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युवाओं ने विजय दिवस पर की गांव के कुंए सफाई, लोगों से की सहयोग की अपील

भोरंज के तरक्वाड़ी गांव के युवाओं ने विजय दिवस पर शहीदों को याद करने के साथ-साथ गांव को स्वच्छ रखने का प्रण लेते हुए कुएं की सफाई भी की. साथ ही गांव के अन्य जल स्त्रोतों की साफ-सफाई करने का संकल्प लेते हुए युवाओं ने इस अभियान में अन्य लोगों से भी सहयोग की अपेक्षा की है.

कुएं की सफाई
कुएं की सफाई
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Published : Jul 26, 2020, 3:37 PM IST

भोरंज/हमीरपुर: उपमंडल भोरंज के तरक्वाड़ी गांव के युवाओं ने विजय दिवस पर शहीदों को याद करने के साथ-साथ गांव को स्वच्छ रखने का प्रण लेते हुए कुएं की सफाई भी की.

विजय दिवस के मौके पर जल संरक्षण को ध्यान में रखते हुए गांव के कुछ युवाओं ने श्रमदान कर वर्षों से उपेक्षित और गंदगी से भरे कुएं की सफाई कर एक बेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया. इस तरह की पहल कर निश्चित रूप से युवाओं ने समाज को आईना दिखाने का काम किया है.

कुएं की साफ-सफाई में लगे युवाओं ने कहा है कि नल लगने से लोग प्राकृतिक जल स्त्रोतों को भूल गए हैं. आज के दौर में प्राकृतिक जल स्त्रोतों की हालत किसी से छिपी नहीं है. तमाम लोग अपने घरों के कूड़ा करकट इधर-उधर फैंक देते हैं. जिससे जल स्त्रोतों को नुकसान पहुंच रहा है. ऐसे में कुएं के महत्व को नकारा नहीं जा सकता. मौजूदा स्थिति को देखते हुए प्राकृतिक जल स्त्रोतों को बचाना बहुत जरूरी है.

गांव के अन्य जल स्त्रोतों की साफ-सफाई करने का संकल्प लेते हुए युवाओं ने इस अभियान में अन्य लोगों से भी सहयोग की अपेक्षा की है. कुएं की साफ सफाई में प्रमुख रूप से रवि वनियाल, अशोक, संजीव, अजीत, विनोद, राकेश शामिल रहे.

बता दें कि भारतीय सेना ने कारगिल की बर्फीली पहाड़ियों पर करीब तीन महीने चले युद्ध के बाद 26 जुलाई, 1999 को पाक को पराजित किया था. 'ऑपरेशन विजय' सफलतापूर्वक पूरा होने और जीत की घोषणा के उपलक्ष्य में हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. इस युद्ध में देश के 500 से अधिक जवान शहीद हो गए थे.

पढ़ें: वायरल वीडियो: एकदम से सड़क पर आ गए बेसहारा पशु, बाल-बाल बची गाड़ी में सवार लोगों की जान

भोरंज/हमीरपुर: उपमंडल भोरंज के तरक्वाड़ी गांव के युवाओं ने विजय दिवस पर शहीदों को याद करने के साथ-साथ गांव को स्वच्छ रखने का प्रण लेते हुए कुएं की सफाई भी की.

विजय दिवस के मौके पर जल संरक्षण को ध्यान में रखते हुए गांव के कुछ युवाओं ने श्रमदान कर वर्षों से उपेक्षित और गंदगी से भरे कुएं की सफाई कर एक बेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया. इस तरह की पहल कर निश्चित रूप से युवाओं ने समाज को आईना दिखाने का काम किया है.

कुएं की साफ-सफाई में लगे युवाओं ने कहा है कि नल लगने से लोग प्राकृतिक जल स्त्रोतों को भूल गए हैं. आज के दौर में प्राकृतिक जल स्त्रोतों की हालत किसी से छिपी नहीं है. तमाम लोग अपने घरों के कूड़ा करकट इधर-उधर फैंक देते हैं. जिससे जल स्त्रोतों को नुकसान पहुंच रहा है. ऐसे में कुएं के महत्व को नकारा नहीं जा सकता. मौजूदा स्थिति को देखते हुए प्राकृतिक जल स्त्रोतों को बचाना बहुत जरूरी है.

गांव के अन्य जल स्त्रोतों की साफ-सफाई करने का संकल्प लेते हुए युवाओं ने इस अभियान में अन्य लोगों से भी सहयोग की अपेक्षा की है. कुएं की साफ सफाई में प्रमुख रूप से रवि वनियाल, अशोक, संजीव, अजीत, विनोद, राकेश शामिल रहे.

बता दें कि भारतीय सेना ने कारगिल की बर्फीली पहाड़ियों पर करीब तीन महीने चले युद्ध के बाद 26 जुलाई, 1999 को पाक को पराजित किया था. 'ऑपरेशन विजय' सफलतापूर्वक पूरा होने और जीत की घोषणा के उपलक्ष्य में हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. इस युद्ध में देश के 500 से अधिक जवान शहीद हो गए थे.

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