हमीरपुरः अस्थाई रोजगार देने वाली निजी कंपनियों से प्रदेश के युवाओं ने तौबा कर ली है. महज 6 महीने या एक दो साल का रोजगार देने का वादा करने वाली कंपनियों को अब कर्मचारी मिलना मुश्किल हो गए हैं.
ठीक ऐसा ही मामला शुक्रवार को हमीरपुर में सामने आया है. जिला रोजगार कार्यालय में निजी कंपनी टेक्सटाइल कंपनी ने रोजगार मेले का आयोजन किया था. मेले में 100 प्रशिक्षुओं के पदों हेतु साक्षात्कार लिया जाना था, लेकिन सिर्फ अट्ठारह बेरोजगार युवा ही नौकरी की तलाश में यहां पहुंचे हुए थे.
जिला रोजगार अधिकारी योगराज धीमान ने बताया है की एक निजी कंपनी की तरफ से अप्रेंटिसशिप आधार पर साक्षात्कार आयोजित किए गए थे. कंपनी 100 पदों पर भर्ती करने के लिए आई थी, लेकिन 18 युवा ही यहां पर पहुंच पाए इनमें से 15 युवाओं को नौकरी दी गई है.
बता दें कि भयंकर बेरोजगारी के दौर में जहां एक तरफ नौकरी के लिए हाहाकार मचा है. वहीं, निजी कंपनियां युवाओं के सुनहरे समय का इस्तेमाल अस्थाई तौर पर रोजगार देकर कर रही हैं. अस्थाई रोजगार खत्म होने के बाद युवा फिर से बेरोजगारी की लाइन में खड़े हो जाते हैं. इससे तंग आकर अब हिमाचल के युवाओं ने अस्थाई रोजगार को अपनाने से तौबा कर ली है.
शुक्रवार को हमीरपुर में जो कंपनी रोजगार देने आई थी उसकी तरफ से भी युवाओं को यह अस्थाई रोजगार दिया जाना था. परफॉर्मेंस के आधार पर ट्रेनिंग के बाद युवाओं की नौकरी पक्की की जानी थी. जिस कारण यहां भी युवा नजर नहीं आए.