हमीरपुर: जलियांवाला बाग नरसंहार के 100 साल पूरे होने पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस महाविद्यालय हमीरपुर में एक राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस संगोष्ठी में देश-प्रदेश के प्रमुख इतिहासकारों और वक्ताओं ने भाग लिया.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करने वाले हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा ने कहा कि जलियांवाला हत्याकांड के बाद ही महात्मा गांधी द्वारा असहयोग आंदोलन चलाया गया था. साथ ही इस नरसंहार के बाद देश में आजादी की लड़ाई में एक नई दिशा मिलती है और सम्पूर्ण स्वंतत्रता आंदोलन का प्रस्ताव कांग्रेस द्वारा लाहौर में रावी के किनारे पास किया जाता है. जलियांवाला बाग हत्याकांड स्वतंत्रता आंदोलन के केंद्र बिंदु के रूप में भारतीयों में एक नई चेतना जगाता है.
केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. मनिंद्र सिंह बेदी कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए. इस संगोष्ठी में जलियांवाला बाग के नरसंहार के कारण, उसके बाद के आंदोलनों और आजादी की लड़ाई में उस नरसंहार के असर पर रौशनी डाली गई.