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बिना मास्क बच्चों को स्कूलों में नहीं मिलेगी एंट्री, थर्मल स्कैनिंग कर नोट किया जा रहा छात्रों का तापमान - हिमाचल में कोरोना के मामले

कोरोना ने सारा सिस्टम बदल कर रख दिया है. इसके चलते स्कूल पहुंचने वाले हर बच्चे के लिए मास्क जरूरी है. बिना मास्क के किसी भी बच्चे का स्कूल आना पूरी तरह से वर्जित है.

No entry in schools without mask
बिना मास्क के स्कूलों में नो एंट्री
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Published : Nov 8, 2020, 9:34 AM IST

बड़सर: पिछले लंबे समय से बंद चल रहे शिक्षण संस्थानों में अब धीरे धीरे रौनक लौट रही है. स्कूलों में नवमीं कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के छात्रों की अब रेगुलर कक्षाएं लगनी शुरू हो चुकी हैं, लेकिन कोरोना ने सारा सिस्टम बदल कर रख दिया है. इसके चलते स्कूल पहुंचने वाले हर बच्चे के लिए मास्क जरूरी है. बिना मास्क के किसी भी बच्चे का स्कूल आना पूरी तरह से वर्जित है.

इसके अलावा स्कूल के एंट्री प्वाइंट पर हर बच्चे की डिटेल लिखी जा रही है. साथ ही थर्मल स्कैनर के जरिये तापमान चैक किया जा रहा है. शिक्षकों का कहना है कि कक्षाओं में अब छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसलिए कोरोना से बचने के लिए भी पूरे उपाय किये जा रहे हैं.

स्कूल खुलने के बाद छात्रों समेत शिक्षक भी कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं. इसलिए स्कूलों को भी कोरोना से बचाव को लेकर एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं. इसके बावजूद भी स्कूलों में स्टाफ और छात्रों का कोरोना संक्रमित पाया जाना चिंता का विषय है.

बता दें कि जोगिंद्रनगर में बाहरी राज्यों से आए 67 बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए. ये सभी बच्चे 10वीं और 12वीं कक्षा के थे. प्राप्त सूचना के अनुसार ये बच्चे 26 से 31 अक्टूबर के बीच यहां पहुंचे थे. ये छात्र नेपाल, अरुणाचल, महाराष्ट्र और लद्दाख से आए हैं. इसके अलावा स्कूल स्टाफ के 25 सदस्य भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में शनिवार को 573 कोरोना के नए मामले, 4,198 हुए एक्टिव केस

बड़सर: पिछले लंबे समय से बंद चल रहे शिक्षण संस्थानों में अब धीरे धीरे रौनक लौट रही है. स्कूलों में नवमीं कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के छात्रों की अब रेगुलर कक्षाएं लगनी शुरू हो चुकी हैं, लेकिन कोरोना ने सारा सिस्टम बदल कर रख दिया है. इसके चलते स्कूल पहुंचने वाले हर बच्चे के लिए मास्क जरूरी है. बिना मास्क के किसी भी बच्चे का स्कूल आना पूरी तरह से वर्जित है.

इसके अलावा स्कूल के एंट्री प्वाइंट पर हर बच्चे की डिटेल लिखी जा रही है. साथ ही थर्मल स्कैनर के जरिये तापमान चैक किया जा रहा है. शिक्षकों का कहना है कि कक्षाओं में अब छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसलिए कोरोना से बचने के लिए भी पूरे उपाय किये जा रहे हैं.

स्कूल खुलने के बाद छात्रों समेत शिक्षक भी कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं. इसलिए स्कूलों को भी कोरोना से बचाव को लेकर एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं. इसके बावजूद भी स्कूलों में स्टाफ और छात्रों का कोरोना संक्रमित पाया जाना चिंता का विषय है.

बता दें कि जोगिंद्रनगर में बाहरी राज्यों से आए 67 बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए. ये सभी बच्चे 10वीं और 12वीं कक्षा के थे. प्राप्त सूचना के अनुसार ये बच्चे 26 से 31 अक्टूबर के बीच यहां पहुंचे थे. ये छात्र नेपाल, अरुणाचल, महाराष्ट्र और लद्दाख से आए हैं. इसके अलावा स्कूल स्टाफ के 25 सदस्य भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.

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