हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर की भर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक मामले में मुख्य आरोपी उमा आजाद के दोनों बेटों की जमानत याचिका को अदालत ने नामंजूर कर दिया है. मामले में सोमवार को मुख्य आरोपी उमा आजाद के घर पर काम करने वाले नीरज की जमानत याचिका को कोर्ट ने मंजूर कर दिया है, जबकि दो आरोपियों उमा आजाद के बेटे निखिल और नितिन की जमानत याचिका को कोर्ट ने नामंजूर कर दिया.
आपको बता दें कि जमानत पर रिहा हुआ नीरज नाम का युवक मुख्यारोपी उमा आजाद के घर पर काम करता था. कर्मचारी चयन आयोग की गोपनीय शाखा में कार्य करने वाली उमा आजाद को निलंबित कर दिया गया है और वह लंबे समय से न्यायिक हिरासत में हैं. उमा आजाद के साथ ही उसके दोनों बेटे भी न्यायिक हिरासत में है. उमा के बेटे नितिन और निखिल आजाद की जमानत याचिका को कोर्ट ने डिसमिस कर दिया. यानि निखिल अब इन दोनों को जमानत के लिए अब उच्च न्यायलय की शरण में जाना पड़ेगा.
बताते चलें कि इस भर्ती परीक्षा पेपर लीक स्केंडल में गिरफ्तार किए गए आठ आरोपियों में से अब तक कुल चार आरोपी जमानत पर रिहा हो चुके हैं. दो दिन पहले इस मामले में एजेंट की भूमिका निभाने वाले संजीव के भाई शशिपाल को भी जमानत मिल चुकी है. नीरज के अलावा इस मामले में अभी तक मामले में तनु शर्मा, अजय शर्मा और शशिपाल तीन लोगों को जमानत मिल चुकी है. बाकी के चारों आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं.
एएसपी विजिलेंस थाना हमीरपुर रेनू शर्मा का कहना है कि मामले में लगातार छानबीन की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले में 3 आरोपियों की जमानत याचिका पर सोमवार को अदालत ने सुनवाई की है. मामले में आरोपी नीरज को जमानत पर रिहा किया गया है, जबकि दो अन्य आरोपियों की याचिका को नामंजूर कर दिया गया है. कोर्ट की तरफ से इन दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में रखने के आदेश हुए हैं.
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