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ABVP ने कृषि मंत्री को लिखा पत्र, फूल उत्पादकों की मदद की लगाई गुहार

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एग्री विजन प्रांत संयोजक निखिल चंदेल ने कहा कि इस बार लॉकडाउन और कोविड-19 महामारी के कारण प्रदेश भर के फूल उत्पादक अपनी फसल को नहीं बेच पाए हैं. एबीवीपी कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर की इकाई के छात्रों ने कृषि मंत्री से गुहार लगाई है कि प्रदेश सरकार फूलों की खेती करने वाले किसानों को आर्थिक मदद दे.

flower farming
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Published : Jul 17, 2020, 3:43 PM IST

पालमपुर: देश के साथ-साथ प्रदेश में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना संकट के कारण प्रदेश के किसानों-बागवानों की आर्थिकी पर भी काफी असर पड़ा है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर की इकाई के छात्रों ने कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा से गुहार लगाई है कि प्रदेश सरकार फूलों की खेती करने वाले किसानों को आर्थिक मदद दे.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एग्री विजन प्रांत संयोजक निखिल चंदेल ने कहा कि इस बार लॉकडाउन और कोविड-19 महामारी के कारण प्रदेश भर के फूल उत्पादक अपनी फसल को नहीं बेच पाए हैं. जहां पिछले साल 86.99 करोड़ रुपए अनुमानित मूल्य की फसल हुई थी, इस बार किसानों की कोई आय नहीं हुई है.

वीडियो रिपोर्ट.

निखिल चंदेल ने कहा कि प्रदेश में फूलों के अधीन 200 हेक्टेयर से अधिक भूमि है और इस क्षेत्र में विशाल संभावनाएं हैं. यदि पॉलीहाउस में कारनेशन लगा हो तो 500 वर्ग मीटर पॉलीहाउस में एक लाख के लगभग केवल बीज के लिए कटिंग लेने में लग जाता है. जिसकी वजह से शुरूआती लागत काफी ज्यादा बढ़ जाती है.

कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कई विद्यार्थियों ने ईमेल के माध्यम से पत्र लिखकर इस मुद्दे को माननीय कृषि मंत्री हिमाचल प्रदेश के समक्ष रखा है और उनसे मांग की है कि वह फूलों की खेती करने वाले किसानों की आय को सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए.

ये भी पढ़ें: कुल्लू में सेब की फसल पर स्कैब का खतरा, उद्यान विभाग ने स्प्रे के दिए निर्देश

ये भी पढ़ें: भारत के आखिरी गांव छितकुल में चला स्वच्छता अभियान, कूड़ा फैलाने पर लगेगा जुर्माना

पालमपुर: देश के साथ-साथ प्रदेश में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना संकट के कारण प्रदेश के किसानों-बागवानों की आर्थिकी पर भी काफी असर पड़ा है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर की इकाई के छात्रों ने कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा से गुहार लगाई है कि प्रदेश सरकार फूलों की खेती करने वाले किसानों को आर्थिक मदद दे.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एग्री विजन प्रांत संयोजक निखिल चंदेल ने कहा कि इस बार लॉकडाउन और कोविड-19 महामारी के कारण प्रदेश भर के फूल उत्पादक अपनी फसल को नहीं बेच पाए हैं. जहां पिछले साल 86.99 करोड़ रुपए अनुमानित मूल्य की फसल हुई थी, इस बार किसानों की कोई आय नहीं हुई है.

वीडियो रिपोर्ट.

निखिल चंदेल ने कहा कि प्रदेश में फूलों के अधीन 200 हेक्टेयर से अधिक भूमि है और इस क्षेत्र में विशाल संभावनाएं हैं. यदि पॉलीहाउस में कारनेशन लगा हो तो 500 वर्ग मीटर पॉलीहाउस में एक लाख के लगभग केवल बीज के लिए कटिंग लेने में लग जाता है. जिसकी वजह से शुरूआती लागत काफी ज्यादा बढ़ जाती है.

कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कई विद्यार्थियों ने ईमेल के माध्यम से पत्र लिखकर इस मुद्दे को माननीय कृषि मंत्री हिमाचल प्रदेश के समक्ष रखा है और उनसे मांग की है कि वह फूलों की खेती करने वाले किसानों की आय को सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए.

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