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जमीन की खरीद-फरोख्त और भवन निर्माण में टीसीपी की मंजूरी जरूरी, वरना भरनी पड़ेगी 4 से 6 गुना फीस - Himachal hindi news

हमीरपुर के कई ग्रामीण इलाकों में भवन निर्माण में अब टीसीपी की मंजूरी लेना जरूरी होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि हाल ही के दिनों में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने हमीरपुर जिले में अपने एरिया में बदलाव किया है. आगामी दिनों में नगर निगम के गठन के बाद इस एरिया में और भी बदलाव संभव है. अगर भवन निर्माण से पहले आपने भी मंजूरी नहीं ली तो आपको 4 से 6 गुना फीस भरनी पड़ सकती है.

टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने हमीरपुर
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने हमीरपुर
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Published : Feb 27, 2023, 6:56 PM IST

Updated : Feb 27, 2023, 7:28 PM IST

सहायक नगर योजनाकार हमीरपुर रोहित भारद्वाज.

हमीरपुर: हमीरपुर जिले में टीसीपी के एरिया में जमीन की खरीद-फरोख्त पर विभाग से मंजूरी जरूरी है. हाल ही के दिनों में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने हमीरपुर जिले में अपने एरिया में बदलाव किया है. आगामी दिनों में नगर निगम के गठन के बाद इस एरिया में और भी बदलाव संभव है. विभाग की तरफ से लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि जमीन की खरीद-फरोख्त से पहले विभाग से एनओसी जरूर लें. विभाग के जागरूकता अभियानों के बावजूद यह पाया गया है कि हमीरपुर प्लानिंग एरिया के 52 राजस्व गांव में जमीन के खरीद-फरोख्त के लिए किसी भी विभाग से मंजूरी नहीं ली जा रही है.

दरअसल टीसीपी विभाग के एरिया में एक जमीन से 1 से अधिक शेयर बेचने पर टीसीपी विभाग की एनओसी के साथ ही अन्य औपचारिकताएं भी पूरी करना जरूरी है. विभाग की तरफ से हिंदू संयुक्त परिवार के प्रावधान के मुताबिक एनओसी लेने में शर्त से राहत दी जाती है. जबकि प्लानिंग एरिया के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में भूमि की खरीद-फरोख्त में भी टीसीपी विभाग की शर्तों के मुताबिक मंजूरी लेना अनिवार्य है.

जमीन की खरीद-फरोख्त के बाद अनुमति की प्रक्रिया पड़ सकती है महंगी: प्लानिंग एरिया के तहत जमीन की खरीद-फरोख्त और भवन निर्माण के बाद टीसीपी विभाग की मंजूरी देना महंगा पड़ सकता है. इस स्थिति में भवन निर्माण को 4 से 6 गुना फीस अदा करने के बाद ही विभाग की तरफ से नियमित किया जाता है. मसलन तमाम शर्तों का पालन करने के बाद यदि खरीदी अथवा बेची गई भूमि पर भवन निर्माण किया जाता है तो यह काफी सरल और सस्ता है. लेकिन, बाद में फॉर्म 26 के अंतर्गत आवेदन करने पर यह प्रक्रिया काफी महंगी पड़ती है.

हमीरपुर प्लानिंग एरिया में कुल 52 गांव शामिल: गांव लाहड़, डुग्घा खुर्द, डुग्घा कलां, पंजाहली, तरोपका, बरोह, साई ब्राह्मणा, साई उग्यालता, हलाणा, सुनली, भिड़ा, छत्तर, द्रवसाई, समरयाल और कैहडरू, गांव चौकी, डोडरू, सयूणी, घरियाणा जसवालां, घरियाणा ब्राह्मणा, ककरू, खसग्रां, बस्सी, धार सुहारियां, घनाल खुर्द, अणु कलां, मौंही और बोहणी,गांव बजूरी खास, लुहारडा, रड़ा, वारल, दुलेड़ा, निझड, चमारडी, दुगनेडी, झरेडी और भटेड़ खुर्द, गांव खाला, मटाणी डीपीएफ, मटाणी, सस्त्र, गोपालनगर, विकासनगर, दडू़ही, जटेहड़ी, सासन, घरथेड़ी ब्राह्मणा, छल बुहला, रकडय़ाल, छल ऊपरला और चनवाल समेत कुल 52 गांव हमीरपुर पुरानी एरिया में शामिल है.

सहायक नगर योजनाकार हमीरपुर रोहित भारद्वाज ने बताया कि जमीन की खरीद-फरोख्त के दौरान मंजूरी देने के लिए ऑनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है. फॉर्म 12 के अंतर्गत जमीन की खरीद-फरोख्त से पहले आवेदन करना होता है. एक खसरा नंबर में एक से अधिक शेयर के बिक्री होने पर यह जरूरी रहता है कि विभाग के शर्तों के मुताबिक ही प्लॉट काटे जाएं. इस दौरान रास्ता सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखा जाता है.

ये भी पढ़ें: कुल्लू में छात्र की निर्मम पिटाई! प्रिंसिपल समेत तीन शिक्षकों पर आरोप, DC ने SDM को सौंपी जांच

सहायक नगर योजनाकार हमीरपुर रोहित भारद्वाज.

हमीरपुर: हमीरपुर जिले में टीसीपी के एरिया में जमीन की खरीद-फरोख्त पर विभाग से मंजूरी जरूरी है. हाल ही के दिनों में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने हमीरपुर जिले में अपने एरिया में बदलाव किया है. आगामी दिनों में नगर निगम के गठन के बाद इस एरिया में और भी बदलाव संभव है. विभाग की तरफ से लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि जमीन की खरीद-फरोख्त से पहले विभाग से एनओसी जरूर लें. विभाग के जागरूकता अभियानों के बावजूद यह पाया गया है कि हमीरपुर प्लानिंग एरिया के 52 राजस्व गांव में जमीन के खरीद-फरोख्त के लिए किसी भी विभाग से मंजूरी नहीं ली जा रही है.

दरअसल टीसीपी विभाग के एरिया में एक जमीन से 1 से अधिक शेयर बेचने पर टीसीपी विभाग की एनओसी के साथ ही अन्य औपचारिकताएं भी पूरी करना जरूरी है. विभाग की तरफ से हिंदू संयुक्त परिवार के प्रावधान के मुताबिक एनओसी लेने में शर्त से राहत दी जाती है. जबकि प्लानिंग एरिया के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में भूमि की खरीद-फरोख्त में भी टीसीपी विभाग की शर्तों के मुताबिक मंजूरी लेना अनिवार्य है.

जमीन की खरीद-फरोख्त के बाद अनुमति की प्रक्रिया पड़ सकती है महंगी: प्लानिंग एरिया के तहत जमीन की खरीद-फरोख्त और भवन निर्माण के बाद टीसीपी विभाग की मंजूरी देना महंगा पड़ सकता है. इस स्थिति में भवन निर्माण को 4 से 6 गुना फीस अदा करने के बाद ही विभाग की तरफ से नियमित किया जाता है. मसलन तमाम शर्तों का पालन करने के बाद यदि खरीदी अथवा बेची गई भूमि पर भवन निर्माण किया जाता है तो यह काफी सरल और सस्ता है. लेकिन, बाद में फॉर्म 26 के अंतर्गत आवेदन करने पर यह प्रक्रिया काफी महंगी पड़ती है.

हमीरपुर प्लानिंग एरिया में कुल 52 गांव शामिल: गांव लाहड़, डुग्घा खुर्द, डुग्घा कलां, पंजाहली, तरोपका, बरोह, साई ब्राह्मणा, साई उग्यालता, हलाणा, सुनली, भिड़ा, छत्तर, द्रवसाई, समरयाल और कैहडरू, गांव चौकी, डोडरू, सयूणी, घरियाणा जसवालां, घरियाणा ब्राह्मणा, ककरू, खसग्रां, बस्सी, धार सुहारियां, घनाल खुर्द, अणु कलां, मौंही और बोहणी,गांव बजूरी खास, लुहारडा, रड़ा, वारल, दुलेड़ा, निझड, चमारडी, दुगनेडी, झरेडी और भटेड़ खुर्द, गांव खाला, मटाणी डीपीएफ, मटाणी, सस्त्र, गोपालनगर, विकासनगर, दडू़ही, जटेहड़ी, सासन, घरथेड़ी ब्राह्मणा, छल बुहला, रकडय़ाल, छल ऊपरला और चनवाल समेत कुल 52 गांव हमीरपुर पुरानी एरिया में शामिल है.

सहायक नगर योजनाकार हमीरपुर रोहित भारद्वाज ने बताया कि जमीन की खरीद-फरोख्त के दौरान मंजूरी देने के लिए ऑनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है. फॉर्म 12 के अंतर्गत जमीन की खरीद-फरोख्त से पहले आवेदन करना होता है. एक खसरा नंबर में एक से अधिक शेयर के बिक्री होने पर यह जरूरी रहता है कि विभाग के शर्तों के मुताबिक ही प्लॉट काटे जाएं. इस दौरान रास्ता सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखा जाता है.

ये भी पढ़ें: कुल्लू में छात्र की निर्मम पिटाई! प्रिंसिपल समेत तीन शिक्षकों पर आरोप, DC ने SDM को सौंपी जांच

Last Updated : Feb 27, 2023, 7:28 PM IST
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