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लॉकडाउन में मुरझाया 'फूलों' का कारोबार, घर चलाने के लिए कारोबारियों ने बदला व्यवसाय - फूलों की खेती

कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से हमीरपुर के फूल व्यापारियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. अपने परिवार का पोषण करने के लिए अब उन्होने अपने व्यवसाय को बदल लिया है.

loss to flowers cultivators due to lockdown
लॉकडाउन में मुरझाया फूल का कारोबार
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Published : May 23, 2020, 6:10 PM IST

हमीरपुर: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने दुनियाभर में हाहाकार मचा रखा है. सभी देशों की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है. कोरोना महामारी के चलते सारे काम धंधे ठप्प हो चुके हैं. फूलों का व्यापार करने वाले कारोबारियों को भी इस वायरस ने बरबाद कर दिया है.

हमीरपुर के बड़सर उपमंडल के किसान पवन कुमार ने करीब 3 करोड़ रुपये की लागत से उद्यान विभाग की मदद से फूलों की खेती का व्यवसाय शुरू किया था, लेकिन कोरोना वायरस के चलते पवन कुमार को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते देश में सभी काम ठप्प पड़े हैं. जिससे फूल व्यापारियों की हालात ये हैं कि फूल पॉलीहाउस में सुख गए, तैयार फूलों को भी काटकर फेंकना पड़ा रहा है. जिसके चलते उन्हें लाखों रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है.पवन कुमार की माने तो करीब 80 लाख रुपए के फूल काटकर खुले में फैंकने पड़े हैं. कितना मुश्किल होता होगा अपनी महेनत को खुद अपनी आंखों के सामने बर्बाद होते हुए देखना.

वीडियो रिपोर्ट

फूल कारोबारी पवन कुमार ने बताया कि 2013 में उद्यान विभाग की मदद से 12 हजार स्क्वायर मीटर उन्होंने पॉलीहाउस लगाये. इन पॉलीहाउस में फूलों की खेती शुरू की गई. जिससे उन्हें हर साल 8 से 10 लाख रुपये की आमदनी होने लगी. इस व्यवसाय से पवन ने करीब 30 से 35 स्थानीय सहित प्रवासी मजदूरों को भी रोजगार मुहैया करवाया, लेकिन इस बार कोरोना और लॉकडाउन के चलते उनकी फूलों की फसल नहीं बिक पाई.

हालत ये हो गई है कि अब पवन को अपना घर चलाने के लिए मजबूरन सब्जियां बेचने का काम करना पड़ रहा है. पवन कुमार ने जयराम सरकार से मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि प्रदेश के किसानों और बागबानों की इस मुश्किल की घड़ी में उन्हें आर्थिक मदद मुहैया करवाई जाए.

हमीरपुर: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने दुनियाभर में हाहाकार मचा रखा है. सभी देशों की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है. कोरोना महामारी के चलते सारे काम धंधे ठप्प हो चुके हैं. फूलों का व्यापार करने वाले कारोबारियों को भी इस वायरस ने बरबाद कर दिया है.

हमीरपुर के बड़सर उपमंडल के किसान पवन कुमार ने करीब 3 करोड़ रुपये की लागत से उद्यान विभाग की मदद से फूलों की खेती का व्यवसाय शुरू किया था, लेकिन कोरोना वायरस के चलते पवन कुमार को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते देश में सभी काम ठप्प पड़े हैं. जिससे फूल व्यापारियों की हालात ये हैं कि फूल पॉलीहाउस में सुख गए, तैयार फूलों को भी काटकर फेंकना पड़ा रहा है. जिसके चलते उन्हें लाखों रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है.पवन कुमार की माने तो करीब 80 लाख रुपए के फूल काटकर खुले में फैंकने पड़े हैं. कितना मुश्किल होता होगा अपनी महेनत को खुद अपनी आंखों के सामने बर्बाद होते हुए देखना.

वीडियो रिपोर्ट

फूल कारोबारी पवन कुमार ने बताया कि 2013 में उद्यान विभाग की मदद से 12 हजार स्क्वायर मीटर उन्होंने पॉलीहाउस लगाये. इन पॉलीहाउस में फूलों की खेती शुरू की गई. जिससे उन्हें हर साल 8 से 10 लाख रुपये की आमदनी होने लगी. इस व्यवसाय से पवन ने करीब 30 से 35 स्थानीय सहित प्रवासी मजदूरों को भी रोजगार मुहैया करवाया, लेकिन इस बार कोरोना और लॉकडाउन के चलते उनकी फूलों की फसल नहीं बिक पाई.

हालत ये हो गई है कि अब पवन को अपना घर चलाने के लिए मजबूरन सब्जियां बेचने का काम करना पड़ रहा है. पवन कुमार ने जयराम सरकार से मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि प्रदेश के किसानों और बागबानों की इस मुश्किल की घड़ी में उन्हें आर्थिक मदद मुहैया करवाई जाए.

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