हमीरपुर: जिला हमीरपुर में दर्जनों प्रत्याशी 2022 के चुनावी समर में चुनाव लड़ने को तैयार हैं. हमीरपुर जिले में बड़सर, भोरंज और हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में बागियों ने प्रमुख राजनीतिक दलों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है. वर्तमान में भाजपा के जिले में 2 जबकि कांग्रेस के तीन विधायक हैं. 5 विधानसभा क्षेत्र वाले हमीरपुर जिले में अधिक बगावत भाजपा में सामने आ रही है. भाजपा को सबसे अधिक दिक्कत का सामना बड़सर विधानसभा क्षेत्र में करना पड़ रहा है, जबकि कांग्रेस के लिए बगावत की स्थिति नाममात्र ही है.
हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला तिकोना नजर आ रहा है, जबकि अन्य विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस व भाजपा के मुकाबले अधिक सुखद स्थिति में दिख रही है. अभी 29 अक्टूबर तक नामांकन वापसी का समय है ऐसे में सियासी समीकरण स्पष्ट होने में अभी समय बाकी है. दोनों राजनीतिक दल डैमेज कंट्रोल में जुटे हैं और इस प्रयास में भाजपा अधिक कसरत करते हुए दिख रही है. (politics of hamirpur) (Himachal Pradesh Assembly Elections)
सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में हिमाचल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र राणा और भाजपा के कैप्टन रंजीत सिंह में सीधा मुकाबला है. कुल मिलाकर 3 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के लिए समीकरण बिगड़े हुए हैं. नामांकन वापसी की तिथि पर सबकी नजर बनी हुई है यदि भाजपा के बागी नाम वापस नहीं लेते हैं तो यहां पर चुनावी नतीजे अप्रत्याशित हो सकते हैं. हमीरपुर जिले में 50 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र भरा है, जबकि सबसे अधिक नादौन 27 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र भरा है. ऐसे में यदि नामांकन वापसी के बाद भी भाजपा के बागी मैदान में रहते हैं तो रिवाज बदलने के दावों पर निश्चित तौर पर संकट नजर आ रहा है.
बड़सर में भाजपा के लिए सबसे अधिक चुनौती: बड़सर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा अधिक मुश्किल में नजर आ रही है यहां पर बागी संजीव शर्मा ने नामांकन समारोह में भारी भीड़ जुटाकर पार्टी हाईकमान के चिंता को बढ़ा दिया है. कांग्रेस की तरफ से यहां पर एकमात्र प्रत्याशी विधायक इंद्र दत्त लखनपाल हैं, जबकि भाजपा से बागी होने वाले संजीव शर्मा के साथ विधानसभा क्षेत्र का एक इलाका एक मुशत चल रहा है. ढटवाल इलाके से समर्थन मिलने पर संजीव शर्मा चुनावी रण में कूद गए हैं और यह कम ही संभावना दिख रही है कि वह नामांकन वापस लेंगे. संजीव शर्मा नामांकन वापस नहीं लेते हैं तो यहां पर भाजपा के लिए जीत बेहद मुश्किल होगी. भाजपा के इस बगावत का यहां पर कांग्रेस को सीधा लाभ मिलता हुआ दिख रहा है. (Challenges for BJP and Congress in Hamirpur)
भोरंज विधानसभा क्षेत्र में पवन बिगाड़ सकते हैं समीकरण: भोरंज विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के महामंत्री को जिला परिषद चुनाव में हराने वाले पवन कुमार भाजपा के समीकरण बिगाड़ सकते हैं. पवन कुमार ने हाल ही में पंचायतीराज चुनावों में भाजपा हमीरपुर के महामंत्री अभय वीर लवली को मात दी थी. भाजपा की तरफ से यहां पर पूर्व विधायक डॉ. अनिल धीमान को चुनावी मैदान में उतारा गया है यहां पर सिटिंग विधायक कमलेश कुमारी का टिकट भाजपा ने काटा है.
डॉक्टर धीमान बगावत न करें इसके लिए पार्टी ने उन्हे ही प्रत्याशी बना दिया है, लेकिन पवन कुमार अगर यहां पर चुनावी मैदान में रहते हैं तो भाजपा की जीत में निश्चित तौर पर रोड़ा बनेंगे. कांग्रेस के प्रत्याशी सुरेश कुमार लगातार चौथी बार कांग्रेस के टिकट पर यहां चुनाव लड़ रहे हैं. यहां पर कांग्रेस के लिए भी गुटबाजी बड़ी चुनौती होगी, लेकिन सीधे तौर पर यहां पर कांग्रेस में बगावत नजर नहीं आ रही है.
हमीरपुर सीट पर तिकोना होगा मुकाबला, नादौन में आम आदमी पार्टी बदल रही समीकरण: हमीरपुर सीट पर आम आदमी पार्टी का तो असर नहीं है लेकिन यहां पर निर्दलीय उम्मीदवार आशीष शर्मा कांग्रेस और भाजपा के लिए चुनौती बने हुए हैं. यहां पर भाजपा के प्रत्याशी विधायक नरेंद्र ठाकुर और कांग्रेस के प्रत्याशी डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा है. संभावना जताई जा रही है कि निर्दलीय प्रत्याशी टीम यहां पर मैदान में बने रहेंगे और मुकाबला तिकोना ही होगा.
नादौन विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी से हिमाचल कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू, भाजपा से विजय अग्निहोत्री आम आदमी पार्टी से शैंकी ठुकराल चुनावी मैदान में है. आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी यहां पर चुनाव में बने रहेंगे ऐसे में उनके ऊपर भी नजरें बनी रहेंगी.
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