हमीरपुर: देशभर में इस समय आई फ्लू बड़े स्तर पर फैला हुआ है. हिमाचल प्रदेश में भी आई फ्लू की दहशत है. हमीरपुर जिले में आई फ्लू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. जिले में आई फ्लू कोरोना से कहीं अधिक रफ्तार से फैल रहा है. जिले के हर स्वास्थ्य खंड में दर्जनों लोग हर दिन इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. एनआईटी हमीरपुर में भी मरीजों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है.
हमीरपुर में आई फ्लू: मिली जानकारी के अनुसार हमीरपुर जिले में मंगलवार को भी आई फ्लू के 400 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. जिले में 6 स्वास्थ्य खंडों में 354, जबकि अकेले एनआईटी हमीरपुर में ही 85 नए मामले मंगलवार को दर्ज किए गए. जिले में अब तक इस बीमारी की चपेट में 1814 लोग आ चुके हैं. बताया जा रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े स्तर पर आई फ्लू का संक्रमण फैल चुका है.
स्कूली बच्चे भी आई फ्लू की चपेट में: जानकारी के मुताबिक हमीरपुर जिले में सिर्फ कुछ प्रतिशत मरीज ही अस्पतालों में पहुंच रहे हैं, जबकि असल में यह संख्या काफी ज्यादा है. कई लोग आई फ्लू की चपेट में आ चुके हैं. आई फ्लू से स्कूली बच्चों के बचाव के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग हमीरपुर और शिक्षा विभाग एहतियात बरत रहा है. शैक्षणिक संस्थानों को आई फ्लू को लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. बताया जा रहा है कि विभागीय निर्देशों और तमाम सावधानियों के बावजूद जिलेभर के स्कूलों में भी बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं.
किस स्वास्थ्य खंड में कितने मामले: हमीरपुर जिले में अब तक कुल 1814 लोग फ्लू की चपेट में आए हैं. बड़सर में सबसे अधिक 363, भोरंज में 299, गलोड़ में 157, नादौन में 358, सुजानपुर में 314 और टौणी देवी में 323 मामले अब तक रिपोर्ट हुए हैं. बच्चों में आई फ्लू का खतरा सबसे ज्यादा है.
मंगलवार को आई फ्लू के मामले: हमीरपुर जिले में मंगलवार को बड़सर में सबसे अधिक 79, भोरंज में 61, गलोड़ में 30, नादौन में 70, सुजानपुर में 58 और टौणी देवी में 53 व मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में 55 नए मामले रिपोर्ट हुए हैं. एनआईटी हमीरपुर में बुधवार को नए 85 मामले रिपोर्ट हुए हैं जबकि कुल संक्रमितों का आंकड़ा 800 के करीब पहुंच गया है.
आई फ्लू में सावधानियां: मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के एमएस एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल वर्मा का कहना कि आई फ्लू के इलाज के लिए लोग घरेलु नुस्खे अपनाने या फिर किसी भी दवा के सेवन से पहले डॉक्टर की राय जरूर लें. उन्होंने कहा कि अकसर लोग क्लीनिक से दवाई लेकर आंखों में डाल लेते हैं, जोकि गलत है. मरीजों को डॉक्टर की राय जरूर लेनी चाहिए. आंखों से जुड़ी बीमारियों में उम्र के लिहाज से हर मरीज को दवाई दी जाती है. ऐसे में सीधे दवाई की दुकानों में जाने की बजाए डॉक्टर के पास जरूर जाएं.
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