हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी उमा आजाद के दोनों बेटों और एक अन्य आरोपी की न्यायिक हिरासत को 14 दिन और बढ़ा दिया गया है. अदालत ने इन तीनों आरोपियों की जमानत की दलीलों को खारिज करते हुए एक बार फिर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है. बता दें कि सोमवार को जेओए आईटी पेपर भर्ती लीक मामले में तीन आरोपियों ऊमा आजद के बेटे नीरज, नितिन और उनके घर पर काम करने वाले निखिल को सोमवार को जमानत नहीं मिल पाई. कोर्ट ने तीनों की न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए बढ़ा दी है.
अदालत ने जमानत के लिए आरोपियों की तमाम दलीलों को खारिज किया है. जबकि विजिलेंस की तरफ से दिए गए तर्क को वाजिब माना है. दरअसल विजिलेंस की तरफ से अदालत में यह तर्क दिया गया था कि पेपर लीक के मामले में अभी छानबीन की जा रही है और इन आरोपियों को जमानत मिलने पर यह जांच प्रभावित हो सकती है. बता दें कि कर्मचारी चयन आयोग भर्ती परीक्षा लीक मामले के न्यायिक हिरासत में चल रहे छह में से तीन आरोपियों की सोमवार को जमानत पर सुनवाई थी. कोर्ट ने तीनों की जमानत को रद्द करते हुए उन्हें 14-14 दिन के अतिरिक्त ज्यूडिशियल रिमांड पर भेजा है.
बता दें कि पेपर लीक मामले के सभी आरोपी दोसड़का स्थित डिस्ट्रिक जेल में न्यायिक हिरासत में हैं. कुल आठ में से दो आरोपियों जेओए आईटी की अभ्यर्थी तनु शर्मा और अजय को पिछले दिनों बेल मिल गई थी. मौजूदा समय में 6 आरोपी न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं. एएसपी विजिलेंस हमीरपुर रेनू शर्मा ने कहा कि तीन आरोपियों को सोमवार को अदालत में पेश किया गया था. इन आरोपियों को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है. मामले में गहनता से छानबीन की जा रही है.
2 कर्मचारियों को आयोग से सचिवालय के तबादला आदेश: पेपर लीक का यह मामला सामने आने के बाद प्रदेश सरकार की तरफ से बड़ी कार्रवाई करते हुए कर्मचारी चयन आयोग की फंक्शनिंग को 2 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया था. इस बीच अब 2 कर्मचारियों के तबादला आदेश आयोग के ओएसडी एडीसी हमीरपुर जितेंद्र सांजटा को प्राप्त हुए हैं. इन आदेशों को लेकर उन्होंने सरकार से पत्राचार किया है. सरकार के निर्देशों पर ही इन कर्मचारियों को आयोग से रिलीव किया जा सकता है. फिलहाल यह अपने आप में बड़ा सवाल है कि इस हाई प्रोफाइल पेपर लीक मामले की छानबीन के बीच कर्मचारियों के तबादला आदेश आखिर कैसे जारी हो गए.
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