हमीरपुर: महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए गठित खंड स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक वीरवार को खंड विकास कार्यालय में आयोजित की गई.
इस बैठक की अध्यक्षता खंड विकास अधिकारी अस्मिता ठाकुर ने की. बैठक के दौरान विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई. बैठक में सशक्त महिला योजना और अन्य योजनाओं पर भी व्यापक चर्चा की गई. पोषण अभियान के बेहतर कार्यान्वयन के लिए 183 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और पर्यवेक्षकों को मोबाइल उपलब्ध करवाए गए हैं. इनमें पोषण ट्रैकर सॉफ्टवेयर पर लाभार्थियों का रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध करवाया जा रहा है.
'27 आंगनबाड़ी केंद्र शहरी क्षेत्र में चलाए जा रहे हैं'
खंड विकास अधिकारी अस्मिता ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि समेकित बाल विकास सेवाएं योजना के अंतर्गत हमीरपुर खंड में 156 आंगनबाड़ी केंद्र ग्रामीण क्षेत्र में और 27 आंगनबाड़ी केंद्र शहरी क्षेत्र में चलाए जा रहे हैं. आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 6 माह से 6 वर्ष के बच्चों, गर्भवती और धात्री महिलाओं लाभान्वित किया जा रहा है.
कोरोना संकट को देखते हुए इस समय लाभार्थियों को घर के लिए ही पूरक पोषाहार दिया जा रहा है. आंगनबाड़ी केंद्रों के भवनों पर चर्चा के दौरान खंड विकास अधिकारी ने बताया कि इन केंद्रों के लिए स्थानीय प्राथमिक पाठशालाओं में भी कमरे उपलब्ध करवाए जा सकते हैं. इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा विभाग और पंचायत जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित करें.
'लाभार्थी गर्भवती महिला को कुल 6000 रुपये दिए जाते हैं'
खंड विकास अधिकारी ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. इसका लक्ष्य लड़कियों को सामाजिक और वित्तीय तौर पर आत्मनिर्भर बनाना है. इस अवसर पर विभिन्न योजनाओं का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा विकास खंड हमीरपुर की 29 पंचायतों में ग्राम सभाओं के दौरान बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना की विस्तृत जानकारी प्रदान की जा रही है. जानकारी के अनुसार मातृ वंदना योजना और जननी सुरक्षा योजना के तहत लाभार्थी गर्भवती महिला को कुल 6000 रुपये दिए जाते हैं.
ये भी पढ़ें- ओवरस्पीड वाहन चालकों पर ऊना पुलिस का शिकंजा, 3 माह में काटे 5000 चालान