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NIT Hamirpur News: न डॉक्टर न सिक्योरिटी, लेकिन नर्सों को करनी होगी हॉस्टल में ड्यूटी

हमीरपुर एनआईटी एक बार फिर अपने तुगलगी फरमान के लिए चर्चा बना हुआ है. इस बार नर्सों को डॉक्टर और सिक्योरिटी के बगैर ड्यूटी करने का आदेश दिया गया है. इस मामले में एनआईटी प्रबंधन और आउटसोर्स एजेंसी के जिम्मेदारों की अपनी-अपनी दलील है.

NIT Hamirpur News
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Published : May 18, 2023, 1:36 PM IST

हमीरपुर: भर्ती से लेकर हमेशा ही विवादों में रहने वाले एनआईटी हमीरपुर में कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर फिर सवाल उठने लगा है. प्रशासन ने एक तुगलकी फरमान जारी करते हुए एनआईटी हमीरपुर के अस्पताल में कार्यरत नर्सों को हॉस्टल में भी नाइट ड्यूटी करने के आदेश जारी कर दिया. एनआईटी प्रशासन ने 12 हॉस्टलों से मात्र एक हॉस्टल में एनआईटी हॉस्पिटल में कार्यरत नर्सों को बिना डॉक्टर और सिक्योरिटी स्टाफ के रात की ड्यूटी करने के लिए बाध्य किया. बताया जा रहा है कि नियमों को ताक पर रखकर यह आदेश जारी किया गया है.

नर्सों को करनी होगी हॉस्टल में ड्यूटी
नर्सों को करनी होगी हॉस्टल में ड्यूटी

अदालत में कई मामले लंबित: एनआईटी हॉस्पिटल में पिछले कई वर्षों से आउटसोर्स पर रखी नर्सों को नियमों के विपरीत ऐसी ड्यूटी करने को बाध्य किया जा रहा. बता दें कि एनआईटी हमीरपुर पर आज तक मेडिकल नेग्लिजेंस के मामले में अदालत में लंबित पड़े हैं, वो भी तब जब उस समय डॉक्टर ड्यूटी पर था. ऐसे में अब बिना डॉक्टर के नर्स को रात्रि समय में हॉस्टल में तैनात करने से मिलने पर सवाल उठना लाजमी है.

न डॉक्टर न सिक्योरिटी: अब उसी एनआईटी में बिना डॉक्टर के प्रशासन ने नर्सों को हॉस्टल में नाइट ड्यूटी करने और मरीजों को दवाइयां देने को कहा जा रहा है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में नियमों के अनुसार कोई भी नर्स बिना डॉक्टर के परामर्श से किसी भी मरीज को दवाई नही दे सकती, और नर्सेज की नाइट ड्यूटी मात्र हॉस्पिटल में पूरे सिक्योरिटी स्टाफ और डॉक्टर की मौजूदगी में लगाई जा सकती है.

जिम्मेदारों की अपनी-अपनी दलील: एनआईटी के डायरेक्टर एचएन सूर्यवंशी ने कहा कि ये ऑर्डर आउटसोर्स एजेंसी ने निकालें है. उक्त कर्मचारी और आउटसोर्स आधार पर कंपनी के माध्यम से रखे गए हैं. आउटसोर्स एजेंसी आरके एंड कंपनी के निदेशक सुशील पटियाल से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि जो आदेश एनआईटी प्रशासन उनको देता वो उनका पालन करते हैं. किसी कर्मचारी को आपत्ति है तो वो उनको अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकता हैं. यदि किसी की तरफ से आपत्ति दर्ज करवाई जाती है तो इसकी सूचना एनआईटी प्रशासन को देंगे.

ये भी पढ़ें: आउटसोर्स भर्ती बैक डोर एंट्री का जरिया! एनआईटी हमीरपुर में हुई थी बड़ी कार्रवाई, क्या तकनीकी विश्वविद्यालय बनेगा मिसाल?

हमीरपुर: भर्ती से लेकर हमेशा ही विवादों में रहने वाले एनआईटी हमीरपुर में कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर फिर सवाल उठने लगा है. प्रशासन ने एक तुगलकी फरमान जारी करते हुए एनआईटी हमीरपुर के अस्पताल में कार्यरत नर्सों को हॉस्टल में भी नाइट ड्यूटी करने के आदेश जारी कर दिया. एनआईटी प्रशासन ने 12 हॉस्टलों से मात्र एक हॉस्टल में एनआईटी हॉस्पिटल में कार्यरत नर्सों को बिना डॉक्टर और सिक्योरिटी स्टाफ के रात की ड्यूटी करने के लिए बाध्य किया. बताया जा रहा है कि नियमों को ताक पर रखकर यह आदेश जारी किया गया है.

नर्सों को करनी होगी हॉस्टल में ड्यूटी
नर्सों को करनी होगी हॉस्टल में ड्यूटी

अदालत में कई मामले लंबित: एनआईटी हॉस्पिटल में पिछले कई वर्षों से आउटसोर्स पर रखी नर्सों को नियमों के विपरीत ऐसी ड्यूटी करने को बाध्य किया जा रहा. बता दें कि एनआईटी हमीरपुर पर आज तक मेडिकल नेग्लिजेंस के मामले में अदालत में लंबित पड़े हैं, वो भी तब जब उस समय डॉक्टर ड्यूटी पर था. ऐसे में अब बिना डॉक्टर के नर्स को रात्रि समय में हॉस्टल में तैनात करने से मिलने पर सवाल उठना लाजमी है.

न डॉक्टर न सिक्योरिटी: अब उसी एनआईटी में बिना डॉक्टर के प्रशासन ने नर्सों को हॉस्टल में नाइट ड्यूटी करने और मरीजों को दवाइयां देने को कहा जा रहा है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में नियमों के अनुसार कोई भी नर्स बिना डॉक्टर के परामर्श से किसी भी मरीज को दवाई नही दे सकती, और नर्सेज की नाइट ड्यूटी मात्र हॉस्पिटल में पूरे सिक्योरिटी स्टाफ और डॉक्टर की मौजूदगी में लगाई जा सकती है.

जिम्मेदारों की अपनी-अपनी दलील: एनआईटी के डायरेक्टर एचएन सूर्यवंशी ने कहा कि ये ऑर्डर आउटसोर्स एजेंसी ने निकालें है. उक्त कर्मचारी और आउटसोर्स आधार पर कंपनी के माध्यम से रखे गए हैं. आउटसोर्स एजेंसी आरके एंड कंपनी के निदेशक सुशील पटियाल से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि जो आदेश एनआईटी प्रशासन उनको देता वो उनका पालन करते हैं. किसी कर्मचारी को आपत्ति है तो वो उनको अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकता हैं. यदि किसी की तरफ से आपत्ति दर्ज करवाई जाती है तो इसकी सूचना एनआईटी प्रशासन को देंगे.

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