हमीरपुर: बिजली बोर्ड की कोताही आमजन के साथ-साथ कर्मचारियों पर भी भारी पड़ सकती है. लगभग 21 हजार उपभोक्ताओं वाले हमीरपुर शहर में 161 ट्रांसफार्मर लगे हैं. बिजली बोर्ड का दावा है कि हमीरपुर जिले के ट्रांसफार्मर में सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है, लेकिन हमीरपुर जिला मुख्यालय में स्थित कई ट्रांसफार्मर में फेंसिंग तक नहीं की गई है. इस वजह से यहां पर हादसों का खतरा लगातार बना हुआ है.
बिजली विभाग के कर्मचारियों ने उठाए गुणवत्ता पर सवाल
कर्मचारियों द्वारा ट्रांसफार्मर में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. वहीं बिजली बोर्ड के अधिकारियों का दावा है कि गुणवत्ता के अनुसार उपकरणों की सप्लाई और मानकों के आधार पर ही कार्य किया जा रहा है, लेकिन बिजली बोर्ड कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष सुशील कुमार का कहना है कि ट्रांसफार्मर में जो उपकरण इस्तेमाल किए जा रहे हैं, उनमें गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. इस वजह से कई बार कर्मचारियों को करंट लगने का खतरा भी बना रहता है. बिजली बोर्ड हमीरपुर के एसडीओ अश्वनी पुरी का कहना है कि हमीरपुर बाजार में स्थापित सभी ट्रांसफार्मर में फेंसिंग की गई है. इसके अलावा यहां पर लगाए जा रहे उपकरणों में क्वालिटी का भी ध्यान रखा जा रहा है.
ट्रांसफार्मर में होने वाली फेंसिंग पर विभाग का लापरवाह
हमीरपुर बाजार के भोटा चौक पर स्थित एक ट्रांसफार्मर में तीन जगह से तो फेंसिंग की गई है, लेकिन एक तरफ से ट्रांसफार्मर को खुला ही रखा गया है. इस चौक पर लोग बस लेने के लिए खड़े रहते हैं. शहर के स्कूलों के बच्चे भी यहां पर कई बार बस के इंतजार में खड़े नजर आते हैं. ट्रांसफार्मर में इस्तेमाल किए जाने वाले छोटे से लेकर बड़े उपकरणों की गुणवत्ता बेहद महत्वपूर्ण है. घटिया उपकरणों का इस्तेमाल होने से सप्लाई को सही से आइसोलेट करने में परेशानी आती है. इस वजह से कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
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