हमीरपुर: हिमाचल हमेशा से ही परोपकार की भूमि रही है. इस धरती ने हर मुश्किल दौर में देश को कुछ न कुछ दिया है और आज जब कोरोना महामारी के आगे सब बेबस हैं, तब भी कई हिमाचली विभिन्न क्षेत्रों में कोविड-19 से लड़ने के लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
फ्रंट लाइन पर जहां एक तरफ स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़े कोरोना वॉरियर्स जान जोखिम में डाल कर लोगों की जान बचा रहे हैं तो वहीं, पुलिस सुरक्षाकर्मी भी दिन रात ड्यूटी दे कर अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी पालन कर रहे हैं. इसी तरह इंडियन कोस्ट गार्ड भी संकट के इस दौर में असहाय मजदूर और गरीब लोगों के लिए सहारा बने हुए हैं.
ऐसे ही एक सहारे के रूप में सामने आए हैं हिमाचल के हमीरपुर जिला के बड़सर निवासी मुकेश कुमार शर्मा जो गुजरात के ओखा में डीआईजी कोस्ट गार्ड के पद पर तैनात हैं. उनके नेतृत्व में यहां पर 27 अफसरों समेत 250 कोस्ट गार्ड बेबस लाचार लोगों की सेवा में जुटे हैं.
डीआईजी कोस्ट गार्ड मुकेश कुमार शर्मा कहते हैं कि जल्द ही हम इस संकट से उभर कर सामने आएंगे. उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रयासों और हिमाचल के लोगों की भी तारीफ की है. डीआईजी कोस्ट गार्ड मुकेश कुमार शर्मा ने अपने प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल जौड़ेअंब से पूरी की है वह अपने अंग्रेजी के अध्यापक स्वर्गीय जय किशन राकेश को अपना आदर्श मानते हैं उनका कहना है कि जिंदगी में वह इस मुकाम पर अपने आदर्श शिक्षक की वजह से ही हैं.
हिमाचल के लिए यह गर्व की बात है कि मुकेश कुमार के नेक कार्य को डिफेंस पीआरओ गांधीनगर भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से सराह चुके हैं. वहीं, हमीरपुर के निवासी नवनीत बत्ता का कहना है कि यह उनके लिए गर्व का विषय है कि हिमाचल के सपूत इतने बड़े पद पर तैनात होकर मानवता की सेवा में जुटे हैं.
वैश्विक महामारी के चलते कोई भूखा ना सोए इसके लिए लगातार 40 दिन से डीआईजी मुकेश कुमार शर्मा अपने 27 अफसरों के साथ मिलकर 200 के करीब मजदूरों के खाने-पीने का खर्च अपनी जेब से उठा रहे हैं.
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