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पेपर लीक मामला: ट्रैफिक इंस्पेक्टर भर्ती का पेपर भी हुआ था लीक, गड़बड़ी पाए जाने पर विजिलेंस ने दर्ज की FIR - पेपर लीक मामला

भंग हो चुके हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित की गई ट्रैफिक इंस्पेक्टर की परीक्षा में पेपर लीक का प्रमाण मिलने के बाद विजिलेंस ने एक और एफआईआर दर्ज कर ली है. कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित की गई पोस्ट कोड- 819 ट्रैफिक इंस्पेक्टर की परीक्षा में रिजल्ट निकल चुका है और चयनित छह लोग ज्वाइन भी कर गए हैं. पेपर लीक के मामले में यह पांचवीं एफआईआर है. विजिलेंस की जांच में खुलासा हुआ है कि परीक्षा के सात दिन बाद ही अभ्यर्थी और आरोपियों के बीच लेन-देन हुआ था.

पेपर लीक मामला
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Published : Mar 23, 2023, 7:20 AM IST

हमीरपुर: कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर पेपर लीक मामले में विजिलेंस ने पांचवीं एफआईआर दर्ज की है. पोस्टकोड-819 ट्रैफिक इंस्पेक्टर का पर्चा भी आरोपियों ने लीक कर दिया था. विजिलेंस की जांच में पुख्ता तथ्य पाए जाने के बाद पेपर लीक प्रकरण में यह पांचवीं एफआईआर दर्ज की गई है. मुख्य आरोपी उमा आजाद, दोनों बेटे और एक अन्य अभ्यर्थी के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया है. फिलहाल मुख्य आरोपी उमा आजाद और उसके दोनों बेटे न्यायिक हिरासत में हैं.

पेपर लीक प्रकरण में एक के बाद एक अलग-अलग पोस्ट कोड के पर्चे लीक जाने की पुष्टि होने के बाद विजिलेंस जांच को आगे बढ़ा रही है. भंग किए जा चुके कर्मचारी चयन आयोग की गोपनीय शाखा में तैनात निलंबित महिला कर्मचारी उमा आजाद के खिलाफ जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्टकोड-965 पेपर लीक मामले में पहली एफआईआर दर्ज की गई थी. 23 दिसंबर 2022 को यह एफआईआर दर्ज हुई थी. मामले में अलग-अलग को पोस्ट कोड में अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई है, जिसके चलते पिछले 3 महीनों से मुख्य आरोपी उमा आजाद और उसके दो बेटे न्यायिक हिरासत में है.

पोस्टकोड-819 ट्रैफिक इंस्पेक्टर का पर्चा लीक किए जाने की पुष्टि होने के बाद अब एक बार फिर से इन तीनों आरोपियों की न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ सकती हैं. मामले में आरोपी बनाए गए एक अन्य अभ्यर्थी की गिरफ्तारी को लेकर भी विजिलेंस की टीम लगातार प्रयास कर रही है. गौरतलब है कि जूनियर ऑफिस अस्सिटेंट पोस्ट कोड 965 की परीक्षा 25 दिसंबर को प्रस्तावित थी, लेकिन दो दिन पहले ही 23 दिसंबर 2022 को पेपर लीक प्रकरण का भंडाफोड़ विजिलेंस ने किया था, जिसके बाद एक के बाद एक परीक्षाओं में धांधली सामने आई थी. अब विजिलेंस की जांच में ट्रैफिक इंस्पेक्टर की लिखित परीक्षा का पर्चा भी लीक होने की पुष्टि होने का खुलासा हुआ है.

6 पदों को भरने के लिए यह भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी. 35,000 से अधिक अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा के लिए आवेदन किया था. 21 सितंबर 2020 से इस भर्ती परीक्षा के लिए प्रक्रिया शुरू की गई थी. पुलिस अधीक्षक विजिलेंस मंडी राहुल नाथ का कहना है कि ट्रैफिक इंस्पेक्टर की परीक्षा में गड़बड़ी की पुष्टि होने पर 5 वी एफआईआर दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि पेपर देख प्रकरण में लगातार जांच जारी है. इस मामले में कुल 4 आरोपियों पर एफआईआर दर्ज हुई है.

ये भी पढ़ें: 100 दिन की कांग्रेस सरकार में कर्मचारी चयन आयोग भंग, सरकारी तंत्र से भर्तियों में विश्वास जगाने का प्रयास

हमीरपुर: कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर पेपर लीक मामले में विजिलेंस ने पांचवीं एफआईआर दर्ज की है. पोस्टकोड-819 ट्रैफिक इंस्पेक्टर का पर्चा भी आरोपियों ने लीक कर दिया था. विजिलेंस की जांच में पुख्ता तथ्य पाए जाने के बाद पेपर लीक प्रकरण में यह पांचवीं एफआईआर दर्ज की गई है. मुख्य आरोपी उमा आजाद, दोनों बेटे और एक अन्य अभ्यर्थी के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया है. फिलहाल मुख्य आरोपी उमा आजाद और उसके दोनों बेटे न्यायिक हिरासत में हैं.

पेपर लीक प्रकरण में एक के बाद एक अलग-अलग पोस्ट कोड के पर्चे लीक जाने की पुष्टि होने के बाद विजिलेंस जांच को आगे बढ़ा रही है. भंग किए जा चुके कर्मचारी चयन आयोग की गोपनीय शाखा में तैनात निलंबित महिला कर्मचारी उमा आजाद के खिलाफ जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्टकोड-965 पेपर लीक मामले में पहली एफआईआर दर्ज की गई थी. 23 दिसंबर 2022 को यह एफआईआर दर्ज हुई थी. मामले में अलग-अलग को पोस्ट कोड में अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई है, जिसके चलते पिछले 3 महीनों से मुख्य आरोपी उमा आजाद और उसके दो बेटे न्यायिक हिरासत में है.

पोस्टकोड-819 ट्रैफिक इंस्पेक्टर का पर्चा लीक किए जाने की पुष्टि होने के बाद अब एक बार फिर से इन तीनों आरोपियों की न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ सकती हैं. मामले में आरोपी बनाए गए एक अन्य अभ्यर्थी की गिरफ्तारी को लेकर भी विजिलेंस की टीम लगातार प्रयास कर रही है. गौरतलब है कि जूनियर ऑफिस अस्सिटेंट पोस्ट कोड 965 की परीक्षा 25 दिसंबर को प्रस्तावित थी, लेकिन दो दिन पहले ही 23 दिसंबर 2022 को पेपर लीक प्रकरण का भंडाफोड़ विजिलेंस ने किया था, जिसके बाद एक के बाद एक परीक्षाओं में धांधली सामने आई थी. अब विजिलेंस की जांच में ट्रैफिक इंस्पेक्टर की लिखित परीक्षा का पर्चा भी लीक होने की पुष्टि होने का खुलासा हुआ है.

6 पदों को भरने के लिए यह भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी. 35,000 से अधिक अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा के लिए आवेदन किया था. 21 सितंबर 2020 से इस भर्ती परीक्षा के लिए प्रक्रिया शुरू की गई थी. पुलिस अधीक्षक विजिलेंस मंडी राहुल नाथ का कहना है कि ट्रैफिक इंस्पेक्टर की परीक्षा में गड़बड़ी की पुष्टि होने पर 5 वी एफआईआर दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि पेपर देख प्रकरण में लगातार जांच जारी है. इस मामले में कुल 4 आरोपियों पर एफआईआर दर्ज हुई है.

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