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300 किसानों को सिखाए प्राकृतिक खेती के गुर, 2022 तक पीएम के इस लक्ष्य को पूरा करने का किया आह्वान - गसोता में किसान गोष्ठी

गसोता में शून्य लागत प्राकृतिक खेती पर कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण के माध्यम से किसान गोष्ठी और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. विधायक नरेंद्र ठाकुर ने कहा है कि प्राकृतिक खेती वर्तमान समय की आवश्यकता है क्योंकि रासायनिक खादों और कीटनाशक दवाइयों के इस्तेमाल के कारण खाद्यान्न जहरीले हो गए हैं.

natural farming tricks in gasota
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Published : Sep 29, 2019, 7:48 PM IST

हमीरपुर: जिला के गसोता में शून्य लागत प्राकृतिक खेती पर कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण के माध्यम से किसान गोष्ठी और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. गोष्ठी में जिला के सभी विकास खण्डों से आए 300 किसानों को प्राकृतिक खेती के गुर सिखाए गए. इस गोष्ठी की अध्यक्षता स्थानीय विधायक नरेंद्र ठाकुर ने की.

विधायक नरेंद्र ठाकुर ने कहा है कि प्राकृतिक खेती वर्तमान समय की आवश्यकता है, क्योंकि रासायनिक खादों और कीटनाशक दवाइयों के इस्तेमाल के कारण खाद्यान्न जहरीले हो गए हैं. इससे लोगों में कई लाइलाज बीमारियां पैदा हो रही हैं. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती में लागत कम है और सेहत के लिए फायदेमंद है. इसी पद्धति से किसानों की आय 2022 तक दुगना करने का प्रधानमंत्री का लक्ष्य पूरा किया जा सकता है.

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किसान गोष्ठी के दौरान विधायक नरेंद्र ठाकुर

इस अवसर पर नरेंद्र ठाकुर ने किसानों की लगाई गई प्राकृतिक खेती के उत्पादों की प्रदर्शनी को भी देखा. इस दौरान आत्मा परियोजना निदेशक डॉ. कुलदीप वर्मा ने बताया कि शून्य लागत प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को सरकार की ओर से देसी गाय खरीदने के लिए 25 हजार रुपये अधिकतम या 50 प्रतिशत, गोशाला का फर्श, गो मूत्र इकठ्ठा करने के लिए 8 हजार और गोमूत्र स्टोरेज ड्रम संग्रहण के लिए अधिकतम 2250 रुपये का अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है.

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300 किसानों को सिखाए प्राकृतिक खेती के गुर

ये भी पढ़ें: HRTC कंडक्टर के साथ मारपीट पर भड़की यूनियन, जल्द कार्रवाई की उठाई मांग

हमीरपुर: जिला के गसोता में शून्य लागत प्राकृतिक खेती पर कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण के माध्यम से किसान गोष्ठी और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. गोष्ठी में जिला के सभी विकास खण्डों से आए 300 किसानों को प्राकृतिक खेती के गुर सिखाए गए. इस गोष्ठी की अध्यक्षता स्थानीय विधायक नरेंद्र ठाकुर ने की.

विधायक नरेंद्र ठाकुर ने कहा है कि प्राकृतिक खेती वर्तमान समय की आवश्यकता है, क्योंकि रासायनिक खादों और कीटनाशक दवाइयों के इस्तेमाल के कारण खाद्यान्न जहरीले हो गए हैं. इससे लोगों में कई लाइलाज बीमारियां पैदा हो रही हैं. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती में लागत कम है और सेहत के लिए फायदेमंद है. इसी पद्धति से किसानों की आय 2022 तक दुगना करने का प्रधानमंत्री का लक्ष्य पूरा किया जा सकता है.

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किसान गोष्ठी के दौरान विधायक नरेंद्र ठाकुर

इस अवसर पर नरेंद्र ठाकुर ने किसानों की लगाई गई प्राकृतिक खेती के उत्पादों की प्रदर्शनी को भी देखा. इस दौरान आत्मा परियोजना निदेशक डॉ. कुलदीप वर्मा ने बताया कि शून्य लागत प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को सरकार की ओर से देसी गाय खरीदने के लिए 25 हजार रुपये अधिकतम या 50 प्रतिशत, गोशाला का फर्श, गो मूत्र इकठ्ठा करने के लिए 8 हजार और गोमूत्र स्टोरेज ड्रम संग्रहण के लिए अधिकतम 2250 रुपये का अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है.

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300 किसानों को सिखाए प्राकृतिक खेती के गुर

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Intro:300 किसानों को सिखाए प्राकृतिक खेती के गुर, तकनीक को अपनाने का लिया प्रण

हमीरपुर ।
कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण के माध्यम से शून्य लागत प्राकृतिक खेती पर गसोता में किसान गोष्ठी और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. गोष्ठी में जिला के सभी विकास खण्डों  से आए 300 किसानों को प्राकृतिक खेती के गुर सिखाए गए। इस गोष्ठी की अध्यक्षता स्थानीय विधायक नरेंद्र ठाकुर ने की.
विधायक नरेन्द्र ठाकुर ने कहा है प्राकृतिक खेती वर्तमान समय की आवश्यकता है क्योंकि रासायनिक खादों व कीटनाशक दवाइयों के उपयोग के कारण खाद्यान्न जहरीले हो गए हैं। इससे  लोगों में अनेक लाइलाज बीमारियां पैदा हो रही  हैं। प्राकृतिक खेती में लागत कम है व सेहत के लिए भी फायदेमंद है। इसी पद्धति से किसानों की आय 2022 तक दुगना करने का प्रधानमंत्री का लक्ष्य पूरा किया जा सकता है। 
इस अवसर पर नरेन्द्र ठाकुर ने किसानों द्वारा लगाई गई प्राकृतिक खेती के उत्पादों की प्रदर्शनी का  भी  अवलोकन किया। 
इस दौरान आत्मा परियोजना  निदेशक डॉ. कुलदीप वर्मा ने बताया कि शून्य लागत प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को सरकार की ओर से देसी गाय खरीदने के लिए 25 हजार रुपये अधिकतम या 50 प्रतिशत,  गोशाला का फर्श व  गो मूत्र इक_ा करने के लिए 8 हजार तथा गोमूत्र स्टोरेज ड्रम  संग्रहण के लिए अधिकतम 2250 रुपये का अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है। 



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