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कोरोना संक्रमित दंपति को ट्राले में घर पहुंचाने का मामला, परिजनों ने आने से कर दिया था इंकार

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Published : May 1, 2021, 10:09 PM IST

Updated : May 2, 2021, 8:52 AM IST

हमीरपुर के भोरंज सिविल अस्पताल में लडवीं गांव के दंपति कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद दोनों ट्राले में घर पहुंचाने के मामले में नया खुलासा हुआ है. बुजुर्ग दंपति के परिजनों ने आने से इंकार कर दिया, तो एक ट्राले वाले ने हिम्मत दिखाई और बुजुर्ग दंपति को घर पहुंचाया.

Corona infected elderly couple brought home in Trolley
फोटो.

हमीरपुरः जिला के भोरंज सिविल अस्पताल में लडवीं गांव के दंपति कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद दोनों ट्राले में घर पहुंचाने के मामले में नया खुलासा हुआ है. ईटीवी भारत ने इस मामले में जब डीसी हमीरपुर देवश्वेता बनिक से बातचीत की उनका कहना था कि इन मरीजों के परिजनों को इस बारे में सूचना दी गई थी, लेकिन उन्हें देने के लिए कोई भी आगे नहीं आया. इस पर बीएमओ ने उनको घर पहुंचाने के लिए प्रबंध किया.

डीसी के अनुसार मौके पर दंपत्ति को घर पहुंचाने की जरूरत थी. कार्य को मौके परिस्थितियों और संसाधनों के आधार पर किया गया है. वहीं, कोरोना संक्रमित पाए गए बुजुर्ग दंपति के परिजन भी अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटे गए हैं. ऐसे में एक ट्राले वाले ने हिम्मत दिखाई और बुजुर्ग दंपति को घर पहुंचाया.

वीडियो.

5 घंटे तक संक्रमित बुजुर्ग दंपति अस्पताल के गेट पर करते रहे इंतजार

हमीरपुर जिला में हर दिन 200 से अधिक लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं. ऐसे में हर किसी संक्रमित व्यक्ति को एंबुलेंस ने घर भेजना थी स्वास्थ्य विभाग के लिए संभव नहीं है. जिला में अधिकतर लोगों को होम आइसोलेशन में ही भेजा जा रहा है. जब भी कोई कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे घर भेजने के लिए परिजनों से बातचीत कर प्रबंध किया जाता है. 5 घंटे तक संक्रमित पाए गए इससे बुजुर्ग दंपति को अस्पताल के गेट पर इंतजार करना पड़ा.

ऐसे में जब रिश्तेदारों और परिजनों के पीछे हट गए तो समस्या को निपटाने में मौके पर मौजूद सरकार के नुमायदों की सुस्ती भी सामने आई है, लेकिन साथ ही साथ परिजनों और रिश्तेदारों की बेरुखी से भी महामारी से पीड़ित बुजुर्ग दंपति पर भारी पड़ी.

ये है पूरा मामला

शुक्रवार को भोरंज सिविल अस्पताल में लडवीं गांव का दंपति मधुमेह और बुखार के चलते इलाज के लिए पहुंचा था. डॉक्टरों ने कोरोना टेस्ट करवाने को कहा. टेस्ट में दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. डॉक्टरों ने उन्हें दवाइयों की किट देकर होम क्वारंटाइन होने को कहा. हद तो तब हो गई जब अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें एंबुलेंस की व्यवस्था न होने का हवाला दिया.

इसके बाद संक्रमित बुजुर्ग दंपति घर जाने के लिए करीब 5 घंटे अस्पताल के गेट पर गाड़ी पर के इंतजार में बैठे रहा. टैक्सी चालकों के आगे भी दंपति ने हाथ-पांव जोड़े, लेकिन कोई भी उन्हें घर तक छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुए. इसके बाद एक ट्राला चालक ने इंसानियत दिखाते हुए दोनों को शाम पांच बजे के बाद घर पहुंचाया.

ये भी पढ़ें: कोविड वैक्सीनेशन अभियान के लिए लगी अध्यापकों ड्यूटी, पंचायत मुख्यालयों में करवा रहे लोगों का रजिस्ट्रेशन

हमीरपुरः जिला के भोरंज सिविल अस्पताल में लडवीं गांव के दंपति कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद दोनों ट्राले में घर पहुंचाने के मामले में नया खुलासा हुआ है. ईटीवी भारत ने इस मामले में जब डीसी हमीरपुर देवश्वेता बनिक से बातचीत की उनका कहना था कि इन मरीजों के परिजनों को इस बारे में सूचना दी गई थी, लेकिन उन्हें देने के लिए कोई भी आगे नहीं आया. इस पर बीएमओ ने उनको घर पहुंचाने के लिए प्रबंध किया.

डीसी के अनुसार मौके पर दंपत्ति को घर पहुंचाने की जरूरत थी. कार्य को मौके परिस्थितियों और संसाधनों के आधार पर किया गया है. वहीं, कोरोना संक्रमित पाए गए बुजुर्ग दंपति के परिजन भी अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटे गए हैं. ऐसे में एक ट्राले वाले ने हिम्मत दिखाई और बुजुर्ग दंपति को घर पहुंचाया.

वीडियो.

5 घंटे तक संक्रमित बुजुर्ग दंपति अस्पताल के गेट पर करते रहे इंतजार

हमीरपुर जिला में हर दिन 200 से अधिक लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं. ऐसे में हर किसी संक्रमित व्यक्ति को एंबुलेंस ने घर भेजना थी स्वास्थ्य विभाग के लिए संभव नहीं है. जिला में अधिकतर लोगों को होम आइसोलेशन में ही भेजा जा रहा है. जब भी कोई कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे घर भेजने के लिए परिजनों से बातचीत कर प्रबंध किया जाता है. 5 घंटे तक संक्रमित पाए गए इससे बुजुर्ग दंपति को अस्पताल के गेट पर इंतजार करना पड़ा.

ऐसे में जब रिश्तेदारों और परिजनों के पीछे हट गए तो समस्या को निपटाने में मौके पर मौजूद सरकार के नुमायदों की सुस्ती भी सामने आई है, लेकिन साथ ही साथ परिजनों और रिश्तेदारों की बेरुखी से भी महामारी से पीड़ित बुजुर्ग दंपति पर भारी पड़ी.

ये है पूरा मामला

शुक्रवार को भोरंज सिविल अस्पताल में लडवीं गांव का दंपति मधुमेह और बुखार के चलते इलाज के लिए पहुंचा था. डॉक्टरों ने कोरोना टेस्ट करवाने को कहा. टेस्ट में दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. डॉक्टरों ने उन्हें दवाइयों की किट देकर होम क्वारंटाइन होने को कहा. हद तो तब हो गई जब अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें एंबुलेंस की व्यवस्था न होने का हवाला दिया.

इसके बाद संक्रमित बुजुर्ग दंपति घर जाने के लिए करीब 5 घंटे अस्पताल के गेट पर गाड़ी पर के इंतजार में बैठे रहा. टैक्सी चालकों के आगे भी दंपति ने हाथ-पांव जोड़े, लेकिन कोई भी उन्हें घर तक छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुए. इसके बाद एक ट्राला चालक ने इंसानियत दिखाते हुए दोनों को शाम पांच बजे के बाद घर पहुंचाया.

ये भी पढ़ें: कोविड वैक्सीनेशन अभियान के लिए लगी अध्यापकों ड्यूटी, पंचायत मुख्यालयों में करवा रहे लोगों का रजिस्ट्रेशन

Last Updated : May 2, 2021, 8:52 AM IST
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