हमीरपुर: मंडी लोकसभा सीट से 2019 के आम चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी रहे आश्रय शर्मा और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की हमीरपुर में शनिवार को बंद कमरे में मुलाकात हुई. दोनों नेताओं की मुलाकात को 2024 के लोकसभा चुनावों के साथ जोड़ कर देखा जा रहा है. इसी के साथ आश्रय शर्मा की कांग्रेस में वापस लौटने की चर्चाएं भी तेज हो गई हैं. सर्किट हाउस हमीरपुर में सीएम सुक्खू और आश्रय शर्मा की मुलाकात हुई. करीब आधे घंटे तक चली यह मुलाकात बेहद गोपनीय रखी गई.
सीएम और आश्रय शर्मा की मुलाकात ने बढ़ाया सियासी पारा: बताया जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान 2024 के लोकसभा चुनावों पर चर्चा हुई है. पंडित सुखराम परिवार और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पारिवारिक संबंध रहे हैं. ऐसे में आश्रय शर्मा की कांग्रेस में वापसी की संभावनाओं को नकारा नहीं जा सकता है. हाल ही में पंडित सुखराम परिवार के करीबी संजीव गुलेरिया की एपीएमसी मंडी के चेयरमैन के रूप में सुखविंदर सरकार ने नियुक्ति दी है. इस मुलाकात के दौरान इस नियुक्ति के लिए भी आश्रय शर्मा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार जताया है.
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मिली जानकारी के मुताबिक, आश्रय शर्मा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को मंडी जिले का दौरा करने का भी निमंत्रण दिया है. आश्रय शर्मा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की बात को स्वीकारा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का स्वास्थ्य पिछले दिनों ठीक नहीं था, इसलिए उनका हालचाल जानने के लिए वह हमीरपुर आए थे.
क्या कांग्रेस में शामिल होंगे आश्रय शर्मा? आश्रय शर्मा ने कहा कि हाल ही में मंडी जिला में कृषि उत्पाद बागवानी समिति के चेयरमैन की नियुक्ति की गई है. इस नियुक्ति के लिए भी मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया गया है. कांग्रेस वापसी के संभावनाओं के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उनके परिवार के पारिवारिक संबंध रहे हैं. कांग्रेस में वापसी भविष्य के गर्भ में छिपी है. उनकी और उनके परिवार की जड़ें कांग्रेस की रही हैं और इस बात को नकारा नहीं जा सकता है. हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले क्या फैसला होगा इस पर समय आने पर ही कुछ कहा जा सकता है.
विस चुनावों के दौरान दिया था कांग्रेस से इस्तीफा: आश्रय शर्मा को विधानसभा चुनावों के दृष्टिगत कांग्रेस हाईकमान द्वारा गठित की गई मीडिया और सोशल मीडिया कमेटी का चेयरमैन नियुक्त किया गया था. उस वक्त वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव और हमीरपुर जिले के प्रभारी के रूप में कार्य कर रहे थे. चुनाव के दौरान उनके पिता विधायक अनिल शर्मा को भाजपा ने टिकट देकर एक बार फिर चुनावी मैदान में उतारा था. इसके बाद आश्रय शर्मा ने भी कांग्रेस पार्टी से अपने विभिन्न पदों से इस्तीफा दे दिया. नतीजा यह रहा था कि मंडी जिला में कांग्रेस पार्टी 10 में से महज एक सीट ही जीत पाई थी.
कांग्रेस का छोड़ा हाथ, नहीं गए भाजपा के साथ: आश्रय शर्मा ने विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस पार्टी के अपने विभिन्न पदों से इस्तीफा तो दे दिया, लेकिन अभी तक उन्होंने भाजपा भी ज्वाइन नहीं की है. ऐसे में भविष्य में मंडी जिले में कांग्रेस पार्टी अपने रिवाइवल के लिए क्या फिर सुखराम परिवार पर विश्वास जताएगी, इसको लेकर सियासी गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है. मंडी जिले के पांच से छह विधानसभा क्षेत्रों में पंडित सुखराम परिवार का अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है, चुनावों से ठीक पहले अगर कोई बड़ी सियासी उठापटक हो तो इसमें बड़ा आश्चर्य नहीं होगा.