ETV Bharat / state

मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना ने किसान के बेटे को बना दिया बिजनेसमैन, घरद्वार पर दिया लोगों को रोजगार

हमीरपुर जिले के डेरा परोल क्षेत्र के गांव ढनवान के युवा संजीव कुमार ने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना 25 लाख रुपये का ऋण मंजूर होने पर सपनों को ऊंची उड़ान मिल गई. संजीव ने बताया कि 25 लाख रुपये के ऋण से उसने लगभग 15 लाख रुपये आधुनिक मशीनों पर, 5 लाख रुपये भवन पर और 5 लाख रुपये की धनराशि कच्चे माल पर खर्च की. संजीव की औद्योगिक इकाई में उसके भाई विपिन और गांव के अन्य चार युवाओं को सीधा रोजगार मिला है. घरद्वार पर ही रोजगार उपलब्ध होने पर ये युवा बहुत खुश हैं.

sanjeev-got-employment-under-mukhyamantri-swavalamban-yojana
फोटो
author img

By

Published : May 21, 2021, 8:08 AM IST

भोरंज/हमीरपुर: मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना ने संजीव के सपनों को दी ऊंची उड़ान गरीब किसान का बेटा भी क्या कभी उद्यमी बनने के ख्वाब देख सकता है? अगर इस तरह के ख्वाब और ख्वाहिशें उसके दिलो-दिमाग में हैं तो क्या वह इन्हें हकीकत में बदल सकता है? गरीब और सामान्य पढ़े-लिखे युवाओं के लिए यह नामुमकिन ही लगता था, लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना ने ऐसे युवाओं के लिए भी उद्यमशीलता के नए द्वार खोले हैं. अब ऐसे युवा भी मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत आसानी से सब्सिडी पर ऋण लेकर अपना उद्यम लगा सकते हैं या अन्य कारोबार शुरू कर सकते हैं.

प्रदेश के कई उद्यमशील युवा इस योजना का लाभ उठाकर न केवल अच्छा-खासा कारोबार कर रहे हैं, बल्कि कई अन्य युवाओं को भी घरद्वार पर ही रोजगार उपलब्ध करवा रहे हैं. ऐसा ही हमीरपुर जिले के डेरा परोल क्षेत्र के गांव ढनवान के युवा संजीव कुमार ने भी कुछ ऐसा ही करके दिखाया है. 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद आंखों में नए सपने लेकर रोजी-रोटी की तलाश में घर से निकला किसान परिवार का यह बेटा आज मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के कारण एक सफल उद्यमी बनने की ओर अग्रसर हो रहा है.

दरअसल, 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद संजीव कुमार को नौकरी की चिंता सता रही थी. सीमित संसाधनों और कम जमीन के कारण घर में गुजारा मुश्किल था. पारिवारिक आय कम होने के कारण पढ़ाई जारी रखना भी संभव नहीं था. ऐसी कठिन परिस्थितियों में संजीव कुमार को छोटी उम्र में ही रोजी-रोटी की तलाश में अपना घर छोड़ना पड़ा. कुछ वर्ष पहले हैदराबाद में गद्दा बनाने वाली एक छोटी सी औद्योगिक इकाई में काम करते समय संजीव ने अपने गांव में भी इस तरह की मशीनें लगाने का सपना देखा.

आर्थिक तंगी के कारण वह आधुनिक मशीनें तो नहीं लगा पाया, लेकिन उसने घर में ही परिजनों की मदद से तकिए, टैडी बियर और छोटी-छोटी गद्दियां बनाने का काम आरंभ किया. पैसे की कमी के कारण आधुनिक मशीनें लगाने का उसका सपना साकार नहीं हो पा रहा था.

स्वावलंबन योजना के तहत 25 लाख रुपये का ऋण हुआ मंजूर

लगभग एक वर्ष पूर्व संजीव को मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की जानकारी मिली तो मानों उसके सपनों को नई उड़ान मिल गई, जिला उद्योग केंद्र और कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के अधिकारियों के मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन से ऑनलाइन आवेदन करने पर संजीव कुमार को स्वावलंबन योजना के तहत 25 लाख रुपये का ऋण मंजूर हुआ. उसने गद्दे, तकिए, टैडी बियर और अन्य सामान तैयार करने वाली मशीनों का ऑर्डर भी दे दिया. लॉकडाउन के कारण मशीनें लाने में कुछ देरी हुई, लेकिन इस वर्ष सितंबर में मशीनें आते ही संजीव ने काम आरंभ कर दिया.

2 लाख रुपये के मिल चुका है ऑर्डर

संजीव ने बताया कि 25 लाख रुपये के ऋण से उसने लगभग 15 लाख रुपये आधुनिक मशीनों पर, 5 लाख रुपये भवन पर और 5 लाख रुपये की धनराशि कच्चे माल पर खर्च की. अब वह अपने गांव में ही उत्तम क्वालिटी के गद्दे, तकिए, टेडी बियर और अन्य सामान तैयार कर रहा है. अभी एक महीने में ही उसे विभिन्न संस्थानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों से लगभग 2 लाख रुपये के ऑर्डर मिल चुके हैं. संजीव की औद्योगिक इकाई में उसके भाई विपिन और गांव के अन्य चार युवाओं को सीधा रोजगार मिला है. घरद्वार पर ही रोजगार उपलब्ध होने पर ये युवा बहुत खुश हैं.

इस प्रकार मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना ने न केवल संजीव के सपनों का साकार किया है, बल्कि पांच अन्य युवाओं को भी घरद्वार पर ही रोजगार उपलब्ध करवाया है.

ये भी पढ़ें- ईसाई परिवार ने श्मशान घाट में दान कर दी मकान के लिए खरीदी लकड़ी, कहा: बाद में बना लेंगे घर

भोरंज/हमीरपुर: मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना ने संजीव के सपनों को दी ऊंची उड़ान गरीब किसान का बेटा भी क्या कभी उद्यमी बनने के ख्वाब देख सकता है? अगर इस तरह के ख्वाब और ख्वाहिशें उसके दिलो-दिमाग में हैं तो क्या वह इन्हें हकीकत में बदल सकता है? गरीब और सामान्य पढ़े-लिखे युवाओं के लिए यह नामुमकिन ही लगता था, लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना ने ऐसे युवाओं के लिए भी उद्यमशीलता के नए द्वार खोले हैं. अब ऐसे युवा भी मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत आसानी से सब्सिडी पर ऋण लेकर अपना उद्यम लगा सकते हैं या अन्य कारोबार शुरू कर सकते हैं.

प्रदेश के कई उद्यमशील युवा इस योजना का लाभ उठाकर न केवल अच्छा-खासा कारोबार कर रहे हैं, बल्कि कई अन्य युवाओं को भी घरद्वार पर ही रोजगार उपलब्ध करवा रहे हैं. ऐसा ही हमीरपुर जिले के डेरा परोल क्षेत्र के गांव ढनवान के युवा संजीव कुमार ने भी कुछ ऐसा ही करके दिखाया है. 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद आंखों में नए सपने लेकर रोजी-रोटी की तलाश में घर से निकला किसान परिवार का यह बेटा आज मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के कारण एक सफल उद्यमी बनने की ओर अग्रसर हो रहा है.

दरअसल, 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद संजीव कुमार को नौकरी की चिंता सता रही थी. सीमित संसाधनों और कम जमीन के कारण घर में गुजारा मुश्किल था. पारिवारिक आय कम होने के कारण पढ़ाई जारी रखना भी संभव नहीं था. ऐसी कठिन परिस्थितियों में संजीव कुमार को छोटी उम्र में ही रोजी-रोटी की तलाश में अपना घर छोड़ना पड़ा. कुछ वर्ष पहले हैदराबाद में गद्दा बनाने वाली एक छोटी सी औद्योगिक इकाई में काम करते समय संजीव ने अपने गांव में भी इस तरह की मशीनें लगाने का सपना देखा.

आर्थिक तंगी के कारण वह आधुनिक मशीनें तो नहीं लगा पाया, लेकिन उसने घर में ही परिजनों की मदद से तकिए, टैडी बियर और छोटी-छोटी गद्दियां बनाने का काम आरंभ किया. पैसे की कमी के कारण आधुनिक मशीनें लगाने का उसका सपना साकार नहीं हो पा रहा था.

स्वावलंबन योजना के तहत 25 लाख रुपये का ऋण हुआ मंजूर

लगभग एक वर्ष पूर्व संजीव को मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की जानकारी मिली तो मानों उसके सपनों को नई उड़ान मिल गई, जिला उद्योग केंद्र और कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के अधिकारियों के मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन से ऑनलाइन आवेदन करने पर संजीव कुमार को स्वावलंबन योजना के तहत 25 लाख रुपये का ऋण मंजूर हुआ. उसने गद्दे, तकिए, टैडी बियर और अन्य सामान तैयार करने वाली मशीनों का ऑर्डर भी दे दिया. लॉकडाउन के कारण मशीनें लाने में कुछ देरी हुई, लेकिन इस वर्ष सितंबर में मशीनें आते ही संजीव ने काम आरंभ कर दिया.

2 लाख रुपये के मिल चुका है ऑर्डर

संजीव ने बताया कि 25 लाख रुपये के ऋण से उसने लगभग 15 लाख रुपये आधुनिक मशीनों पर, 5 लाख रुपये भवन पर और 5 लाख रुपये की धनराशि कच्चे माल पर खर्च की. अब वह अपने गांव में ही उत्तम क्वालिटी के गद्दे, तकिए, टेडी बियर और अन्य सामान तैयार कर रहा है. अभी एक महीने में ही उसे विभिन्न संस्थानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों से लगभग 2 लाख रुपये के ऑर्डर मिल चुके हैं. संजीव की औद्योगिक इकाई में उसके भाई विपिन और गांव के अन्य चार युवाओं को सीधा रोजगार मिला है. घरद्वार पर ही रोजगार उपलब्ध होने पर ये युवा बहुत खुश हैं.

इस प्रकार मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना ने न केवल संजीव के सपनों का साकार किया है, बल्कि पांच अन्य युवाओं को भी घरद्वार पर ही रोजगार उपलब्ध करवाया है.

ये भी पढ़ें- ईसाई परिवार ने श्मशान घाट में दान कर दी मकान के लिए खरीदी लकड़ी, कहा: बाद में बना लेंगे घर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.