हमीरपुर: भंग किए जा चुके कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर पेपर लीक प्रकरण में सातवीं FIR दर्ज कर दी गई है. जूनियर ऑफिस अस्सिटेंट पोस्ट कोड 817 में पर्चा लीक होने के पर्याप्त सबूत मिलने पर विजिलेंस थाना हमीरपुर में 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. पेपर लीक प्रकरण में अभी तक अलग-अलग पोस्ट कोड में 6 एफआईआर दर्ज की गई थी. अब पोस्ट कोड 817 में यह सातवीं FIR दर्ज हुई है.
साल 2021 के मार्च महीने में 1756 सीट के लिए जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी पोस्ट कोड 817 की लिखित परीक्षा आयोजित हुई थी. मार्च 2021 में आयोजित इस परीक्षा में 107878 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था. लिखित परीक्षा में कुल 19024 विद्यार्थियों को उत्तीर्ण घोषित किया गया था. इसके बाद 4342 अभ्यर्थियों को दस्तावेजों के मूल्यांकन और टाइपिंग टेस्ट के लिए एडमिट कार्ड जारी हुए थे. हालांकि बाद में इस मामले में कुछ अभ्यर्थी न्यायालय में चले गए थे जिस वजह से नतीजा घोषित नहीं हो पाया था. अभी तक यह मामला न्यायालय के विचाराधीन है, जबकि अब पर्चा लीक होने की पुष्टि होने पर परिणाम का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है.
गौरतलब है कि यह साल 2021 में पूर्व भाजपा सरकार में कर्मचारी चयन आयोग द्वारा सबसे बड़ी भर्ती आयोजित की गई थी. जिसमें रिकॉर्ड 1 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने लिखित परीक्षा में हिस्सा लिया था. अब इस भर्ती परीक्षा के सिलसिले में पेपर लीक प्रकरण में FIR दर्ज होने से नौकरी का इंतजार कर रहे हजारों युवाओं को तगड़ा झटका लगा है. आपको बता दें कि 22 दिसंबर 2022 को जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 965 का प्रचार परीक्षा से 1 दिन पहले लीक हो गया था. मामले में कर्मचारी चयन आयोग की गोपनीय शाखा में तैनात महिला कर्मचारी उमा आजाद को रंगे हाथों परीक्षा का पर्चा देते हुए पकड़ा गया था.
इस मामले में प्रदेश की वर्तमान सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चयन आयोग को भंग कर दिया था. इस मामले में एक के बाद एक बड़े खुलासे हुए और अब 1 दर्जन से अधिक भर्ती परीक्षाएं जांच के दायरे में हैं. मामले में कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सचिव भी आरोपी बनाए गए हैं. ताजा FIR में किन-किन लोगों को नामजद किया गया है अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है.
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