हमीरपुर: ग्राम पंचायत कुलेहड़ा के चंगर गांव में एक बुजूर्ग महिला आशा देवी जर्जर घर होने के कारण बाथरूम में रातें काटने को मजबूर है. जब यह खबर प्रकाशित की गई, तब जाकर प्रशासन की नींद खुली है. विभागीय अधिकारियों ने महिला के आंगन में दस्तक दी है. खबर दिखाए जाने के बाद आखिरकार खंड विकास अधिकारी बिझड़ी रमेश चंद टीम के साथ आशा देवी के जर्जर मकान का मुआयना करने पहुंचे और उसकी समस्या भी सुनी.
गौरतलब है कि आशा देवी बीपीएल परिवार से तालुल्क रखती है. उनका इकलौता बेटा दिल्ली में मेहनत मजदूरी करता है. परिवार पिछले पांच साल से बीपीएल लिस्ट में है, इसके बावजूद महिला को पक्का घर निर्माण के लिए सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है. पंचायत की तरफ से दो बार ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर बीडीओ कार्यालय भेजा गया था, लेकिन बुजूर्ग विधवा महिला की सुनवाई नहीं हो रही है. पिछले 5 वर्षों से लगातार आवेदन के बावजूद महिला को दर बदर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं.
जर्जर मकान के गिरने के खतरे को देखते हुए बुर्जुग महिला बाथरूम में छिपकर अपनी रातें काट रही हैं. महिला का जर्जर मकान की छत कभी भी गिर सकती है. मकान के पीछे का डंगा भी गिर चुका है. महिला ने एक पक्के मकान की नींव की तैयारी की, लेकिन पैसों की कमी आड़े आ रही है. दरअसल महिला के पास रहने के लिए जर्जर मकान के अलावा कोई जगह नहीं है. ऐसे में बरसात में अगर कोई अनहोनी घटना घट जाती है तो फिर लकीर पीटने के अलावा कोई चारा नहीं होगा.
खंड विकास अधिकारी रमेश चंद ने कहा उन्होंने मौके का मुआयना किया है. मकान के साथ डंगा लगाने के लिए उचित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा आवास योजना का आवेदन प्रधानमंत्री आवास योजना में डाला गया है. पंचायत प्रधान की तरफ से दो साल पहले प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन बीडीओ कार्यालय अप्रैल 2022 में प्रस्ताव पारित किया गया है. कार्यालय में यह प्रस्ताव लगभग एक साल पहले मिला है. पंचायत प्रधान को बीडीओ कार्यालय में आकर नियमों के बारे जानकारी लेनी चाहिए थी. पंचायतों को श्रेणीवार लाभर्थियों को योजना का लाभ दिया जा रहा है. जब योजना के तहत बजट स्वीकृत होगा, तब परिवार को लाभ दिया जाएगा.
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