भोरंज/हमीरपुर: कोरोना संकट के दौरान भोरंज के कई गांवों में लोगों ने खेती की ओर कदम बढ़ाए हैं. खास कर किचन गार्डनिंग की ओर लोग काफी सक्रिय रहे हैं. महामारी के दौर में लोगों के लगाए हुए किचन गार्डन किसी वरदान से कम नहीं साबित हो रहे हैं. आंगन से लेकर घरों की छतों पर उगाई गई सब्जियों की उपयोगिता कोरोना काल में ज्यादा बढ़ गई है.
एक ओर जहां इस आपात स्थिति में सब्जी खरीदने में संक्रमण फैलने का भय बना हुआ है, वहीं दूसरी उपमंडल भोरंज के परिवारों ने अपने किचन गार्डन से प्रतिदिन केमिकल रहित आर्गेनिक सब्जी की पैदावार लेकर अपने परिवार की सेहत का ख्याल रख रहे हैं और संक्रमण के खतरे से बचे हुए हैं.
उपमंडल भोरंज के भुक्कड़ पंचायत के सुशील शर्मा सपुत्र कैप्टन खुशहाल शर्मा ने ऑर्गेनिक खेती करके सब्जियां उगाई हैं. उन्होंने अपने खेत मे लगभग 5 से 6 फीट के पंडोल उगाए हैं, जो भोरंज क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.
5 से 6 फीट लंबे पंडोल
जानकारी देते हुए सुशील शर्मा ने बताया कि उन्होंने खेत मे पंडोल के बीज बोए थे व पानी का व समय-समय पर घर पर तैयार देसी खाद की मदद से फसल का खास ख्याल रखा. आज उनकी मेहनत रंग लाई है और 5 से 6 फीट लंबे पंडोल उगे हैं. इसके साथ ही उन्होंने बगीचे में करेला, घीया, भिंडी जैसी सब्जियां भी उगाई हैं.
सुशील कुमार ने बताया की किचन गार्डन उन लोगों के लिए भी वरदान है, जिनके पास जमीन नहीं है. ऐसे लोग अपने घर की छत से लेकर बरामदे या खाली जमीन पर किचन गार्डन लगा सकते हैं. इसके लिए पुराने या नए गमले, प्लास्टिक के टूटे टीन व ड्रम का भी प्रयोग कर सकते हैं. यह घर की सुंदरता बढ़ाने के साथ-साथ सेहत के लिए भी लाभकारी साबित होगा. इसके लिए अधिक बड़े घर, जमीन, प्लॉट की भी जरूरत नहीं है. जितना है उतने में ही आसानी से तैयार कर सकते हैं.
किचन गार्डन में करें आर्गेनिक खेती
सुशील शर्मा ने बताया कि गार्डन लगाकर समय, धन व पानी की बचत कर सकेंगे. इसके अलावा प्राकृतिक रूप से केमिकल रहित सब्जियों से सेहत भी बनी रहेंगी. खाली समय का सदुपयोग कर अपने द्वारा तैयार की गई सब्जी का स्वाद भी ले सकेंगे. घर के बेकार समझे जाने वाले पानी से भी आपका किचन गार्डन तरोताजा बना रहेगा साथ मे आमदनी भी होगी
सुशील कुमार ने बताया कि क्षेत्र के लोग उनके पास आ रहे हैं, उनके उगाए हुए पंडोल को देखकर हैरान हो रहे हैं, साथ में उनसे ऑर्गेनिक खेती के बारे में जानकारी भी ले रहे हैं.
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