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पगडंडियों पर सीढ़ी लगाकर इस गांव के बच्चे पहुंच रहे स्कूल, बरसात ने बढ़ा दी मुश्किल - himachal government

प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने जिला हमीरपुर के कुछ गांव की स्थिति इतनी दयनीय कर दी है कि वहां के ग्रामीण अपनी और अपने बच्चों की जान जोखिम में डाल कर रास्ता पार करने को मजबूर हो गए हैं.

सीढ़ी लगाकर बच्चे पहुंच रहे स्कूल
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Published : Aug 14, 2019, 1:47 PM IST

हमीरपुर: जिला हमीरपुर के बिझड़ी के तहत बुनाणी गांव के लोगों को बरसात के मौसम में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बिझड़ी बाजार तक पहुंचने के लिए एक मात्र रास्ता पिछले दिनों हुई बारिश से क्षतिग्रस्त हो चुका है. जिससे क्षेत्र के लोगों को काफी परेशानी हो रही है.

जिला मुख्यालय हमीरपुर से के 40 से 50 किलोमीटर के आस-पास बसे गांव बरसात के दौरान प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों से भी अधिक पिछड़े हुए नजर आ रहे हैं. हालात ऐसे हैं कि पगडंडियों पर भी गांव के बच्चों को सीढ़ियों का सहारा लेकर स्कूल पहुंचना पड़ रहा है.

बुनाणी आरा मशीन के पास से पैदल चलना तो दूर लोग जान जोखिम में डालकर अपने बच्चों के साथ बांस की सीढ़ी लगाकर गंतव्यों की ओर जाने का मजबूर हैं. विशेषकर स्कूल जाने वाले बच्चे और बूढ़े लोगों को इन दिनों काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. जहां से यह रास्ता टूटा हुआ है, वहां से ऊपर की तरफ चढ़ने में काफी तीखी चढ़ाई है. इस तरह के हालात किसी बड़ी घटना को निमंत्रण दे रहे हैं.

गांव के लोगों का कहना है कि जो लोग साधन संपन्न हैं वे तो अपने निजी वाहनों के माध्यम से अतिरिक्त दूरी तय कर बिझड़ी पहुंच जाते हैं, लेकिन जो लोग पैदल रास्ते पर निर्भर हैं उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. विशेषकर इस गांव के बच्चे जो सरकारी स्कूल बिझड़ी में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, उन्हें आने जाने में काफी समस्या हो रही है.

जब इस बारे में उपप्रधान बिझड़ी पंचायत संजय शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पंचायत ने रास्ते का निर्माण करवाया था, लेकिन पिछले दिनों हुई भारी बारिश से रास्ता टूट गया है. पंचायत के प्रतिनिधि शीघ्र स्पॉट पर जाएंगे और वैकल्पिक रास्ते के बारे में प्रारूप तैयार किया जाएगा.

हमीरपुर: जिला हमीरपुर के बिझड़ी के तहत बुनाणी गांव के लोगों को बरसात के मौसम में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बिझड़ी बाजार तक पहुंचने के लिए एक मात्र रास्ता पिछले दिनों हुई बारिश से क्षतिग्रस्त हो चुका है. जिससे क्षेत्र के लोगों को काफी परेशानी हो रही है.

जिला मुख्यालय हमीरपुर से के 40 से 50 किलोमीटर के आस-पास बसे गांव बरसात के दौरान प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों से भी अधिक पिछड़े हुए नजर आ रहे हैं. हालात ऐसे हैं कि पगडंडियों पर भी गांव के बच्चों को सीढ़ियों का सहारा लेकर स्कूल पहुंचना पड़ रहा है.

बुनाणी आरा मशीन के पास से पैदल चलना तो दूर लोग जान जोखिम में डालकर अपने बच्चों के साथ बांस की सीढ़ी लगाकर गंतव्यों की ओर जाने का मजबूर हैं. विशेषकर स्कूल जाने वाले बच्चे और बूढ़े लोगों को इन दिनों काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. जहां से यह रास्ता टूटा हुआ है, वहां से ऊपर की तरफ चढ़ने में काफी तीखी चढ़ाई है. इस तरह के हालात किसी बड़ी घटना को निमंत्रण दे रहे हैं.

गांव के लोगों का कहना है कि जो लोग साधन संपन्न हैं वे तो अपने निजी वाहनों के माध्यम से अतिरिक्त दूरी तय कर बिझड़ी पहुंच जाते हैं, लेकिन जो लोग पैदल रास्ते पर निर्भर हैं उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. विशेषकर इस गांव के बच्चे जो सरकारी स्कूल बिझड़ी में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, उन्हें आने जाने में काफी समस्या हो रही है.

जब इस बारे में उपप्रधान बिझड़ी पंचायत संजय शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पंचायत ने रास्ते का निर्माण करवाया था, लेकिन पिछले दिनों हुई भारी बारिश से रास्ता टूट गया है. पंचायत के प्रतिनिधि शीघ्र स्पॉट पर जाएंगे और वैकल्पिक रास्ते के बारे में प्रारूप तैयार किया जाएगा.

Intro:पगडंडियों पर सीढ़ी लगाकर इस गांव के बच्चे पहुंच रहे स्कूल, बरसात ने बढ़ा दी मुश्किल
हमीरपुर।
जिला मुख्यालय के 40 से 50 किलोमीटर के इर्द-गिर्द बसे गांव भी बरसात में दुर्गम क्षेत्रों से अधिक पिछड़े हुए नजर आते हैं। हालात ऐसे हैं कि पगडंडियों पर भी गांव के बच्चों को सीढ़ियों का सहारा लेकर स्कूल पहुंचना पड़ रहा है। जी हां ऐसे हालात हैं
विकास खंड बिझड़ी के तहत पड़ते बुनाणी गांव के। इस गांव बाशिंदे आजकल परेशानी से गुजर रहे हैं। बिझड़ी बाजार तक पहुंचने के लिए एक मात्र रास्ता पिछले दिनों हुई बारिश से क्षतिग्रस्त हो चुका है।
बुनाणी आरा मशीन के पास से पैदल चलना तो दूर लोग जान जोखिम में डालकर खुद व अपने बच्चों को बांस की सीढ़ी लगाकर गंतव्यों की ओर ले जा रहे हैं। विशेषकर स्कूल जाने वाले बच्चे और बूढ़े लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। जहां से यह रास्ता टूटा है, वहां से ऊपर की तरफ चढ़ने में काफी तीखी चढ़ाई है। जो टूटा हुआ रास्ता बचा है वो कभी भी गिर सकता है और किसी को भी अपने लपेटे में ले सकता है। गांव के लोगों में शालू, कश्मीरी देवी, सरोती देवी, शुभम, दिप्ती, छोटू आदि का कहना है कि जो लोग साधन संपन्न हैं वे तो अपने निजी वाहनों के माध्यम से अतिरिक्त दूरी तय कर बिझड़ी पहुंच जाते हैं लेकिन, जो लोग पैदल रास्ते पर निर्भर हैं उन्हें परेशानी हो रही है। विशेषकर इस गांव के बच्चे जो सरकारी स्कूल बिझड़ी में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, उनको आने जाने में काफी समस्या हो रही है। उधर जब इस बारे में उपप्रधान बिझड़ी पंचायत संजय शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पंचायत ने रास्ते का निर्माण करवाया था। लेकिन, पिछले दिनों हुई भारी बारिश से रास्ता टूट गया है। पंचायत के प्रतिनिधि शीघ्र स्पॉट पर जाएंगे और वैकल्पिक रास्ते के बारे में प्रारूप तैयार किया जाएगा।


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