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हमीरपुर में खुला वन स्टॉप सेंटर सखी, पीड़ित महिलाओं को मिलेगी हर तरह की मदद

हमीरपुर जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से जिले में 'वन स्टॉप सेंटर-सखी' की शुरुआत की गई है. यह जिला हमीरपुर में पहला वन स्टॉप सेंटर है जिसमें पीड़िता को एक ही छत के नीचे मेडिकल, लीगल, मनोवैज्ञानिक और साथ में पुलिस की सहायता 24 घंटे सातों दिन निशुल्क दी जाती है. सेंटर में 8 कर्मचारियों की तैनाती की गई है जिसमें लीगल सहायता के लिए 'लीगल काउंसलर' की व्यवस्था भी 24 घंटे सातों दिन निशुल्क है.

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Published : May 27, 2021, 4:08 PM IST

हमीरपुर: हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए हमीरपुर जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से जिला हमीरपुर में 'वन स्टॉप सेंटर-सखी' की शुरुआत की गई है. यह जिला हमीरपुर में पहला वन स्टॉप सेंटर है जिसमें पीड़िता को एक ही छत के नीचे मेडिकल, लीगल, मनोवैज्ञानिक और साथ में पुलिस की सहायता 24 घंटे सातों दिन निशुल्क दी जाती है.

महिलाओं की सहायता के लिए वन स्टॉप सेंटर

जिला कार्यक्रम अधिकारी हमीरपुर एचसी शर्मा ने बताया कि वन स्टॉप सेंटर में किसी भी प्रकार से घरेलू हिंसा में शिकार महिला को अस्थाई रूप से 5 दिन वन स्टॉप सेंटर में आश्रय देने की सुविधा निशुल्क प्रदान की जाती है. हमीरपुर में इस वन स्टॉप सेंटर में अब तक 9 महिलाओं की सहायता की जा चुकी है. यदि आवश्यकता हो तो 5 दिन पूरे होने के पश्चात पीड़िता को शिमला जिला के मशोबरा में नारी सेवा सदन भेजा जा सकता है.

वीडियो.

लीगल काऊंसलर की व्यवस्था भी 24x7 निशुल्क

वन स्टॉप सेंटर-सखी का मुख्य उद्देश्य परिवार, समुदाय या कार्यस्थल पर हिंसा से प्रभावित महिलाओं की सहायता करना है. साथ में सेंटर के माध्यम से किसी भी उम्र, वर्ग, वैवाहिक स्थिति, शारीरिक, यौन, भावानात्मक, आर्थिक व्यवहार या दहेज उत्पीड़ित महिला की हर संभव सहायता की जाती है. सेंटर में 8 कर्मचारियों की तैनाती की गई है जिसमें लीगल सहायता के लिए 'लीगल काउंसलर' की व्यवस्था भी 24 घंटे सातों दिन निशुल्क है.

ये भी पढ़ें: झंडी मामले में विपक्ष के आरोपों पर पलटवार, सैजल बोले: अंदर सहमति, बाहर विरोध, ये उचित नहीं

हमीरपुर: हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए हमीरपुर जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से जिला हमीरपुर में 'वन स्टॉप सेंटर-सखी' की शुरुआत की गई है. यह जिला हमीरपुर में पहला वन स्टॉप सेंटर है जिसमें पीड़िता को एक ही छत के नीचे मेडिकल, लीगल, मनोवैज्ञानिक और साथ में पुलिस की सहायता 24 घंटे सातों दिन निशुल्क दी जाती है.

महिलाओं की सहायता के लिए वन स्टॉप सेंटर

जिला कार्यक्रम अधिकारी हमीरपुर एचसी शर्मा ने बताया कि वन स्टॉप सेंटर में किसी भी प्रकार से घरेलू हिंसा में शिकार महिला को अस्थाई रूप से 5 दिन वन स्टॉप सेंटर में आश्रय देने की सुविधा निशुल्क प्रदान की जाती है. हमीरपुर में इस वन स्टॉप सेंटर में अब तक 9 महिलाओं की सहायता की जा चुकी है. यदि आवश्यकता हो तो 5 दिन पूरे होने के पश्चात पीड़िता को शिमला जिला के मशोबरा में नारी सेवा सदन भेजा जा सकता है.

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लीगल काऊंसलर की व्यवस्था भी 24x7 निशुल्क

वन स्टॉप सेंटर-सखी का मुख्य उद्देश्य परिवार, समुदाय या कार्यस्थल पर हिंसा से प्रभावित महिलाओं की सहायता करना है. साथ में सेंटर के माध्यम से किसी भी उम्र, वर्ग, वैवाहिक स्थिति, शारीरिक, यौन, भावानात्मक, आर्थिक व्यवहार या दहेज उत्पीड़ित महिला की हर संभव सहायता की जाती है. सेंटर में 8 कर्मचारियों की तैनाती की गई है जिसमें लीगल सहायता के लिए 'लीगल काउंसलर' की व्यवस्था भी 24 घंटे सातों दिन निशुल्क है.

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