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वन रैंक वन पेंशन न मिलने से पूर्व सैनिक आहत, 'बहादुरी के मेडल जंग खाकर खत्म हो रहे पर नहीं मिला लाभ'

वन रैंक वन पेंशन की सुविधा न मिलने से हमीरपुर के पूर्व सैनिकों में नाराजगी. पूर्व सैनिक कल्याण संघर्ष हमीरपुर ने मोदी सरकार के इस दावे को झूठा बताया है. जिले में रहने वाले पूर्व सैनिकों ने केंद्र सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी को झूठ न फैलाने की नसीहत दी है.

वन रैंक वन पेंशन न मिलने से आहत पूर्व सैनिक
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Published : Feb 21, 2019, 9:57 PM IST

हमीरपुर: वन रैंक वन पेंशन को अपने कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि गिना रही मोदी सरकार पर पूर्व सैनिक कल्याण संघर्ष संघ हमीरपुर ने झूठा करार दिया है. संघ का दावा है कि वन रैंक वन पेंशन के लिए जंतर मंतर पर धरने के दौरान जमा करवाए गए उनके बहादुरी के मेडल भी जंग खाकर खत्म हो जाएंगे, लेकिन सरकार इस सुविधा को सही ढंग से शुरू नहीं करेगी.

वन रैंक वन पेंशन न मिलने से आहत पूर्व सैनिक

जिले में रहने वाले पूर्व सैनिकों ने केंद्र सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी को झूठ न फैलाने की नसीहत दी है. वायु सेना से रिटायर स्क्वॉर्डन लीडर बृजलाल धीमान का कहना है कि पहले रिटायर्ड हो चुके सैनिकों और अब होने वाले सैनिकों की पेंशन में 6 हजार का अंतर है.

ex soldiers angry
वन रैंक वन पेंशन न मिलने से आहत पूर्व सैनिक

पूर्व सैनिक अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वन रैंक वन पेंशन लागू करना केंद्र सरकार के बस में नहीं है तो वह 1962, 1965, 1971 की लड़ाई में बहादुरी से देश की सेवा करने वाले और सकुशल घर लौटे पूर्व सैनिकों के साथ छलावा न करें. उन्होंने कहा कि देश में वन रैंक वन पेंशन नहीं बल्कि वन रैंक 8 पेंशन व्यवस्था लागू है.

88 वर्षीय पूर्व सैनिक बृजलाल धीमान का कहना है कि साल 2014 में जंतर मंतर पर धरने के दौरान जमा करवाएं गए मेडल जंग खाकर खत्म हो जाएंगे इस बात का उन्हें डर है. केंद्रीय मंत्री जेटली एक वकील हैं और वह वकील की तरह ही कार्य कर रहे हैं. यह वन रैंक 8 पेंशन जेटली की ही देन है.

हमीरपुर: वन रैंक वन पेंशन को अपने कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि गिना रही मोदी सरकार पर पूर्व सैनिक कल्याण संघर्ष संघ हमीरपुर ने झूठा करार दिया है. संघ का दावा है कि वन रैंक वन पेंशन के लिए जंतर मंतर पर धरने के दौरान जमा करवाए गए उनके बहादुरी के मेडल भी जंग खाकर खत्म हो जाएंगे, लेकिन सरकार इस सुविधा को सही ढंग से शुरू नहीं करेगी.

वन रैंक वन पेंशन न मिलने से आहत पूर्व सैनिक

जिले में रहने वाले पूर्व सैनिकों ने केंद्र सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी को झूठ न फैलाने की नसीहत दी है. वायु सेना से रिटायर स्क्वॉर्डन लीडर बृजलाल धीमान का कहना है कि पहले रिटायर्ड हो चुके सैनिकों और अब होने वाले सैनिकों की पेंशन में 6 हजार का अंतर है.

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वन रैंक वन पेंशन न मिलने से आहत पूर्व सैनिक

पूर्व सैनिक अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वन रैंक वन पेंशन लागू करना केंद्र सरकार के बस में नहीं है तो वह 1962, 1965, 1971 की लड़ाई में बहादुरी से देश की सेवा करने वाले और सकुशल घर लौटे पूर्व सैनिकों के साथ छलावा न करें. उन्होंने कहा कि देश में वन रैंक वन पेंशन नहीं बल्कि वन रैंक 8 पेंशन व्यवस्था लागू है.

88 वर्षीय पूर्व सैनिक बृजलाल धीमान का कहना है कि साल 2014 में जंतर मंतर पर धरने के दौरान जमा करवाएं गए मेडल जंग खाकर खत्म हो जाएंगे इस बात का उन्हें डर है. केंद्रीय मंत्री जेटली एक वकील हैं और वह वकील की तरह ही कार्य कर रहे हैं. यह वन रैंक 8 पेंशन जेटली की ही देन है.

Intro: :::::::जंग खाकर खत्म हो जाएंगे केंद्र सरकार के पास जमा करवाएं बहादुरी के मेडल, पर लागू नहीं होगा वन रैंक वन पेंशन
::::::::88 वर्षीय सेवानिवृत्त स्क्वाडर्न लीडर बृजलाल को है डर, पूरे देश में 1 वन रैंक वन पेंशन है बल्कि वन रैंक 8 पेंशन व्यवस्था
हमीरपुर.
वन रैंक वन पेंशन को अपने कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि गिना रही मोदी सरकार पर पूर्व सैनिक कल्याण संघर्ष संघ हमीरपुर ने झूठा करार दिया है. संघ का दावा है कि वन रैंक वन पेंशन के लिए जंतर मंतर पर धरने के दौरान जमा करवाए गए उनके बहादुरी के मेडल भी जंग खाकर खत्म हो जाएंगे, लेकिन यह सरकार वन रैंक वन पेंशन को सही ढंग से लागू नहीं कर पाएगी. वीरवार को हमीरपुर में आयोजित पूर्व सैनिक कल्याण संघर्ष संघ की बैठक में पूर्व सैनिकों ने वन रैंक वन पेंशन लागू करने के केंद्र सरकार के दावे को झूठ का पुलिंदा करार दिया है. पूर्व सैनिकों ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नसीहत दी है कि अगर यह उनके बस की बात नहीं है तो वह झूठी खबर ना फैलाएं.



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पूर्व सैनिकों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्व सैनिकों से यह कह दे कि वह अपना किया वादा पूरा नहीं कर सकते हैं. वर्ष 1998 में वायु सेना से रिटायर हुए स्क्वाडर्न लीडर बृजलाल धीमान का कहना है कि आज सेवानिवृत्त हो रहे और कई वर्ष पहले सेवानिवृत्त हुए पूर्व सैनिकों की पेंशन में 6000 से अधिक का अंतर है. देश में वन रैंक वन पेंशन लागू नहीं हुआ है बल्कि वन रैंक 8 पेंशन व्यवस्था लागू है. सेवानिवृत्त स्क्वाडर्न लीडर बृजलाल धीमान का कहना है कि मोदी साहब यह झूठी खबर ना फैलाएं कि उन्होंने वन रैंक वन पेंशन लागू कर दिया है. अगर इसको लागू करना उनके बस की बात नहीं है तो वह 1962, 1965, 1971 की लड़ाई में बहादुरी से देश की सेवा करने वाले और सकुशल अपने पैरों पर घर लौटे पूर्व सैनिकों से यह कह दे कि वह वन रैंक वन पेंशन लागू नहीं कर सकते हैं. आज भी देश में बरसों पहले रिटायर हुए पूर्व सैनिक और आज सेवानिवृत्त हो रहे सैनिक की पेंशन में 6000 से अधिक का अंतर है. देश में वन रैंक वन पेंशन नहीं बल्कि वन रैंक 8 पेंशन व्यवस्था लागू है.


Conclusion:88 वर्षीय पूर्व सैनिक बृजलाल धीमान का कहना है कि वर्ष 2014 में जंतर मंतर पर धरने के दौरान जमा करवाएं गए मेडल जंग खाकर खत्म हो जाएंगे इस बात का उन्हें डर है. केंद्रीय मंत्री जेटली एक वकील हैं और वह वकील की तरह ही कार्य कर रहे हैं. यह वन रैंक 8 पेंशन जेटली की ही देन है. वकील बाल की खाल उतारता है और यही जेटली भी कर रहे हैं
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