हमीरपुर: मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में इस साल स्वास्थ्य विभाग में भर्ती हुई युवा नर्सों ने कोरोना महामारी के दौर में बेहतरीन सेवाएं देते हुए सराहनीय काम किया है. जान जोखिम में डालकर मेडिकल कॉलेज हमीरपुर की कई नर्सें सेवाएं दे रही हैं. इनके इस कार्य की हर कोई सराहना कर रहा है. करियर की शुरुआत के पहले कुछ महीनों में ही मेडिकल कॉलेज हमीरपुर की कई नर्सें सेकेंडरी आइसोलेशन कोविड-19 अस्पताल भोटा में सेवाएं दे रही हैं.
अस्पताल में दूसरे बैच में सेवाएं देने वाली ये युवा शक्ति अपना आइसोलेशन पीरियड पूरा करने के बाद फिर से एक बार मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में अपनी सेवाएं देने के लिए तैनात हो गई हैं. ईटीवी भारत की टीम ने इन कोरोना योद्धाओं से बातचीत की और जाना की उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में किन-किन तरह की चुनौतियों का सामना किया.
कनिका शर्मा ने बताया कि ड्यूटी को उन्होंने जनसेवा का अवसर माना और साथ ही घर वालों का भी उन्हें पूरा साथ मिला. साक्षी ने बताया कि निजी जिंदगी फर्ज के बाद होती है. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने सभी नई नर्सों का हौसला बढ़ाया. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की तरफ से भी उन्हें हर सुविधा दी गई करीब पांच महीने पहले ड्यूटी पर तैनात होने वाली प्रियंका का कहना है कि उनके लिए तो खुशी की बात है कि वह मानवता की सेवा में योगदान दे रही हैं. चुनौती में अवसर छिपा होता है. उन्होंने कहा कि वो आगे भी इसी तरह जनसेवा करती रहेंगी.
नर्सिंग अधीक्षक वीना बन्याल का कहना है कि भोटा चैरिटेबल अस्पताल में कोरोना मरीजों का उपचार करने के लिए दूसरे बैच में इस साल ड्यूटी ज्वाइन करने वाली कई नर्सों को भेजा गया था. उन्होंने घबराने के बजाय इस चुनौती को स्वीकार किया.