हमीरपुरः जिला हमीरपुर में सोमवार को जिला पर्यावरण योजना को लेकर जिला स्तरीय समिति की बैठक का आयोजन हुआ. बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा ने कहा कि ठोस और तरल कचरे के बेहतर प्रबंधन और निष्पादन के लिए नगर निकायों के अधिकारी और बीडीओअपने क्षेत्रों में स्थानीय लोगों की मदद से प्रभावी कदम उठाएं.
बैठक में पर्यावरण से जुड़े विभिन्न मुद्दों और राष्ट्रीय हरित अधिकरण के निर्देशों की पालना से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई. डीसी हमीरपुर ने कहा कि जिला के नगर निकाय क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी ठोस कचरे के निष्पादन के लिए पंचायतों के समूहों के लिए कूड़ा संयंत्र लगाने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं.
जिला ग्रामीण विकास अभिकरण ने कुछ स्थानों के लिए स्वच्छ भारत मिशन और मनरेगा के तहत ऐसी योजनाओं के प्रस्ताव तैयार किए हैं. हरिकेश मीणा ने सभी बीडीओ को अपने क्षेत्रों में इनके लिए उचित जगह तलाश करने के निर्देश दिए.
हमीरपुर, सुजानपुर और नादौन की सीवरेज योजनाओं की समीक्षा करते हुए डीसी हमीरपुर ने जल शक्ति विभाग और नगर निकायों के अधिकारियों को इन क्षेत्रों के सभी भवनों को सीवरेज लाइन से जोडऩे की दिशा में तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सीवरेज लाईन बिछाने से संबंधित विवादों के निपटारे के लिए विभाग प्रत्येक वार्ड में विशेष अभियान चलाए और इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग भी लें.
डीसी हमीरपुर ने कहा कि जिला में पेयजल की स्वच्छता और पुराने जलस्रोतों के संरक्षण पर भी विशेष बल दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिला की प्रत्येक पंचायत में कम से कम एक-एक पारंपरिक जलस्रोत को परमोट किया जाना चाहिए.
डीसी हमीरपुर ने कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण के निर्देशानुसार जिला में अवैध खनन पर भी शिकंजा कसा जा रहा है. अगस्त महीने में ही जिला में अवैध खनन के मामलों में 32 चालान किए गए हैं. जिला में हरित आवरण को बढ़ाने के लिए इस सीजन में पांच हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है.
ये भी पढ़ें- हिमाचल में कोरोना वायरस से 34वीं मौत, व्यक्ति ने आईजीएमसी में तोड़ा दम
ये भी पढ़ें- भोरंज पुलिस ने मुंडखर में पकड़ा 2.04 ग्राम चिट्टा, जांच में जुटी पुलिस