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कोरोना से जंग: हमीरपुर में 35 हजार मजदूर रोजी-रोटी के लिए हुए मजबूर, बर्तन... जेब दोनों खाली

हमीरपुर में अपना घर छोड़ रोजी-रोटी की तलाश में आए मजदूरों पर अब लॉकडाउन बढ़ने के बाद रोटी का संकट खड़ा हो गया है. प्रवासी मजदूरों के पास न खाने का आटा बचा है न चावल. वहीं, उधार ज्यादा होने के कारण दुकानदारों ने भी मुंह फेर लिया है.ऐसे में बस अब निगाहें सरकारी मदद की तरफ है. कब राशन पहुंचेगी और चूल्हा जलेगा.

The crisis of bread deepens in Hamirpur laborers
खाने का आटा बचा न चावल
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Published : Apr 15, 2020, 3:27 PM IST

हमीरपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 3 मई तक लॉकडाउन की घोषणा के बाद प्रवासी मजदूरों की परेशानी बढ़ गई है. जिले में 35 हजार से अधिक प्रवासी मजदूर लॉकडाउन में फंस गए हैं. पहली बार लॉकडाउन होने की स्थिति में उन्हें जिला प्रशासन की तरफ से राशन उपलब्ध करवाया गया था, लेकिन अब वह राशन भी खत्म हो गया है. दुकानदारों ने उधार देना भी बंद कर दिया है.

ईटीवी भारत की टीम ने बोहनी पंचायत में किराए के घरों में रहने वाले प्रवासियों से बातचीत की. इस दौरान प्रवासियों ने बताया एक बार प्रशासन की तरफ से जो राशन उपलब्ध करवाया गया था वह अब खत्म हो चुका है. कुछ परिवार तो ऐसे भी थे जिनका कहना था कि अब दो नहीं एक टाइम ही खाना खा कर गुजारा करना पड़ रहा है. दुकानदारों ने भी अब राशन देना बंद कर दिया है दुकानों में हजारों रुपए का उधार हो चुका है.

वीडियो

बरेली निवासी रजनीश ने बताया एक बार राशन मिला, लेकिन अब वह खत्म हो चुका है. यदि राशन मिलेगा तो उनका पेट भरेगा नहीं तो भूखा रहना पड़ेगा. उन्होंने प्रशासन से जल्द राशन उपलब्ध कराने की मांग की. महिला मजदूर मंगनेश का कहना है कि एक बार जो राशन मिला था वह खत्म हो गया. 5 बच्चों का पेट भरना मुश्किल हो गया है.

महिला मजदूर रूपमती ने बताया एक टाइम ही खाना नसीब हो रहा है. कभी दाल नहीं होती तो कभी सब्जी नहीं. यदि ऐसे हालात रहे तो उनकी मुश्किलें बढ़ जाएंगी. मजदूर सोनपाल का कहना है कि जो मिल रहा है उस में ही गुजारा करना पड़ रहा है. परिवार में सात सदस्यों को 15 किलो राशन मिला था. वह कुछ दिन में खत्म हो गया. कभी नमक को कभी चटनी से काम चलाना पड़ रहा है.

महिला मजदूर ने बताया दुकानदार का एक हजार उधार हो गया था जिसके बाद से राशन देने में आनाकानी करने लगा. उपायुक्त हरिकेश मीणा ने बताया द्वितीय चरण के तहत 10 अप्रैल से एक बार फिर जरूरतमंदों को राशन वितरित करने का कार्य चल रहा है. प्रथम चरण के तहत 40,000 से अधिक जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध करवाया गया. जिला प्रशासन का प्रयास है कि हर जरूरतमंद तक पहुंच कर उसे राशन उपलब्ध करवाया जाए.

आपको बता दें कि जिला प्रशासन की तरफ से राशन वितरण के प्रथम चरण के तहत 40,000 से अधिक गरीब लोगों और मजदूरों को राशन वितरित किया गया था 10 अप्रैल से राशन वितरण का द्वितीय चरण शुरू किया गया था, लेकिन इस चरण के तहत अभी तक का सभी मजदूरों को कवर नहीं किया जा सका. जिस कारण अधिकतर मजदूर ऐसे हैं जिन तक प्रशासन नहीं पहुंच सका. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एलान के बाद 3 मई तक लॉकडाउन के बढ़ने से मजदूरों की चिंता को बढ़ा दिया, हालांकि जिला प्रशासन का दावा है कि जल्द ही सभी प्रवासी मजदूरों और जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध कराया जाएगा.

ये भी पढ़ें: लॉकडाउन के चलते प्रदेश के ब्लड बैंक होने लगे खाली! मरीजों को मुश्किल से मिल रहा खून

हमीरपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 3 मई तक लॉकडाउन की घोषणा के बाद प्रवासी मजदूरों की परेशानी बढ़ गई है. जिले में 35 हजार से अधिक प्रवासी मजदूर लॉकडाउन में फंस गए हैं. पहली बार लॉकडाउन होने की स्थिति में उन्हें जिला प्रशासन की तरफ से राशन उपलब्ध करवाया गया था, लेकिन अब वह राशन भी खत्म हो गया है. दुकानदारों ने उधार देना भी बंद कर दिया है.

ईटीवी भारत की टीम ने बोहनी पंचायत में किराए के घरों में रहने वाले प्रवासियों से बातचीत की. इस दौरान प्रवासियों ने बताया एक बार प्रशासन की तरफ से जो राशन उपलब्ध करवाया गया था वह अब खत्म हो चुका है. कुछ परिवार तो ऐसे भी थे जिनका कहना था कि अब दो नहीं एक टाइम ही खाना खा कर गुजारा करना पड़ रहा है. दुकानदारों ने भी अब राशन देना बंद कर दिया है दुकानों में हजारों रुपए का उधार हो चुका है.

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बरेली निवासी रजनीश ने बताया एक बार राशन मिला, लेकिन अब वह खत्म हो चुका है. यदि राशन मिलेगा तो उनका पेट भरेगा नहीं तो भूखा रहना पड़ेगा. उन्होंने प्रशासन से जल्द राशन उपलब्ध कराने की मांग की. महिला मजदूर मंगनेश का कहना है कि एक बार जो राशन मिला था वह खत्म हो गया. 5 बच्चों का पेट भरना मुश्किल हो गया है.

महिला मजदूर रूपमती ने बताया एक टाइम ही खाना नसीब हो रहा है. कभी दाल नहीं होती तो कभी सब्जी नहीं. यदि ऐसे हालात रहे तो उनकी मुश्किलें बढ़ जाएंगी. मजदूर सोनपाल का कहना है कि जो मिल रहा है उस में ही गुजारा करना पड़ रहा है. परिवार में सात सदस्यों को 15 किलो राशन मिला था. वह कुछ दिन में खत्म हो गया. कभी नमक को कभी चटनी से काम चलाना पड़ रहा है.

महिला मजदूर ने बताया दुकानदार का एक हजार उधार हो गया था जिसके बाद से राशन देने में आनाकानी करने लगा. उपायुक्त हरिकेश मीणा ने बताया द्वितीय चरण के तहत 10 अप्रैल से एक बार फिर जरूरतमंदों को राशन वितरित करने का कार्य चल रहा है. प्रथम चरण के तहत 40,000 से अधिक जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध करवाया गया. जिला प्रशासन का प्रयास है कि हर जरूरतमंद तक पहुंच कर उसे राशन उपलब्ध करवाया जाए.

आपको बता दें कि जिला प्रशासन की तरफ से राशन वितरण के प्रथम चरण के तहत 40,000 से अधिक गरीब लोगों और मजदूरों को राशन वितरित किया गया था 10 अप्रैल से राशन वितरण का द्वितीय चरण शुरू किया गया था, लेकिन इस चरण के तहत अभी तक का सभी मजदूरों को कवर नहीं किया जा सका. जिस कारण अधिकतर मजदूर ऐसे हैं जिन तक प्रशासन नहीं पहुंच सका. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एलान के बाद 3 मई तक लॉकडाउन के बढ़ने से मजदूरों की चिंता को बढ़ा दिया, हालांकि जिला प्रशासन का दावा है कि जल्द ही सभी प्रवासी मजदूरों और जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध कराया जाएगा.

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