हमीरपुर: भगवान शिव का प्रतीक कहे जाने वाले कुल 12 ज्योतिर्लिंग भारत के विभिन्न हिस्सों में विराजमान है, जिन पर लोगों की अटूट आस्था है, जिनका वजूद कई पौराणिक कहानियों और रहस्यों से संबंध रखता है. ईटीवी भारत अपनी खास सीरीज रहस्य में आपको ऐसी ही कई अनसुलझी और रहस्यमयी जगहों से रूबरू करवाता है, जिनका उत्तर आज के विज्ञान के पास भी नहीं है. हिमाचल की उन पहाड़ियों में जहां एक ऐसा शिवलिंग मौजूद है जिसका आकार साल दर साल बढ़ता जा रहा है.
हमीरपुर के नादौन कस्बे के बीचों बीच मौजूद शिव मंदिर लोगों की अटूट आस्था का केंद्र है, यह मंदिर आपने आपमें अद्भुत है. मंदिर के गर्भ गृह में मौजूद शिवलिंग स्वयं भू है.
साढ़े चार सौ साल पुराना स्वयं भू शिवलिंग अपने वजूद में आने के बाद से ही बढ़ता जा रहा है, जो कि भक्तजनों के लिए आश्चर्य का विषय बना हुआ है. शिवलिंग साल दर साल जौ के बराबर बढ़ जाता है.
मंदिर के पुजारी रमेश शर्मा के अनुसार पिंडी को ध्यान से देखने पर उसमें कई प्रकार की आकृतियां दिखाई देती हैं. यही वजह है कि पिंडी को चमत्कारिक माना जाता है. कहा जाता है कि शिव मंदिर का संबंध कटोच वंश से है और स्वयं भू शिवलिंग ब्यास नदी के किनारे पर मिला था. लोक कथाओं के अनुसार एक बार राजा को सपना आया था कि महल के पास नदी किनारे शिवलिंग मौजूद है, जिसकी स्थापना की जानी चाहिए.
यह मंदिर वाकई में अपने भीतर कई रहस्यों को संजोए हुए हैं. शिवलिंग का बढ़ना अपने आपमें अचम्भे की बात है. विज्ञान की कसौटी पर खरा उतरना और साबित करना ये सब अलग बातें हैं. ईटीवी भारत की कोशिश अपनी सीरीज के माध्यम से आपको ऐसे ही कई रहस्यमयी जगहों से रूबरू करवाना है, जिन पर लोगों की अटूट श्रद्धा है.
ये भी पढ़ें: रहस्य शिवरात्रि स्पेशल: अनूठी आस्था का प्रतीक लुटरु महादेव