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COVID-19: चालक व परिचालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट, सरकार से लगाई गुहार

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Published : May 2, 2020, 5:29 PM IST

लॉकडाउन और कर्फ्यू का कारोबार पर व्यापक असर पड़ा है. निजी बस चालक और परिचालक भी इस समस्या से जूझ रहे हैं. बस मालिक के पास दिहाड़ी पर लगे हुए चालकों व परिचालकों का घर इसी काम से चलता था. जाहु के चालक-परिचालक बस यूनियन के प्रधान रोशन लाल ने सरकार से अनुरोध किया है कि सरकार भी निजी बस चालकों और परिचालकों के बारे में विचार करें.

Jahu Drivers and Operators Union
निजी बस चालकों की सरकार से आर्थिक मदद की मांग.

बड़सर/हमीरपुर: लॉकडाउन और कर्फ्यू का कारोबार पर व्यापक असर पड़ा है. लोगों को कर्फ्यू ढील के दौरान केवल अवश्यक वस्तुओं की खरीददारी और किसी आपालकाल स्थिति में ही घरों से बाहर निकलने की इजाजत दी गई है. इसके साथ ही सरकारी व निजी वाहनों की आवाजाही पर भी पूरी तरह से रोक है. ऐसे में लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं, निजी बस चालक और परिचालक भी इस समस्या से जूझ रहे हैं. बस मालिक के पास दिहाड़ी पर लगे हुए चालकों व परिचालकों का घर इसी काम से चलता था. जाहु के चालक-परिचालक बस यूनियन के प्रधान रोशन लाल ने सरकार से अनुरोध किया है कि सरकार भी निजी बस चालकों और परिचालकों के बारे में विचार करें.

जाहु बस यूनियन के प्रधान रोशन लाल ने कहा कि लॉकडाउन और कर्फ्यू के चलते रोजगार छिन गया है. बस मालिकों की स्थिती भी ठीक नहीं है और वह भी असमर्थ है. सरकार ने 25 प्रतिशत सवारी के साथ निजी बसें चलाने का प्रस्ताव रखा है, लेकिन निजी बस मालिक इसके लिए तैयार नहीं है.

चालक व परिचालकों का कहना है कि इससे उनकी दिहाड़ी भी नहीं बनेगी और तेल का खर्च भी मुश्किल से निकलेगा. रोशन लाल ने यूनियन के सदस्य उमेश शर्मा, दिनेश कुमार आदि के साथ बातचीत करके सरकार से निजी बस चालकों और परिचालकों के हित में सोचने पर जोर दिया है.

बड़सर/हमीरपुर: लॉकडाउन और कर्फ्यू का कारोबार पर व्यापक असर पड़ा है. लोगों को कर्फ्यू ढील के दौरान केवल अवश्यक वस्तुओं की खरीददारी और किसी आपालकाल स्थिति में ही घरों से बाहर निकलने की इजाजत दी गई है. इसके साथ ही सरकारी व निजी वाहनों की आवाजाही पर भी पूरी तरह से रोक है. ऐसे में लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं, निजी बस चालक और परिचालक भी इस समस्या से जूझ रहे हैं. बस मालिक के पास दिहाड़ी पर लगे हुए चालकों व परिचालकों का घर इसी काम से चलता था. जाहु के चालक-परिचालक बस यूनियन के प्रधान रोशन लाल ने सरकार से अनुरोध किया है कि सरकार भी निजी बस चालकों और परिचालकों के बारे में विचार करें.

जाहु बस यूनियन के प्रधान रोशन लाल ने कहा कि लॉकडाउन और कर्फ्यू के चलते रोजगार छिन गया है. बस मालिकों की स्थिती भी ठीक नहीं है और वह भी असमर्थ है. सरकार ने 25 प्रतिशत सवारी के साथ निजी बसें चलाने का प्रस्ताव रखा है, लेकिन निजी बस मालिक इसके लिए तैयार नहीं है.

चालक व परिचालकों का कहना है कि इससे उनकी दिहाड़ी भी नहीं बनेगी और तेल का खर्च भी मुश्किल से निकलेगा. रोशन लाल ने यूनियन के सदस्य उमेश शर्मा, दिनेश कुमार आदि के साथ बातचीत करके सरकार से निजी बस चालकों और परिचालकों के हित में सोचने पर जोर दिया है.

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