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सीएम की राह देखती रही उत्पीड़न का शिकार हुई बुजुर्ग महिला, 17 दिन बाद लौटी घर

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Published : Nov 23, 2019, 11:21 PM IST

हमीरपुर में अपनी बेटी के घर में रह रही सरकाघाट क्रूरता मामले की पीड़िता राजदेई हमीरपुर पहुंचे सीएम जयराम के मिलने की उम्मीद बांध कर बैठी हुई थी, लेकिन सीएम राजदेई के निवास से करीब 700 मीटर दूरी से गाड़ियों के काफिले में हूटर की आवाज के साथ निकल गए.

rajdeyi was expecting CM jairam in hamirpur

हमीरपुरः सीएम हमीरपुर तो आए, लेकिन सरकाघाट क्रूरता मामले की पीड़िता राजदेई से मिलने के लिए समय नहीं निकाल पाए. शायद अफसरों को भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को बताने की फुर्सत नहीं मिली होगी. जिस वजह से 81 वर्षीय वृद्धा राजदेई हमीरपुर से शनिवार को अपने घर सरकाघाट लौट गई.

बता दें कि मंडी जिला के सरकाघाट उपमंडल की बड़ा समाहल की 81 वर्षीय वृद्धा राजदेई पिछले 17 दिन से हमीरपुर में ही अपनी बेटी के पास पुलिस प्रॉटेक्शन में रह रही थी. हांलाकि मुख्यमंत्री को जरूर याद होगा कि यह वही राजदेई है जिसके मुंह पर ग्रामीणों देवास्था के नाम पर कालिख पोत कर गले में जूतों की माला पहना अमानवीय अत्याचार किया है. 6 नवंबर को हुई इस घटना की निंदा देश विदेश तक में हुई.

वीडियो.

मुख्यमंत्री तक जब घटना की जानकारी पहुंची तो सरकार के तमाम अफसर हरकत में आ गए थे. इस मामले में हाईकोर्ट ने भी सख्ती दिखाते हुए सरकार से जवाब मांगा था. बेशक 24 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन राजदेई के जख्म अभी तक भरे नहीं हैं.

राजदेई को पता चला की शनिवार को सीएम जयराम ठाकुर हमीरपुर आ रहे हैं, तो उन्हें उम्मीद बंधी कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मिलने जरूर आएंगे. यह उम्मीद झूठी भी नहीं थी क्योंकि इससे पहले राजदेई से विधायक कर्नल इंद्रसिंह, महिला आयोग की अध्यक्षा डेजी ठाकुर, नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, विधायक राजेंद्र राणा और तमाम अधिकारी हमीरपुर में राजदेई से आकर मिल चुके थे.

मानवीय संवेदनाओं को हिलाकर रख देने वाली इस घटना ने शायद अफसरशाही का दिल अभी भी नहीं हिलाया होगा. सीएम राजदेई के निवास से करीब 700 मीटर दूरी से गाड़ियों के काफिले में हूटर की आवाज के साथ निकल गए और राजदेई सिर्फ सीएम का इंतजार करती रह गई.

हमीरपुरः सीएम हमीरपुर तो आए, लेकिन सरकाघाट क्रूरता मामले की पीड़िता राजदेई से मिलने के लिए समय नहीं निकाल पाए. शायद अफसरों को भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को बताने की फुर्सत नहीं मिली होगी. जिस वजह से 81 वर्षीय वृद्धा राजदेई हमीरपुर से शनिवार को अपने घर सरकाघाट लौट गई.

बता दें कि मंडी जिला के सरकाघाट उपमंडल की बड़ा समाहल की 81 वर्षीय वृद्धा राजदेई पिछले 17 दिन से हमीरपुर में ही अपनी बेटी के पास पुलिस प्रॉटेक्शन में रह रही थी. हांलाकि मुख्यमंत्री को जरूर याद होगा कि यह वही राजदेई है जिसके मुंह पर ग्रामीणों देवास्था के नाम पर कालिख पोत कर गले में जूतों की माला पहना अमानवीय अत्याचार किया है. 6 नवंबर को हुई इस घटना की निंदा देश विदेश तक में हुई.

वीडियो.

मुख्यमंत्री तक जब घटना की जानकारी पहुंची तो सरकार के तमाम अफसर हरकत में आ गए थे. इस मामले में हाईकोर्ट ने भी सख्ती दिखाते हुए सरकार से जवाब मांगा था. बेशक 24 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन राजदेई के जख्म अभी तक भरे नहीं हैं.

राजदेई को पता चला की शनिवार को सीएम जयराम ठाकुर हमीरपुर आ रहे हैं, तो उन्हें उम्मीद बंधी कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मिलने जरूर आएंगे. यह उम्मीद झूठी भी नहीं थी क्योंकि इससे पहले राजदेई से विधायक कर्नल इंद्रसिंह, महिला आयोग की अध्यक्षा डेजी ठाकुर, नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, विधायक राजेंद्र राणा और तमाम अधिकारी हमीरपुर में राजदेई से आकर मिल चुके थे.

मानवीय संवेदनाओं को हिलाकर रख देने वाली इस घटना ने शायद अफसरशाही का दिल अभी भी नहीं हिलाया होगा. सीएम राजदेई के निवास से करीब 700 मीटर दूरी से गाड़ियों के काफिले में हूटर की आवाज के साथ निकल गए और राजदेई सिर्फ सीएम का इंतजार करती रह गई.

Intro:राजदेई को थी उम्मीद कि सीएम मिलने आएंगे ,  मुख्यमंत्री नहीं निकाल पाए समय तो 17 दिन बाद हमीरपुर छोड़ वापिस लौटी सरकाघाट 
हमीरपुर
सीएम हमीरपुर तो आए लेकिन राजदेई को मिलने के लिए वक़्त न निकाल पाए । शायद अफ़सरशाही को भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को यह बताने की फ़ुर्सत नहीं कि मंडी जिला के सरकाघाट उपमंडल की बड़ा समाहल की 81 वर्षीय वृद्धा राजदेई पिछले 17 दिन से हमीरपुर में ही अपनी बेटी के पास पुलिस प्रोटेक्शन में रह रही है।
मुख्यमंत्री को ज़रूर याद होगा कि यह वही राजदेई है जिसके मुँह पर ग्रामीणों देवास्था के नाम पर कालिख पोत कर गले में जूतों की माला पहना अमानवीय अत्याचार किया है। 6 नवम्बर की इस घटना की निंदा देश विदेश तक में हुई । मुख्यमंत्री तक जब घटना की जानकारी पहुँची तो सरकार की अफ़सरशाही हरकत में आई थी । इस मामले में हाईकोर्ट ने भी सख़्ती दिखाते हुए सरकार से जबाव माँगा है। बेशक 24 लोग गिरफ़्तार हो चुके हैं लेकिन राजदेई के ज़ख़्म अभी तक नहीं भरे हैं।
राजदेई को पता चला की शनिवार को सीएम जयराम ठाकुर हमीरपुर आ रहे हैं तो इन्हें उम्मीद बंधी कि हमारा मुख्यमंत्री  मुझसे ज़रूर मिलेगा । 
यह उम्मीद झूठी भी नहीं थी क्योंकि इससे पहले राजदेई को विधायक कर्नल इंद्रसिंह , महिला आयोग की चेयरपर्सन डेजी ठाकुर नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री विधायक राजेंद्र राणा  जैसे लोग हमीरपुर में बेटी के घर आकर मिल चुके थे ।
मुख्यमंत्री शनिवार को हमीरपुर आए , ख़ूब ढोल बजे, फूल बरसे , नारे लगे और अफ़सरशाही भी चुस्तदुरुस्त दिखी लेकिन राजदेई को मिलने की बात किसी ने न कही । 
मानवीय संवेदनाओं को हिलाकर रख देने वाली इस घटना ने शायद अफ़सरशाही का दिल अभी भी न हिलाया है। सीएम राजदेई के निवास से क़रीब 700 मीटर दूरी से गाड़ियों के क़ाफ़िले में हूटर की आवाज़ में निकल गये और राजदेई सिर्फ़ उनका इंतज़ार करती रह गयी। 
सीएम मंडी चले गये तो क्रूरता मामले की पीड़िता राजदेई भी  17 दिनों के बाद शनिवार को हमीरपुर छोड़ पुलिस प्रोटेक्शन में मंडी ज़िला के सरकाघाट अपनी बड़ी बेटी जमुना के पास चली गयी।


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