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एलएएसी पर शहीद हुए अंकुश, पिता बोले: बेटे की शहदत पर नाज...पर चीन को मिलना चाहिए जवाब

लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच सोमवार की रात हुई झड़प में हिमाचल के हमीरपुर जिला के अंकुश शहीद हुए हो गए थे. अंकुश के पिता और दादा भी सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. अंकुश के पिता ने कहा कि बेटा देश के लिए शहीद हो गया. बेटे की शहादत पर उन्हें नाज है.

Martyr Ankush's father is proud of his son's martyrdom
बेटे की शहादत पर नाज
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Published : Jun 17, 2020, 10:29 PM IST

हमीरपुर: लद्दाख की गलवान घाटी में हिमाचल के सपूत अंकुश की शहदत से पूरा परिवार शोक में हैं. भले ही अंकुश चीनी सेना से हुई भिड़ंत में शहीद हो गया हो, लेकिन शहीद अंकुश के पिता को बेटे की शहादत पर गर्व है. उनके पिता ने कहा कि बेटे पर मुझे नाज है. बेटे ने देश के लिए जान की बाजी लगा दी.

अंकुश के पिता अनिल कुमार ने कहा कि उनके परिवार में खुशियां ही खुशियां थी,लेकिन कुछ ही पलों में सब बदल गया. देश के लिए लड़ते हुए बेटा शहीद हो गया. उन्होंने कहा कि भारत को चीन को जवाब देना चाहिए. वहीं, शहीद अंकुश के अध्यापक अजय कुमार शर्मा ने बताया कि दस साल तक अंकुश को पढ़ाया. बचपन से ही अंकुश का सपना सेना में भर्ती होकर देश सेवा करने का था. हमें उसकी शहदात पर फक्र है, लेकिन चीन की हरकत का जवाब दिया जाना चाहिए.

वीडियो

वहीं, एसडीएम अमित कुमार शर्मा ने बताया कि कडोहता गांव के अंकुश कुमार भारत चीन सीमा पर शहीद हुए. पार्थिव शरीर को लाने के लिए सेना के अधिकारियों से बातचीत चल रही हैं. उन्होंने कहा कि अंकुश कुमार की शहादत पर बहुत दुख हुआ. परिवार की प्रशासन हर संभव सहायता करेगा.

2018 में भर्ती हुआ था अंकुश

बता दें कि भोरंज की कड़ोहता पंचायत के 21 साल के अंकुश पंजाब रेजीमेंट में 2018 में भर्ती हुए थे. लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच सोमवार की रात हुई हिंसक झड़प में अंकुश शहीद हुए हो गए थे. अंकुश के पिता और दादा भी सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. अंकुश की शहादत के बाद लोग परिवार को सांत्वना देने बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि अंकुश की पार्थिव देह की वीरवार सुबह गांव में पहुंचेगी.

ये भी पढ़ें : लद्दाख में शहीद हुए अंकुश ठाकुर के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल, पूरे क्षेत्र में शोक की लहर

ये भी पढ़ें: लद्दाख में हमीरपुर के अंकुश ठाकुर शहीद, सीएम जयराम ने जताया शोक



हमीरपुर: लद्दाख की गलवान घाटी में हिमाचल के सपूत अंकुश की शहदत से पूरा परिवार शोक में हैं. भले ही अंकुश चीनी सेना से हुई भिड़ंत में शहीद हो गया हो, लेकिन शहीद अंकुश के पिता को बेटे की शहादत पर गर्व है. उनके पिता ने कहा कि बेटे पर मुझे नाज है. बेटे ने देश के लिए जान की बाजी लगा दी.

अंकुश के पिता अनिल कुमार ने कहा कि उनके परिवार में खुशियां ही खुशियां थी,लेकिन कुछ ही पलों में सब बदल गया. देश के लिए लड़ते हुए बेटा शहीद हो गया. उन्होंने कहा कि भारत को चीन को जवाब देना चाहिए. वहीं, शहीद अंकुश के अध्यापक अजय कुमार शर्मा ने बताया कि दस साल तक अंकुश को पढ़ाया. बचपन से ही अंकुश का सपना सेना में भर्ती होकर देश सेवा करने का था. हमें उसकी शहदात पर फक्र है, लेकिन चीन की हरकत का जवाब दिया जाना चाहिए.

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वहीं, एसडीएम अमित कुमार शर्मा ने बताया कि कडोहता गांव के अंकुश कुमार भारत चीन सीमा पर शहीद हुए. पार्थिव शरीर को लाने के लिए सेना के अधिकारियों से बातचीत चल रही हैं. उन्होंने कहा कि अंकुश कुमार की शहादत पर बहुत दुख हुआ. परिवार की प्रशासन हर संभव सहायता करेगा.

2018 में भर्ती हुआ था अंकुश

बता दें कि भोरंज की कड़ोहता पंचायत के 21 साल के अंकुश पंजाब रेजीमेंट में 2018 में भर्ती हुए थे. लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच सोमवार की रात हुई हिंसक झड़प में अंकुश शहीद हुए हो गए थे. अंकुश के पिता और दादा भी सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. अंकुश की शहादत के बाद लोग परिवार को सांत्वना देने बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि अंकुश की पार्थिव देह की वीरवार सुबह गांव में पहुंचेगी.

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