ETV Bharat / state

हमीरपुर: अनाथ बच्चों का सहारा बनी बाल कल्याण समिति, उठाएगी खर्चा

author img

By

Published : Jun 9, 2021, 11:00 AM IST

कोरोना की वजह से कई परिवारों ने अपनों को खो दिया है. कुछ बच्चों ने अपनी मां तो कुछ ने अपने पिता को खोया है. ऐसे बच्चों का अब जिला बाल कल्याण समिति सहारा बनेगी. जिला कार्यक्रम अधिकारी एचसी शर्मा ने बताया कि जिला में पिछले 1 साल में कुल 129 बच्चे अर्ध अनाथ हुए हैं. इनमें से 47 बच्चों के अभिभावकों की मौत सामान्य बीमारी से हुई है, जबकि कोरोना से 82 बच्चों ने अपने माता पिता को खो दिया है.

photo
फोटो

हमीरपुर: कोरोना महामारी की वजह से कई परिवारों ने अपनों को खो दिया है. कुछ बच्चों ने अपनी मां तो कुछ ने अपने पिता को खोया है. ऐसे बच्चों का अब जिला बाल कल्याण समिति सहारा बनेगी. जिला में कोरोना महामारी की वजह से अर्ध अनाथ हुए बच्चों को समिति के माध्यम से हर सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी. बच्चों का भविष्य संवारने के मद्देनजर बाल कल्याण समिति ने यह फैसला लिया है.

अनाथ हुए बच्चों का खर्च उठा रही समिति

जिला कार्यक्रम अधिकारी एचसी शर्मा ने बताया कि जिला में पिछले 1 साल में कुल 129 बच्चे अर्ध अनाथ हुए हैं. इनमें से 47 बच्चों के अभिभावकों की मौत सामान्य बीमारी से हुई है, जबकि कोरोना से 82 बच्चों ने अपने माता पिता को खो दिया है. उन्होंने कहा कि समिति पूर्ण रूप से अनाथ हुए बच्चों का भी खर्च उठा रही है. इसके साथ अब अर्ध रूप से अनाथ हुए बच्चों का भी समिति खर्च उठाएगी.

82 बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया

जानकारी के मुताबिक कोरोना काल में अभी तक जिला में 6 बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया है. वहीं, 82 बच्चों ने अपने माता-पिता को इस महामारी के कारण खो दिया है. ऐसे में यदि किसी अनाथ बच्चे को चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट में भेजा जाता है तो उसका सारा खर्चा बाल कल्याण समिति उठाएगी. बच्चे के रहने, खाने और शिक्षा एवं चिकित्सा के अलावा भी हर खर्चा बाल कल्याण समिति द्वारा वहन किया जाएगा.

वीडियो

ये भी पढ़ें- आंखों के लिए बेहद खतरनाक है ब्लैक फंगस! IGMC के वरिष्ठ चिकित्सक ने कही ये बात

हमीरपुर: कोरोना महामारी की वजह से कई परिवारों ने अपनों को खो दिया है. कुछ बच्चों ने अपनी मां तो कुछ ने अपने पिता को खोया है. ऐसे बच्चों का अब जिला बाल कल्याण समिति सहारा बनेगी. जिला में कोरोना महामारी की वजह से अर्ध अनाथ हुए बच्चों को समिति के माध्यम से हर सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी. बच्चों का भविष्य संवारने के मद्देनजर बाल कल्याण समिति ने यह फैसला लिया है.

अनाथ हुए बच्चों का खर्च उठा रही समिति

जिला कार्यक्रम अधिकारी एचसी शर्मा ने बताया कि जिला में पिछले 1 साल में कुल 129 बच्चे अर्ध अनाथ हुए हैं. इनमें से 47 बच्चों के अभिभावकों की मौत सामान्य बीमारी से हुई है, जबकि कोरोना से 82 बच्चों ने अपने माता पिता को खो दिया है. उन्होंने कहा कि समिति पूर्ण रूप से अनाथ हुए बच्चों का भी खर्च उठा रही है. इसके साथ अब अर्ध रूप से अनाथ हुए बच्चों का भी समिति खर्च उठाएगी.

82 बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया

जानकारी के मुताबिक कोरोना काल में अभी तक जिला में 6 बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया है. वहीं, 82 बच्चों ने अपने माता-पिता को इस महामारी के कारण खो दिया है. ऐसे में यदि किसी अनाथ बच्चे को चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट में भेजा जाता है तो उसका सारा खर्चा बाल कल्याण समिति उठाएगी. बच्चे के रहने, खाने और शिक्षा एवं चिकित्सा के अलावा भी हर खर्चा बाल कल्याण समिति द्वारा वहन किया जाएगा.

वीडियो

ये भी पढ़ें- आंखों के लिए बेहद खतरनाक है ब्लैक फंगस! IGMC के वरिष्ठ चिकित्सक ने कही ये बात

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.