हमीरपुर: सोलर एनर्जी के इस्तेमाल से अब घर का बल्ब जलने के साथ ही कमरा भी गर्म होगा और नल में पानी भी गर्म मिलेगा. सोलर एनर्जी की तकनीक से इन तीन काम के लिए अलग-अलग नहीं बल्कि अब एक ही उपकरण का इस्तेमाल होगा. रिवर्स फ्लो सोलर एयर हिटर से घर गर्म भी होगा और बाथरूम और किचन में गर्म पानी भी आएगा. गर्म हवा और गर्म पानी के साथ ही यह अत्याधुनिक उपकरण बिजली भी पैदा करेगा. जिससे छोटे मोटे बिजली के उपकरण सोलर एनर्जी पैदा होने वाली बिजली से चलाये जा सकेंगे. इस उपकरण में सोलर एनर्जी से पैदा हुई हीट को बिजली में तब्दील करने के लिए थर्मो इलेक्ट्रिक जनरेटर का इस्तेमाल किया गया है.
एनआईटी के छात्र ने बनाया उपकरण- एनआईटी हमीरपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के एक पीएचडी स्कॉलर सोहन शर्मा ने एक अनूठा उपकरण तैयार किया है. यह उपकरण पीएचडी स्कॉलर ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अजोय देब बर्मा के मार्गदर्शन में बनाया है. इस अत्याधुनिक उपकरण का नाम है रिवर्स फ्लो सोलर एयर हीटर. इस सोलर एनर्जी के इस्तेमाल से अब आपके घर का बल्ब जलेगा. इतना ही नहीं सर्दियों में ये आपके कमरे को भी गर्म करेगा. बर्तन या कपड़े धोते समय भी नलके से पानी गर्म ही निकलेगा.
सोलर एनर्जी की तकनीक से इन तीन काम के लिए अलग-अलग नहीं बल्कि अब एक ही उपकरण का इस्तेमाल होगा- रिवर्स फ्लो सोलर एयर हीटर. इस अत्याधुनिक उपकरण से बिजली भी पैदा होगी. जिससे छोटे मोटे बिजली के उपकरण सोलर एनर्जी पैदा होने वाली बिजली से चलाए जा सकेंगे. इस उपकरण में सोलर एनर्जी से पैदा हुई हीट को बिजली में तब्दील करने के लिए थर्मोइलेक्ट्रिक जनरेटर का इस्तेमाल किया गया है.
यह उपकरण सोलर एनर्जी की हीट का इस्तेमाल कर एक नहीं बल्कि 3 काम करेगा. हिमालय क्षेत्रों में जहां ठंड का अधिक प्रकोप रहता है लेकिन सूर्य की रोशनी भी भरपूर है वहां पर यह उपकरण बेहद कारगर साबित हो सकता है. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के निवासी पीएचडी स्कॉलर सोहन शर्मा ने इस उपकरण को रिवर्स फ्लो सोलर एयर हीटर नाम दिया है. वर्तमान में विश्व भर में एनर्जी को सेव करने के लिए कई तरह की मुहिम चलाई जा रही है और सोलर एनर्जी का भी व्यापक तौर पर इस्तेमाल हो रहा है.
अलग-अलग उपयोग के लिए अलग-अलग उपकरण का वर्तमान में इस्तेमाल सोलर एनर्जी के जरिए किया जा रहा है. लेकिन एक ही उपकरण से 3 फायदे देने वाला यह सोलर एनर्जी वाला उपकरण अपने आप में अनूठा है. ठंडे इलाकों में सौर ऊर्जा से यह उपकरण घर को सामान्य तापमान से 10 से 15 डिग्री सेल्सियस तक गर्म करेगा. गर्माहट को नियंत्रित रखने के लिए हवा के गुजरने और उसे नियंत्रित करने के लिए भी टर्बुलेटर का इस्तेमाल किया गया है.
ऐसे घर में गर्म हवा छोड़ेगा यह उपकरण- उपकरण में सोलर सिम्युलेटर के जरिए ग्लास कवर से होकर एनर्जी एब्जॉर्बर प्लेट (अवशोषक पट्टिका) पर पहुंचेगी. यह प्लेट एल्यूमीनियम से बनी होगी जो कि थर्मल कंडक्टिविटी यानी ताप चालकता अधिक होती है. खास बात यह है कि एल्यूमीनियम के इस्तेमाल से उपकरण के लागत को भी सीमित रखा जा सकता है.
उपकरण के बीचो बीच सोलर सिम्युलेटर के ठीक नीचे एक ग्लास कवर लगाया गया है. ग्लास के जरिए सौर ऊर्जा सटीकता के साथ एब्जॉर्बर प्लेट पर केंद्रित होगी. सौर ऊर्जा से हीट पैदा होगी जोकि उपकरण के भीतर से गुजरी हवा को गर्म करेगी. इस उपकरण के नाम के मुताबिक ही रिवर्स फ्लो के जरिए यू टर्न के जरिए गर्म हवा को उपकरण के निचले हिस्से से गुजार कर घर के भीतर छोड़ा जाएगा, जिससे हवा की गर्माहट और अधिक बढ़ जाएगी.
हवा के साथ ये उपकरण ऐसे करेगा पानी गर्म- उपकरण के इस निचले हिस्से में ही एब्जॉर्बर प्लेट पर टर्बुलेटर लगाए गए हैं. थर्मल कंडक्टिविटी के बेहतर सोर्स कॉपर की नलिका टर्बुलेटर की तरह बनाई गई है, जोकि पानी को इस उपकरण के भीतर फ्लो करेगी. टर्बुलेटर ताप चालकता को संचालित करने की एक तकनीक है जिसके लिए अधिक ताप चालकता वाले धातु का इस्तेमाल होता है. टर्बुलेटर के जरिए सोलर एनर्जी की हीट से गर्म हुई हवा को अधिक समय तक उपकरण के भीतर धीमी गति से गुजारा जाएगा. इस उपकरण में टर्बुलेटर को नलिका का रूप दिया गया है जो पानी को बेहद धीमी गति से इसके भीतर से फ्यो करेगी. पानी के गर्म होने के बाद घर में रसोई और बाथरूम में इसका सीधा इस्तेमाल भी किया जा सकेगा अथवा इसे स्टोर भी करने का विकल्प है.
कुछ इस तरह से तैयार होगी बिजली- उपकरण की एब्जॉर्बर प्लेट के धरातल में अतिरिक्त हीट व्यर्थ ना हो इसके लिए थर्मोइलेक्ट्रिक जनरेटर के जरिए इस हीट को बिजली में तब्दील किया जाएगा. हवा और पानी को गर्म करने के बाद इस उपकरण की अतिरिक्त हीट को बिजली तैयार करने में इस्तेमाल किया जाएगा. जोकि घर में बिजली से संचालित होने वाले उपकरण में इस्तेमाल हो पाएगी. इस उपकरण में सौर ऊर्जा के जरिए पैदा हो रही हीट को बाहर निकलने से बचाने के लिए उपकरण के सबसे निचले सतह पर और बाएं और दाएं तरफ थर्मल इंसुलेशन का इस्तेमाल किया गया है जो कि ताप का कुचालक है. यह थर्मल इंसुलेशन से बनी परत सोलर एनर्जी से पैदा हुई हीट को बाह्य वातावरण में निकलने से रोकेगी.
क्या कहते हैं पीएचडी स्कॉलर सोहन शर्मा- पीएचडी स्कॉलर सोहन शर्मा का कहना है कि इस उपकरण को तैयार करने में पहाड़ी क्षेत्रों को उन्होंने ध्यान में रखा है. जहां पर बिजली की उपलब्धता कम होती है. इस उपकरण के जरिए घर को गर्म करने के साथ ही रसोई घर और बाथरूम में गर्म पानी की व्यवस्था भी हो पाएगी. इस उपकरण को बनाने में लागत 14 हजार के करीब आई है. बड़े स्तर पर उत्पादन होने पर यह लागत कम होगी, हालांकि इस उपकरण की लागत और आकार इसको इस्तेमाल किए जाने वाले जगह पर आधारित होगा.
तीन काम करने में सक्षम होगा उपकरण- छोटे घरों के लिए लागत कम होगी जबकि बड़े भवनों में यह लागत बढ़ेगी. इस उपकरण के जरिए हवा को सामान्य तापमान से 10 से 15 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म किया जा सकेगा. इसके अलावा पानी भी 5 से 8 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म होगा. वर्तमान में भी बाजार में सोलर एनर्जी से चलने वाले कई उपकरण हैं, लेकिन अलग-अलग इस्तेमाल के लिए अलग-अलग उपकरणों का प्रयोग हो रहा है. यह उपकरण भविष्य में तीनों कार्य एक साथ करने में सक्षम होगा.
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