हमीरपुर: कोरोना काल के इस दौर में हिमाचल के लिए राहत भरी खबर है. कोरोना काल का यह समय पर्यावरण के लिए बेहद ही सुखद रहा है. हिमाचल प्रदेश में हर वर्ष आगजनी की घटनाओं से अरबों रुपए की वन संपदा जलकर राख हो जाती थी, लेकिन इस बार आगजनी की घटनाओं में काफी कमी आई है.
वन विभाग का कहना है कि 15 अप्रैल से 15 मई तक रुक-रुक कर बारिश होने से जिला में आगजनी की घटनाएं ना के बराबर थी. वन मंडल अधिकारी डॉ. एलसी बंदना ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते लगे लॉकडाउन के समय जंगलों में इंसानी गतिविधियां ना के बराबर थी, जिस कारण आगजनी की घटनाओं में 70 फीसदी कमी आई है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष हमीरपुर जिला में आगजनी के 70 मामले सामने आए थे.
वन मंडल अधिकारी ने कहा कि 15 मई 2020 तक आगजनी के मामले जिला में शून्य थे. उन्होंने कहा कि 15 मई के बाद जिला में आगजनी के 13 मामले ही सामने आए हैं जो कि पिछले साल की अपेक्षा बहुत ही कम हैं. वन मंडल अधिकारी हमीरपुर डॉ. एलसी बंदना ने कहा कि इस बार आगजनी से 80 हेक्टेयर जंगल जले हैं. जिसमें 92,000 रुपए का नुकसान हुआ है.
आपको बता दें कि जिला हमीरपुर में पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष आगजनी की घटनाओं का ग्राफ गिरा है. वन विभाग का कहना है कि लॉकडाउन में इंसानी गतिविधियां जंगलों में ना के बराबर थी जिस वजह से आग लगने की घटनाएं कम सामने आई हैं. वहीं, इस बार अप्रैल व मई महीने में बारिश होने से भी आगजनी की घटनाओं में कमी आई है.
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