हमीरपुर: यह प्रवचनों का नहीं निर्णय लेने का वक्त है. आपदा के सबसे कठिन दौर से जब प्रदेश गुजर रहा है तब सत्तारूढ़ दल के नेता जनता और विपक्ष को प्रवचन दे रहे हैं. सरकार के नुमाइंदे विपक्ष के सुझावों पर भी अमल नहीं कर रहे हैं. हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया के मीडिया पैनलिस्ट शगुन दत्त शर्मा ने हमीरपुर में मंगलवार को मीडिया से रूबरू होते हुए यह बयान दिया है.
उन्होंने कोरोना काल में प्रदेश सरकार के निर्णय लेने की क्षमता और नीतियों पर भी सवाल उठाए हैं. हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया के मीडिया पैनलिस्ट शगुन दत्त शर्मा ने कहा कि आज देश आपदा में सबसे कठिन दौर से प्रदेश गुजर रहा है तब सत्तारूढ़ दल के नेता जनता और विपक्ष को प्रवचन दे रहे हैं.
'सरकार की ओर से रवैया उदासीन ही रहा'
उन्होंने सरकार से सवाल किया है कि आज एक वर्ष में कांग्रेस के चुने हुए विधायकों से कितनी बार सरकार ने सलाह मशविरा करने की जरूरत समझी? उन्होंने कहा कि इस कठिन वक्त में कांग्रेस पार्टी सरकार को उचित सलाह और सहयोग देने का प्रयास किया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर स्वयं जाकर मुख्यमंत्री को एक्सपर्ट कमेटी के सुझाव सौंप चुके हैं, लेकिन सरकार की ओर से रवैया उदासीन ही रहा है.
'विकल्प में योजना तैयार करके सरकार को जनता के सामने लानी चाहिए'
कांग्रेस नेता शगुन दत्त का कहना है कि अब समय पर जहां वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो पाई है, तो जब तक वैक्सीन की उपलब्धता नहीं होती है तो इसके विकल्प में योजना तैयार करके सरकार को जनता के सामने लानी चाहिए, ताकि जनता में विश्वास पैदा हो सके.
उन्होंने कहा कि आज इस कठिन दौर में भी मुख्यमंत्री कुछ लोगों की कठपुतली ही बनकर कार्य कर रहे हैं, जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है. आज एक सशक्त नेतृत्व की कमी इस प्रदेश को खल रही है जो अपने विवेक से सही निर्णय सही समय पर ले.
सरकार की दूरदृष्टी की कमी से अफसरशाही भी परेशान
उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सरकार के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार और दूरदृष्टी की कमी से अफसरशाही भी परेशान है और प्रदेश के कई वरिष्ठ अफसरों की सलाह को सरकार ने लगातार दरकिनार किया है, जबकि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस वक्त सभी को विश्वास में लेकर हिमाचल को इस महामारी से निपटने की आगामी योजना बनाई जाए.
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