हमीरपुर: प्रदेश के हमीरपुर जिले में बुधवार को सीटू और हिमाचल किसान सभा के बैनर तले हमीरपुर के ऐतिहासिक गांधी चौक पर हिमाचल में आई त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग को लेकर आवाज बुलंद की गई. दरअसल, मनरेगा मजदूरों और विधानसभा से जुड़े लोगों ने प्रदेश में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की केंद्र सरकार से मांग उठाई है. वहीं, सीटू नेताओं ने हमीरपुर के ऐतिहासिक गांधी चौक पर इस मांग को लेकर प्रदर्शन किया. मजदूर नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार को हिमाचल में आई इस त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए. प्रदर्शन के दौरान मनरेगा मजदूर की मांगों को लेकर भी आवाज बुलंद की गई इस दौरान केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई.
बताया जा रहा है कि सीटू के राष्ट्रीय सचिव डॉक्टर कश्मीर ठाकुर ने इस दौरान सुक्खू बिट्टू नहीं चलेंगे का नारा दिया. वहीं, वर्तमान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उनके राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा बिट्टू पर श्रम कल्याण बोर्ड को बंद करने का संगीन आरोप लगाया है. सीटू के नेताओं ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर कांग्रेस की टोपी पहनकर बीजेपी की मदद करने का आरोप जड़ा है. बता दें, ऐतिहासिक गांधी चौक पर धरना प्रदर्शन करने के बाद सीटू और हिमाचल किसान सभा के बैनर तले मजदूरों ने केंद्र सरकार को डीसी हमीरपुर के माध्यम से ज्ञापन भी भेजा है. ज्ञापन के माध्यम से हिमाचल में आई इस त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और मनरेगा मजदूरों को उनके हक दिलाने की मांग उठाई गई है.
सीटू के जिला सचिव जोगिंदर सिंह ने कहा कि अन्य राज्यों में आई इस तरह की आपदा को केंद्र सरकार की तरफ से विशेष राहत पैकेज दिए गए हैं, जबकि हिमाचल में इतनी बड़ी आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने स्तर पर इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करवाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सामूहिक प्रयास की कमी नजर आ रही है. मुख्यमंत्री को सभी दलों की बैठक बुलानी चाहिए और उसमें हिमाचल में इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किए जाने के प्रयास किए जाने चाहिए.
सीटू के राष्ट्रीय सचिव डॉक्टर कश्मीर ठाकुर का कहना है कि हिमाचल में आपदा के बीच केंद्र सरकार की तरफ से मनरेगा के बजट को 33% कम कर दिया गया है. आपदा के दौर में लोगों को ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार मिलना चाहिए था, लेकिन बजट कम होने से यह संभव नहीं है. हमीरपुर जिला के भोरंज विधानसभा क्षेत्र में तो मनरेगा मजदूर को तसला और फावड़ा घर से लाने का आदेश देकर 5 किलोमीटर दूर कार्य के लिए भेजा जा रहा है.
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