नूरपुर/कांगड़ा: नूरपुर की पंचायत भलून में सरकारी सीमेंट की लगभग 170 बोरियों के खराब होने का मामला सामने आया है. पंचायत उपप्रधान रणधीर सिंह ने कहा कि गांव के लोगों की ओर से उन्हें जानकारी दी गई कि हमारे घरों में सीमेंट पड़ा हुआ है और सीमेंट खराब हो चुका है. पंचायत उपप्रधान जब मौके पहुंचे तो, पाया कि घरों में कही 16 बोरियां थी तो कहीं इससे ज्यादा. इसके बाद पंचायत सचिव को इसकी जानकारी दी गई.
इस मामले के बारे में पंचायत सचिव ने प्रधान को अवगत करवाया. जिस पर पंचायत प्रधान ने बेतुका जवाब देते हुए कहा कि सीमेंट खराब है या नहीं ये देखना मेरा काम है. हमारी सरकार व प्रशासन से अपील है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए. पंचायत सचिव बलवन्त सिंह ने बताया कि 2018 से लंबित 14वें वित्तायोग के काम पंचायत प्रधान की वजह से नहीं हो पा रहे हैं. पंचायत प्रधान अपनी मनमानी कर रहे हैं.
ग्राम पंचायत प्रधान राजीव कुमार ने अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारते हुए कहा कि उन पर जो भी आरोप लगाए गए हैं, सब बेबुनियाद हैं. 170 सीमेंट की बोरियों के खराब होने की बात गलत है.
सीमेंट खराब हुआ है या नहीं ये जांच का विषय है, 70 सीमेंट की बोरियां रखी गई थी, लेकिन बारिश की वजह से समय पर कम नहीं हो सका. जिन लोगों का काम होना था उन्ही के घर पर सीमेंट रखा गया था और उन्हें काम करवाना था.
प्रधान राजीव कुमार ने बताया कि उन पर राजनीतिक द्वेष के कारण निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं. आरोप लग रहे हैं कि प्रधान अपनी मनमानी कर रहा है तो ये सरासर गलत आरोप हैं. अगर कोई मनरेगा में काम नहीं कर रहा है तो ये उनकी गलती है ना की प्रधान की. मेरा काम सामान उपलब्ध करवाना है. सीमेंट खराब होने की स्थिति में उसकी भरपाई मैं करूंगा.
खंड विकास अधिकारी नूरपुर डॉ. रोहित शर्मा ने बताया आज ही उनके पास लिखित में शिकायत आई है. जैसे मालूम हुआ कि सीमेंट का नुक्सान हो चुका है तो ये सरकारी संपत्ति का दुरूपयोग है. इस मामले की गहनता से जांच की जाएगी.
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