हमीरपुर: जिला के राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों को राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज पंजीकरण प्रणाली (एनजीडीआरएस) के कार्यान्वयन के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान करने के लिए बुधवार को हमीर भवन में एक कार्यशाला आयोजित की गई.
इसमें जिले भर के तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों और पंजीकरण लिपिकों ने भाग लिया. कार्यशाला के दौरान जिला सूचना विज्ञान अधिकारी विनोद गर्ग, तहसीलदार अशोक पठानिया और अजय कुमार ने प्रतिभागियों को एनजीडीआरएस के संबंध में कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान कीं.
इस अवसर पर तहसीलदार हमीरपुर अशोक पठानिया ने बताया कि एनजीडीआरएस की लांचिंग से दस्तावेजों एवं संपत्तियों की पंजीकरण प्रक्रिया में एक नए युग की शुरुआत हुई है. इस आधुनिक प्रणाली से रजिस्ट्रिी के लिए आवेदन से लेकर स्टांप डयूटी एवं कोर्ट फीस की अदायगी तक की सारी प्रक्रिया काफी आसान और पारदर्शी हो जाएगी.
इससे लोगों को रजिस्ट्री के लिए बार-बार राजस्व विभाग के कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. आम लोगों के साथ-साथ राजस्व विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को भी इससे काफी सुविधा होगी.
अशोक पठानिया ने बताया कि इस आधुनिक सॉफ्टवेयर के माध्यम से जमीन खरीदने की प्रक्रिया और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी पूरी तरह ऑनलाइन हो जाएंगी. आम नागरिक जमीन के सर्कल रेट और जमीन से संबंधित सभी राजस्व जानकारियां ऑनलाइन स्वयं देख सकेंगे.
उन्हें बिकने वाली जमीन के मौजूदा स्टेटस और कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां तुरंत मिल जाएंगी. जमीन के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के बाद वे ऑनलाइन ही अपने दस्तावेज तथा पैसा जमा करवाकर राजिस्ट्री के लिए समय ले सकते हैं.
संपत्ति खरीदने वाले को केवल एक बार ही रजिस्ट्री के समय हस्ताक्षर के लिए सब-रजिस्ट्रार के कार्यालय में जाने की आवश्यकता होगी. इस अवसर पर जिला सूचना विज्ञान अधिकारी विनोद गर्ग ने बताया कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के भू-संसाधन विभाग ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के सहयोग से अत्याधुनिक एवं बहुत ही सुविधाजनक साफ्टवेयर एनजीडीआरएस तैयार किया है.
इसके माध्यम से राजस्व विभाग के कार्यों में काफी तेजी और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी. उन्होंने राजस्व अधिकारियों-कर्मचारियों को एनजीडीआरएस के तकनीकी पहलुओं से अवगत करवाया. अजय कुमार ने भी प्रतिभागियों को कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं.