हमीरपुर: प्रदेश सरकार की मेधा प्रोत्साहन योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को कोचिंग दी जा रही है. इस योजना के तहत विद्यार्थियों को नीट, जेईई की कोचिंग दी जा रही है. हमीरपुर जिले में इसके सार्थक परिणाम भी निकल कर सामने आए हैं. इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों और निजी स्कूलों के सभी विद्यार्थियों को एक मंच पर लाया गया था. उनके लिए कोचिंग की व्यवस्था की गई थी. 60 से अधिक विद्यार्थियों ने जेईई मेन की परीक्षा उत्तीर्ण की थी. इसके अलावा कई विद्यार्थियों ने नीट का एग्जाम भी क्लियर किया था.
मेधा प्रोत्साहन योजना के तहत 1 लाख की मदद
मेधा प्रोत्साहन योजना के तहत चयनित विद्यार्थियों को 1 साल में कोचिंग के लिए 1 लाख की आर्थिक मदद दी जाती है. इस योजना के तहत विद्यार्थियों का चयन 11वीं कक्षा की मेरिट के आधार पर किया जाता है. इसके लिए विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा विभाग निदेशालय शिमला लिखित में आवेदन करना पड़ता है. प्रदेश भर में इस योजना का लाभ विद्यार्थियों को मिल रहा है. इस योजना के तहत उन विद्यार्थियों को लाभ मिलता है जिनके परिवार के सालाना आय ढाई लाख से कम है.
स्टूडेंट्स का खूब भा रही है मेधा प्रोत्साहन योजना
मेधा प्रोत्साहन योजना के तहत नीट की कोचिंग ले रही छात्रा भारती का कहना है कि सरकार की यह योजना बहुत ही सराहनीय है जिसका उन्हें लाभ मिल रहा है. उसका परिवार आर्थिक रूप से इतना संपन्न नहीं है लेकिन इस योजना से वह कोचिंग ले पा रही है. साक्षी का कहना है कि यदि यह योजना नहीं होती तो उनका कोचिंग लेने का सपना पूरा नहीं हो पाता. सुपर मैग्नेट कोचिंग संस्थान के चेयरमैन शगुन शर्मा का कहना है कि प्रदेश सरकार की मेधा प्रोत्साहन योजना के तहत संस्था संस्थान माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को कोचिंग दे रहा है.
योजना के जरिए 200 लोगों को दी जाती है कोचिंग
प्रदेश सरकार हर साल इस योजना के तहत 200 विद्यार्थियों को निशुल्क कोचिंग प्रदान करती है. हमीरपुर जिले में पिछले साल 11 बच्चों को कोचिंग दी गई है. वहीं शैक्षणिक सत्र में 7 विद्यार्थियों को कोचिंग दी जा रही है. बाल स्कूल हमीरपुर की प्रधानाचार्य नीना ठाकुर का कहना है कि जिला प्रशासन के कायाकल्प योजना के तहत निशुल्क कोचिंग मिलने पर पास स्कूल हमीरपुर के 3 विद्यार्थियों को नेशनल लेवल के इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश मिला है. इस योजना के तहत बेहतर परिणाम निकल कर सामने आए हैं.
कोरोना की वजह से प्रभावित योजना को सुधारा जाएगा
डीसी हमीरपुर देव स्वेता बनिक ने बताया कि लगभग 2 साल पहले जिला प्रशासन के माध्यम से कार्य कार्य योजना शुरू की गई थी जिसके माध्यम से विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया गया. हमीरपुर जिले में इसके अच्छे परिणाम भी देखने को मिले थे. उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से पिछले साल यह कार्य प्रभावित हुआ है. आगामी दिनों में शिक्षा विभाग और जिले के अन्य निजी शिक्षण संस्थानों के साथ समन्वय स्थापित करके इस योजना में और भी विषयों को जोड़ा जाएगा और बेहतर तरीके से कार्य किया जाएगा.
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