधान मुख्य अरण्यपाल अर्चना शर्मा ने वीरवार को बर्ड फ्लू से प्रभावित नगरोटा सूरियां की वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी का टीम सहित दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया.

बर्ड फ्लू से पहली बार हो रही इतनी अधिक मौतें

अर्चना शर्मा ने कहा कि पौंग झील में ऐसा पहली बार हुआ है जब इतनी बड़ी संख्या में बर्ड फ्लू से प्रवासी पक्षियों की मौत हो रही है. अर्चना शर्मा ने कहा कि पौंग झील में बर्ड फ्लू से प्रभावित पक्षियों पर नजर रखने के लिए वन्य प्राणी विभाग ने 55 कर्मचारियों की 10 टीमें बनाई गई हैं.

टीमों को 200 पीपीई किट मुहैया

सुरक्षा के लिए 200 पीपीई किट मुहैया करवा दी हैं. फ्लू टीम को प्रभावित न करे, इसके लिए टैमी फ्लू दवाई भी उपलब्ध करवा दी गई है. उन्होंने कहा कि पौंग झील में सतर्कता बढ़ाने के लिए शीघ्र ही और टीमों का गठन किया जाएगा.

पक्षी की बीठ में 4 से 28 दिन तक रहता है संक्रमण

प्रधान मुख्य अरण्यपाल अर्चना शर्मा आज पौंग बांध में 2 दिनों तक स्थिति का जायजा लेने के बाद वापिस शिमला लौट गई. वन्य प्राणी विंग के विशेषज्ञों का कहना है कि फ्लू से संक्रमित पक्षी की बीठ में 4 से 28 दिन तक संक्रमण रहता है. अगर तापमान 20 डिग्री सैल्सियस से ज्यादा है तो बीठ में चार दिन तक वायरस रहता है. अगर 20 डिग्री से कम तापमान है तो फ्लू का वायरस एच5एन1 28 दिन तक रहता है.

रेड जोन में 15 पुलिस कर्मी तैनात

पौंग झील में रेड जोन में 15 पुलिस कर्मी तैनात कर दिए गए हैं जो लोगों और पशुओं की आवाजाही पर नजर रखेंगे. पुलिस चौकी प्रभारी सुरिंद्र सिंह ने बताया कि प्रशासनिक आदेशों के बाद झील क्षेत्र में नजर रखने के लिए पुलिस ने सतर्कता बढ़ा दी है.

गांवों में मर रहे कौवे

पौंग झील के किनारे बसे गांव नगरोटा सूरियां, खब्बल, सुगनाड़ा और जरोट गांवों में मृत कौवों के मिलने से दहशत का माहौल है. प्रवासी पक्षियों में बर्ड फ्लू के कारण मौत की पुष्टि के बाद कौवों की मौत से लोग सहमे हुए हैं. माना जा रहा है कि कौवे मृत प्रवासी पक्षियों को खाने के बाद उड़कर झील के किनारे बसे गांवों में आकर मर रहे हैं.

प्रशासन की लोगों से अपील

नगरोटा सूरियां के लोगों का कहना है कि जो कौवे गांव में आकर घरों के नजदीक खेतों में आकर मर रहे हैं, विभाग उन पर भी नजर रखे. पशु पालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. संजीव धीमान का कहना है कि लोग अगर घरों के पास किसी कौवे या अन्य पक्षी को मरा हुआ देखते हैं, तो इसकी सूचना नजदीकी पशु चिकित्सालय में दें.

ये भी पढ़ेंः दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को धर्मशाला पहुंचेंगे सीएम जयराम, करेंगे बर्ड फ्लू की समीक्षा

धर्मशाला: विश्व प्रसिद्ध वेटलैंड साइट पौंग बांध में विदेशी मेहमानों के मरने का सिलसिला निरंतर जारी है. अब तक 3 हजार 410 विदेशी पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू के कारण हो चुकी है. वीरवार को वन्य प्राणी विभाग को करीब 381 विदेशी पक्षी झील के किनारे मृत मिले.

वन्य प्राणी विभाग की प्रधान मुख्य अरण्यपाल अर्चना शर्मा ने वीरवार को बर्ड फ्लू से प्रभावित नगरोटा सूरियां की वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी का टीम सहित दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया.

बर्ड फ्लू से पहली बार हो रही इतनी अधिक मौतें

अर्चना शर्मा ने कहा कि पौंग झील में ऐसा पहली बार हुआ है जब इतनी बड़ी संख्या में बर्ड फ्लू से प्रवासी पक्षियों की मौत हो रही है. अर्चना शर्मा ने कहा कि पौंग झील में बर्ड फ्लू से प्रभावित पक्षियों पर नजर रखने के लिए वन्य प्राणी विभाग ने 55 कर्मचारियों की 10 टीमें बनाई गई हैं.

टीमों को 200 पीपीई किट मुहैया

सुरक्षा के लिए 200 पीपीई किट मुहैया करवा दी हैं. फ्लू टीम को प्रभावित न करे, इसके लिए टैमी फ्लू दवाई भी उपलब्ध करवा दी गई है. उन्होंने कहा कि पौंग झील में सतर्कता बढ़ाने के लिए शीघ्र ही और टीमों का गठन किया जाएगा.

पक्षी की बीठ में 4 से 28 दिन तक रहता है संक्रमण

प्रधान मुख्य अरण्यपाल अर्चना शर्मा आज पौंग बांध में 2 दिनों तक स्थिति का जायजा लेने के बाद वापिस शिमला लौट गई. वन्य प्राणी विंग के विशेषज्ञों का कहना है कि फ्लू से संक्रमित पक्षी की बीठ में 4 से 28 दिन तक संक्रमण रहता है. अगर तापमान 20 डिग्री सैल्सियस से ज्यादा है तो बीठ में चार दिन तक वायरस रहता है. अगर 20 डिग्री से कम तापमान है तो फ्लू का वायरस एच5एन1 28 दिन तक रहता है.

रेड जोन में 15 पुलिस कर्मी तैनात

पौंग झील में रेड जोन में 15 पुलिस कर्मी तैनात कर दिए गए हैं जो लोगों और पशुओं की आवाजाही पर नजर रखेंगे. पुलिस चौकी प्रभारी सुरिंद्र सिंह ने बताया कि प्रशासनिक आदेशों के बाद झील क्षेत्र में नजर रखने के लिए पुलिस ने सतर्कता बढ़ा दी है.

गांवों में मर रहे कौवे

पौंग झील के किनारे बसे गांव नगरोटा सूरियां, खब्बल, सुगनाड़ा और जरोट गांवों में मृत कौवों के मिलने से दहशत का माहौल है. प्रवासी पक्षियों में बर्ड फ्लू के कारण मौत की पुष्टि के बाद कौवों की मौत से लोग सहमे हुए हैं. माना जा रहा है कि कौवे मृत प्रवासी पक्षियों को खाने के बाद उड़कर झील के किनारे बसे गांवों में आकर मर रहे हैं.

प्रशासन की लोगों से अपील

नगरोटा सूरियां के लोगों का कहना है कि जो कौवे गांव में आकर घरों के नजदीक खेतों में आकर मर रहे हैं, विभाग उन पर भी नजर रखे. पशु पालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. संजीव धीमान का कहना है कि लोग अगर घरों के पास किसी कौवे या अन्य पक्षी को मरा हुआ देखते हैं, तो इसकी सूचना नजदीकी पशु चिकित्सालय में दें.

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