हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग पेपर लीक मामले में गठित हाई पावर एसआईटी मंगलवार को जांच के लिए हमीरपुर पहुंची. हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर की फंक्शनिंग को प्रदेश सरकार ने पेपर लेकर प्रकरण के चलते सस्पेंड कर दिया है. मंगलवार को पूर्व की भांति ही आयोग के कर्मचारी कार्यालय में तो पहुंचे, लेकिन यहां पर पेपर लीक मामले में गठित एसआईटी जांच के लिए पहुंची तो कर्मचारियों को कार्यालय से बाहर आना पड़ा.
प्रदेश सरकार की तरफ से पिछले कल ही इस एसआईटी का गठन किया गया है जिसमें जी शिवाकुमार को एसआईटी हेड बनाया गया है वही एडीसी हमीरपुर जितेंद्र सांजटा को आयोग में ओएसडी लगाया गया है. एसआईटी हेड डीआईजी रैंक के अधिकारी जी शिवाकुमार की अगुवाई में टीम मंगलवार को आयोग कार्यालय में पहुंची और छानबीन शुरू की इसके अलावा आयोग में ओएसडी लगाए गए. डीसी हमीरपुर जितेंद्र सांजटा ने भी अपना कार्यभार संभाल लिया है.
कर्मचारियों की भूमिका को लेकर असमंजस: दरअसल इस मामले में आयोग के सचिव और उप सचिव को प्रदेश सरकार ने शिमला तलब कर लिया है लेकिन कर्मचारी किस भूमिका में रहेंगे यह अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया है. आयोग की फंक्शनिंग को सस्पेंड करने के साथ ही अधिकारी तो शिमला तलब कर लिए गए, लेकिन कर्मचारियों की भूमिका को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है. यही कारण है कि इन कर्मचारियों को आयोग कार्यालय में बुलाया तो गया, लेकिन कोई कार्य करने की अनुमति नहीं थी. ऐसे में जांच के पहले दिन तो एसआईटी ने कर्मचारियों को कार्यालय के बाहर ही रखा, लेकिन आने वाले दिनों में कर्मचारियों की जांच के इस अंतराल के दौरान क्या भूमिका रहेगी इसको लेकर असमंजस बना हुआ. (hpssc joa it paper leak) (sit investigation hpssc)
एसआईटी ने आरोपियों से भी की है पूछताछ, आयोग की गोपनीय ब्रांच में दी दस्तक: मामले में प्रदेश सरकार की तरफ से गठित एसआईटी ने मंगलवार को हमीरपुर में रिमांड पर चल रहे थे. आरोपियों से भी पूछताछ की है बताया जा रहा है कि आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ की गई है. मुख्य आरोपी आयोग की निलंबित कर्मचारी उमा आजाद से लंबी पूछताछ की गई है. यह महिला कर्मचारी आयोग के गोपनीय ब्रांच में तैनात थी. ऐसे में एसआईटी की टीम ने इस ब्रांच के कमरों में भी विशेष तौर पर हर तकनीकी पहलुओं सीसीटीवी फुटेज प्रिंटर कंप्यूटर इत्यादि को बारीकी से जांचा है. (joa it paper leak case investigation)
क्या है मामला: दरअसल 23 दिसंबर को कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर की तरफ से जूनियर ऑफिस अस्सिटेंट पोस्ट कोड की परीक्षा के आयोजन के लिए प्रदेश भर में टीमें रवाना की गई थी और इस दौरान ही हमीरपुर में पेपर लीक का खुलासा विजिलेंस की टीम ने किया. इस तमाम मामले में कर्मचारी चयन आयोग की गोपनीय ब्रांच में तैनात महिला कर्मचारी उमा आजाद मुख्य आरोपी बनी है. उनके अलावा उनका बेटा और चार अन्य लोग भी आरोपी हैं. कुल 6 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है. (sit investigation hpssc) (joa it paper leak case update) (joa it paper leak case investigation)
मामले का खुलासा होने के अगले दिन ही मुख्य आरोपी उमा जाते दो और भर्ती परीक्षा के पेपर भी बरामद किए गए थे. बाद में विजिलेंस की टीम ने इन पेपर को आयोग में वेरीफाई किया तो यह खुलासा हुआ कि इन दोनों पेपर की परीक्षा भी आगामी दिनों में प्रस्तावित थी. इन तमाम खुलासों के बीच ही प्रदेश सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग की फंक्शनिंग को सस्पेंड कर दिया और इस मामले में 15 दिन में जांच पूरी करने का दावा कर सरकार ने एसआईटी का गठन किया. अब यह एसआईटी मामले में जांच में जुट गई है और 15 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी.
ये भी पढ़ें- Paper Leak Case: प्रदेशभर से आयोग कार्यालय में पहुंचे अभ्यर्थियों ने सराहा सरकार का कदम, बोले- जल्द पूरी हो जांच