पालमपुर: विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने सुलह हलके की दो मुख्य कूहलों के सुधारीकरण कार्य का मौके पर पहुंचकर जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कूहलें किसानों के लिए जीवन रेखाएं हैं, जिनसे किसानों के खेत को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती-बाड़ी है और हमारे बुजुर्गों ने खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत से कई किलोमीटर कूहलों का निर्माण किया था.
विपिन सिंह परमार कहा कि वर्तमान में सरकार इन कूहलों का रख-रखाव कर हर खेत को सिंचाई सुविधा देने के लिये प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कूहलों के रख-रखाब और निर्माण पर करोड़ों रुपये व्यय कर किसानों के खेत तक सिंचाई सुविधा उपलब्ध कर उनकी आर्थिकी को मजबूत किया है. न्यूगल खड्ड से निकलने वाली कथूल कूहल के विस्तार और सुधार पर 2 करोड़ 6 लाख रुपये व्यय किए जा रहे हैं. इस कुहल से 106 हेक्टेयर (3 हजार कनाल) क्षेत्रों को सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी.
विधान सभा अध्यक्ष ने ग्राम पंचायत जिया/बड़सर में बनेर खड्ड से निकलने वाली कथुल कुहल डिगर-डाया का भी निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कूहल के सुधारीकरण कार्य से दरंग, धोरण और घनेटा के 273 हेक्टेयर (6 हजार कनाल) भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी. उन्होंने कहा कि 4 करोड़ 60 लाख रुपये से बनने वालह यह कूहल लगभग एक माह में बनकर तैयार हो जाएगी.
परमार ने कहा कि इन क्षेत्रों में पेयजल सुधार के लिए भी पुरानी पाईपों को बदलने के लिए पौने दो करोड़ रुपये व्यय किये जा रहे हैं. उन्होंने जल शक्ति विभाग को क्षेत्र की सभी कूहले सुचारू रूप से चलाने के दिशा-निर्देश जारी किए, ताकि किसानों को कठिनाई का सामना ना करना पड़े.
विधान सभा अध्यक्ष, विपिन सिंह परमार ने सुलह विधानसभा क्षेत्र के लिए पॉलिटेक्निक कॉलेज स्वीकृत करने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि सुलह विधान सभा क्षेत्र को पॉलिटेक्निक कॉलेज के साथ-साथ विभिन्न श्रेणियों के 29 पद भी स्वीकृत होने से यहां पढ़ाई बेहतर तरीके से संचालित की जा सकेगी. उन्होंने कहा कि सुलह क्षेत्र में बहुतकनीकी संस्थान की सालों पुरानी मांग को पूरा करने का प्रयास किया गया है.
ये भी पढ़ें: 400 साल पुरानी धरोहर को सहेजने का कार्य कर रहे ग्रामीण, लॉकडाउन में कर रहे जिर्णोद्धार