हमीरपुर: जिला हमीरपुर की नादौन सीट पर भाजपा और कांग्रेस में पिछले कुछ चुनावों में कांटे की टक्कर देखने को मिली है. इस सीट पर कांग्रेस के दिग्गज हिमाचल कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू और भाजपा की तरफ से पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री चुनावी रण में है. इस विधानसभा क्षेत्र में एक नहीं बल्कि कई दफा मुकाबले देखने को मिले हैं, जबकि चौधरी समुदाय के वोट का इस विधानसभा क्षेत्र में खासा प्रभाव माना जाता है. (Voters in Nadaun) (Caste equation in Hamirpur)
इस दफा चौधरी समुदाय से आम आदमी पार्टी ने प्रत्याशी शैंकी ठुकराल को चुनावी मैदान में उतारा है. साल 2003 और साल 2007 में इस वर्ग के प्रत्याशियों ने खासी भूमिका अदा करते हुए कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका अदा की थी. इस समुदाय से किसी भी प्रत्याशी के चुनावी मैदान में उतरने से भाजपा को संभावित नुकसान माना जाता है. इस विधानसभा क्षेत्र में मतों की दृष्टि से जीत का फासला भी अधिक नहीं रहा है. पिछले तीन चुनावों में जीत का अंतर 500 से 6000 के बीच में रहा है. ऐसे में यहां पर अब चौधरी समुदाय के मतदाताओं पर सबकी नजर बनी हुई है.
इस बार के चुनावों में प्रभात चौधरी भाजपा के प्रत्याशी विजय अग्निहोत्री के साथ हैं, लेकिन उनके भतीजे शैंकी ठुकराल चुनावी दृष्टि से विधानसभा क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय थे और अब आम आदमी पार्टी ने उन्हें टिकट देकर यहां पर इस वर्ग को रिझाने का भी प्रयास किया है. आम आदमी पार्टी का हमीरपुर जिले के अन्य विधानसभा क्षेत्रों के अपेक्षाकृत नादौन विधानसभा क्षेत्र में अधिक प्रभाव देखने को मिल रहा है.यह देखना रोचक रहेगा कि यहां पर बेहद ही कम रहने वाले जीत के मार्जिन में आम आदमी पार्टी का वोट प्रतिशत कितना रहता है. (Himachal Assembly Election 2022) (Nadaun Assembly constituency)
विधानसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण बेहद महत्वपूर्ण- नादौन विधानसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण बेहद महत्वपूर्ण है. यहां पर सबसे अधिक ब्राह्मण मतदाता है और उसके बाद राजपूत मतदाता. इन दोनों वर्गों के साथ ही चौधरी समुदाय का ओबीसी वर्ग का वोट भी यहां पर निर्णायक भूमिका में होता है. कांग्रेस ने यहां राजपूत और भाजपा ने ब्राह्मण प्रत्याशी पर दल चलाया है. वहीं, ओबीसी वर्ग से आम आदमी पार्टी ने प्रत्याशी मैदान में उतारा है. 93 हजार मतदाताओं वाले इस विधानसभा क्षेत्र में 32 हजार के करीब ब्राह्मण और तीस हजार के करीब राजपूत मतदाता है. यहां पर पच्चीस हजार के लगभग ओबीसी एससी और अल्पसंख्यक मतदाता है.
सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए चला है सीएम का नारा- हिमाचल कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए क्षेत्र में कार्यकर्ताओं ने संभावित सीएम का नारा दिया है. इस नारे के जरिए ही चुनावी हवा बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है, जबकि भाजपा इस नारे को पूरी तरह से नकार रही है. चुनावी दृष्टि से दोनों ही दलों ने एक दूसरे की घेराबंदी शुरू कर दी है. बहरहाल यहां पर कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है, लेकिन आम आदमी पार्टी का वोट प्रतिशत यहां पर दोनों ही दलों की जीत और हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
नारायण चंद पराशर के बाद सुक्खू का रहा है दबदबा- साल 1998 तक इस सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नारायण चंद पराशर ने चुनाव लड़ा, लेकिन उनके बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू का ही इस सीट पर बोलबाला देखने को मिला है. साल 1998 के बाद हुए चार चुनावों में से तीन में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जीत हासिल की है, जबकि एक दफा भाजपा प्रत्याशी विजय अग्निहोत्री ने यहां पर चुनावी रण को फतह किया है.
महज 580 मतों से बाबूराम मंडयाल से हार गए थे नारायण- साल 1998 में भाजपा के प्रत्याशी बाबूराम मंडयाल ने 16,917 वोट हासिल कर 580 मत के अंतर से जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी नारायण चंद पराशर को 16,337 मत प्राप्त हुए थे.
2003 में सुखविंदर सिंह सुक्खू 4585 मतों से जीते- साल 2003 में कांग्रेस के प्रत्याशी सुखविंदर सिंह सुक्खु ने 14,379 मत लेकर यहां पर 4,585 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. आजाद प्रत्याशी प्रभात चंद ने इस चुनाव में 9,794 मत हासिल किए थे जबकि भाजपा के प्रत्याशी बाबू राम मंडयाल 8,657 मतों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे. आजाद प्रत्याशी रघुवीर सिंह ने इस चुनाव 8,313 मत लेकर चौथा स्थान हासिल किया था.
प्रभात चौधरी ने BSP से चुनाव लड़ 10,000 से अधिक मत किए थे हासिल- साल 2007 में कांग्रेस के प्रत्याशी सुखविंदर सिंह सुक्खु ने 17,727 मत लेकर जीत हासिल की थी. इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी विजय अग्निहोत्री को 17,141 मत प्राप्त हुए थे. बीएसपी के प्रत्याशी प्रभात चौधरी ने 10,401 मत हासिल किए. महज 586 के मार्जन से सुक्खू ने इस चुनाव में जीत हासिल की. मुकाबले में छह प्रत्याशी इस चुनाव में थे और कुल 45,985 मत पोल हुए थे, कुल 65,391 मतदाता थे.
सीधे मुकाबले में जीत गए थे विजय अग्निहोत्री- साल 2012 में भाजपा प्रत्याशी विजय अग्निहोत्री ने 31,305 मत लेकर 6,750 मत के अंतर के साथ जीत हासिल की थी. कांग्रेस प्रत्याशी सुक्खू को 24,555 मत प्राप्त हुए थे. एचएलपी पार्टी के प्रत्याशी बाबू राम मंडयाल को इस चुनाव में 1,090 मत प्राप्त हुए थे.
2017 में जीत का अंतर महज 2349- साल 2017 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 30,980 मत लेकर 2,349 के अंतर के साथ जीत हासिल की थी. यहां पर भाजपा प्रत्याशी विजय अग्निहोत्री को कुल 28,631 मत प्राप्त हुए थे. आजाद प्रत्याशी लेखराज लेखा ने इस चुनाव में 1,875 मत लेकर हार जीत के फासले में अहम भूमिका निभाई थी.
नादौन में सबसे अधिक 93,013 मतदाता, महिला मतदाता अधिक- नादौन विधानसभा क्षेत्र में जिले के अन्य विधानसभा क्षेत्रों के मुकाबले सबसे अधिक मतदाता है. यहां पर 93,013 मतदाता प्रत्याशियों की जीत और हार का फैसला करेंगे. जिनमें पुरुष मतदाता 46,079 हैं, जबकि महिला मतदाता 46,934 हैं. यहां पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले अधिक है और सर्विस वोटर की संख्या 1,505 है. यहां पर 75 फीसदी के लगभग मतदान देखने को मिलता है. यदि इस बार भी इतना ही मतदान होता है तो 70 हजार के करीब मतदान होगा. यहां पर जीत हासिल करने के लिए प्रत्याशी को निश्चित तौर पर 35 से 40,000 के बीच में वोट हासिल करने पड़ेंगे. (Voters in Hamirpur) (more Women Voters in Nadaun)
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