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Barsar assembly seat: बड़सर में मुकाबला त्रिकोणीय, सहानुभूति के साथ ही क्षेत्रवाद का पॉलिटिकल फैक्टर रहेगा अहम

हिमाचल में 14वीं विधानसभा के लिए 12 नवंबर को वोटिंग हो चुकी है. अब 8 दिसंबर को नतीजे आने हैं. बड़सर विधानसभा सीट की बात करें तो यहां इस बार 71.17 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. इस सीट कांग्रेस प्रत्याशी इंद्रदत्त लखनपाल, भाजपा से माया शर्मा और संजीव कुमार निर्दलीय चुनावी समर में कूदे हैं. (Barsar assembly seat) (Himachal Pradesh elections result 2022) (Voting in Barsar assembly Seat)

Triangular contest in Barsar assembly Seat
बड़सर में मुकाबला त्रिकोणीय
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Published : Nov 17, 2022, 8:36 AM IST

हमीरपुर: जिला हमीरपुर के बड़सर विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है. यहां से भाजपा ने माया शर्मा को टिकट दिया है. कांग्रेस ने सिटिंग विधायक इंद्रदत्त लखनपाल पर एक बार फिर भरोसा जताया है. वहीं, क्षेत्र से भाजपा के दिवंगत नेता राकेश शर्मा बबली के भाई संजीव शर्मा भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं. जिससे चुनावी समीकरण बिगड़ सकते हैं. 12 नवंबर को हुई वोटिंग के अनुसार बड़सर विधानसभा क्षेत्र में अबकी बार 71.17 प्रतिशत मतदान रहा. ऐसे में अब जनता ने किस प्रत्याशी पर सबसे ज्यादा भरोसा जताया है ये तो 8 दिसंबर को ही पता चल पाएगा. (Barsar assembly seat) (Himachal Pradesh elections result 2022) (Voting in Barsar assembly Seat)

कौन है भाजपा प्रत्याशी माया शर्मा- भाजपा ने बड़सर से माया शर्मा को टिकट दिया है. माया शर्मा पूर्व विधायक भाजपा जिलाध्यक्ष बलदेव शर्मा की पत्नी हैं. माया शर्मा 53 वर्ष की हैं. इनके पास 23 लाख 55 हजार 839 अचल संपत्ति है. वहीं, 4 करोड़ 31 लाख 98 हजार 970 की चल संपत्ति है. माया शर्मा ने दसवीं पास हैं.

कौन है कांग्रेस प्रत्याशी इंद्रदत्त लखनपाल- कांग्रेस ने यहां पर वर्तमान विधायक इंद्रदत्त लखनपाल को चुनावी मैदान में उतारा है. इंद्रदत्त लखनपाल 60 वर्ष के हैं. इन्होंने हिमाचल विश्वविद्यालय से बीए की है. इंद्रदत्त लखनपाल के पास 3147969 अचल संपत्ति है और 6.8 करोड़ चल संपत्ति है.

कौन है आजाद उम्मीदवार संजीव शर्मा- भाजपा के दिवंगत नेता राकेश शर्मा बबली के भाई संजीव शर्मा भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं. यहां पर भाजपा और कांग्रेस को आजाद प्रत्याशी संजीव शर्मा चुनौती दे रहे हैं जो भाजपा की टिकट की दौड़ में अंतिम पलों तक बने रहे थे. कुछ महीनों पहले ही संजीव शर्मा के छोटे भाई हिमाचल कामगार कल्याण बोर्ड के चेयरमैन राकेश शर्मा बबली का निधन हुआ था. संजीव शर्मा 52 साल के हैं. वे 12वीं पास हैं. इनके पास 4 लाख 25 हजार चल और छत्तीस लाख अचल संपत्ति है.

7 उम्मीदवार मैदान में, 71.17 प्रतिशत रहा मतदान-

बड़सर से प्रत्याशीपार्टी
इंद्रदत्त लखनपालकांग्रेस
माया शर्माभाजपा
रतन चंद कटोचबसपा
गुलशन सोनीआम आदमी पार्टी
नरेश कुमारराष्ट्रीय देवभूमि पार्टी
परमजीत ढटवालियाहिमाचल जनक्रांति पार्टी
संजीव कुमारनिर्दलीय

ये थे बड़सर से जनता के मुद्दे- बड़सर विधानसभा क्षेत्र में भी बस स्टैंड और अस्पताल का मुख्य मुद्दा है. यहां पर पेयजल की समस्या से भी लोग परेशान हो रहे हैं. सरकार हर घर नल लगाने का दावा तो करती है, लेकिन यहां पर पानी की किल्लत से लोग परेशान हैं. सड़कों की सुविधा भी यहां पर बेहतर नहीं है. जिस वजह से लोगों में सरकार के प्रति आक्रोश है. कुल मिलाकर यहां पर मूलभूत सुविधाओं के लिए लोगों को जद्दोजहद करनी पड़ रही है.

स्मृति ईरानी और योगी आदित्यनाथ ने किया प्रचार- यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़सर विधानसभा क्षेत्र के बुम्वलू में भाजपा के स्टार प्रचार्क के रूप में आए थे और रैली की थी. इसी के साथ जनसभा को संबोधित भी किया था. वहीं, स्मृति ईरानी भी बड़सर में रैली कर चुकी हैं.

बड़सर की सियासत में इस बार प्रचार पार्टी ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि चुनावी नतीजों को सहानुभूति का पॉलिटिकल फैक्टर भी प्रभावित करेगा. यहां पर जिला भर में सबसे अधिक पोलिंग का रिकॉर्ड बनाने वाला बूथ भी टप्पा धटवाल एरिया से आता है. यहां पर बलह धटवलिया बूथ पर 86.67% मतदाताओं ने मतदान किया. इस क्षेत्र से भाजपा के दिवंगत नेता राकेश शर्मा बबली के भाई संजीव शर्मा भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं. यह महज एक बूथ की बात नहीं है बल्कि इस क्षेत्र के कई बूथ पर इस बार बड़सर में मतदान के रिकॉर्ड टूटे हैं. ऐसे में यहां पर टप्पा धटवाल के लोगों की राजनीतिक इच्छाशक्ति क्या नतीजे लाती है यह देखना रोचक होगा.

बगावत राजनीतिक दलों के लिए बनी है हार का सबब- बड़सर विधानसभा क्षेत्र में मुख्य राजनीतिक दलों में बगावत हार ही लेकर आई है. पिछले 5 विधानसभा चुनावों के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो राजनीतिक दलों के बागियों ने खुद चाहे जीत हासिल नहीं की हो लेकिन अपने दल को जरूर हरा दिया है. पिछले 5 विधानसभा चुनावों में बगावत के कारण कांग्रेस दो बार और भाजपा को एक बार मुंह की खानी पड़ी है. इस बार भी बड़सर विधानसभा क्षेत्र में समीकरण कुछ ऐसे ही बनते नजर आ रहे हैं. इस बार बगावत भाजपा के लिए है तो वहीं इस बगावत का सामना एक दशक पहले कांग्रेस को करना पड़ा था.

कांग्रेस ने यहां पर बगावत कुछ हद तक थम गई है, लेकिन भाजपा के बागी यहां पर पार्टी प्रत्याशी के लिए बड़े परेशानी बने हुए हैं. कांग्रेस ने यहां पर वर्तमान विधायक इंद्रदत्त लखनपाल को चुनावी मैदान में उतारा है और भाजपा की तरफ से पूर्व विधायक भाजपा जिलाध्यक्ष बलदेव शर्मा की पत्नी माया शर्मा चुनावी रण में है. भाजपा के दिवंगत नेता राकेश शर्मा बबली इस सीट से पार्टी टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन उनके आकस्मिक निधन के बाद उनके परिवार के सदस्यों को चुनावी मैदान में उतारने की चर्चा जोरों पर चल रही थी.टिकट की दौड़ में प्रत्याशी माया शर्मा और दिवंगत राकेश शर्मा बबली का परिवार था लेकिन अंततः भाजपा ने परोक्ष रूप से बलदेव शर्मा को ही लगातार छठी बार यहां पर पार्टी का टिकट थमाया है। बलदेव शर्मा लगातार साल 1998 से 2017 तक पार्टी के प्रत्याशी रहे और तीन दफा जीते और दो दफा हारे. साल 2022 में अब बलदेव शर्मा की जगह उनकी पत्नी को भाजपा ने चुनावी मैदान में उतारा है.

साल विधानसभा कुल मत पोल प्रतिशत-
2007 बड़सर (नदौन्ता) 75166, 47646, 63.39%
2012 बड़सर 75582, 51174, 67.71%
2017 बड़सर 80717, 57320, 69.06%
2022 बड़सर 85521, 60865, 71.17%

पिछले दो चुनावों में भाजपा लगातार हारी- बड़सर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को पिछले दो चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है. फिलहाल नामांकन वापसी की तारीख 29 अक्टूबर है यदि भाजपा के बागी संजीव शर्मा चुनावी मैदान में बने रहते हैं तो यहां पर भाजपा के मुश्किल कम नहीं होंगी. इस विधानसभा क्षेत्र में दोनों ही दलों में बगावत की पुरानी परंपरा पिछले 5 चुनावों में देखने को मिली है जिसका सीधा लाभ दूसरे दल को मिलता है.

साल 1998 में सीधा मुकाबले में जीती भाजपा- साल 1998 में भाजपा के प्रत्याशी बलदेव शर्मा ने इस विधानसभा क्षेत्र में 20706 वोट लेकर 4505 मत से जीत हासिल की थी. कांग्रेस के प्रत्याशी मनजीत सिंह डोगरा को इस चुनाव में 16021 मत प्राप्त हुए थे.

2003 में कांग्रेस ने बगावत से इस सीट को हारा- 2003 में बड़सर सीट को नदौनता के नाम से जाना जाता था. इस साल के चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी बलदेव शर्मा ने 23796 मत लेकर 12561 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. इस चुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी विद्या कुमारी 11235 मत लेकर दूसरे स्थान पर रहे थे, जबकि आजार प्रत्याशी मंजीत सिंह डोगरा 10568 मत लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे.

2007 में भी कांग्रेस की बगावत जारी, फिर सीट हारी- साल 2007 में भाजपा प्रत्याशी बलदेव शर्मा ने 25634 मत लेकर 15564 के मतों के अंतर से जीत हासिल की. इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी विद्या कुमारी जार को 10070 मत प्राप्त हुए. इस चुनाव में आजाद प्रत्याशी अरविंदर रानी को 5629 और बीएसपी प्रत्याशी यशपाल सिंह को 5066 मत प्राप्त हुए थे.

2012 में सीधे मुकाबले में भाजपा की हार- साल 2012 के चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी इंद्रदत लखनपाल ने 26041 मत लेकर 2658 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. भाजपा प्रत्याशी बलदेव शर्मा को 23383 मत प्राप्त हुए थे.

साल 2017 में भाजपा में बगावत से कांग्रेस की हुई जीत-साल 2017 के चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी इंद्र दत लखनपाल ने 25679 मत लेकर 439 मतों के अंतर से जीत हासिल की. भाजपा प्रत्याशी को इस चुनाव में 25240 मत प्राप्त हुए थे. इस चुनाव में भाजपा के बागी सीता राम भारद्वाज को आजाद प्रत्याशी के रूप में 5181 मत प्राप्त हुए थे.

बड़सर विधानसभा क्षेत्र में 85457 मतदाता- बड़सर विधानसभा क्षेत्र में इस बार 85521 मतदाता हैं. इनमें पुरुष मतदाता 41873 महिला मतदाता 43584 हैं. इसके अलावा 1985 सर्विस वोटर भी इस विधानसभा क्षेत्र में हैं.

पिछले दो चुनावों में जीत का फैसला महज 500 से 3000 के बीच- बड़सर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस लगातार दो बार जीत हासिल कर चुकी है. यहां पर जीत का फासला पिछले चुनावों में बेहद ही कम रहा है. पिछले चुनावों में महज 439 मतों के अंतर से कांग्रेसी विधायक ने जीत हासिल की थी, जबकि 2012 के चुनावों में जीत का यह अंतर 2658 था. इन दोनों ही चुनावों में जीतने वाले प्रत्याशी ने 26 हजार के करीब वोट हासिल किए थे और इस बार भी जीतने के लिए प्रत्याशी को इस आंकड़े को पार करना होगा.

हमीरपुर जिले के 5 विधानसभा क्षेत्रों में 32 प्रत्याशी चुनावी मैदान में- विधानसभा के आम चुनाव के लिए शनिवार को नामांकन पत्र की वापसी के अंतिम दिन के बाद जिला के पांचों विधानसभा क्षेत्रों में कुल 32 प्रत्याशी चुनाव मैदान में रह गए हैं. भोरंज और सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए 5-5 प्रत्याशी, हमीरपुर के लिए 9, बड़सर के लिए 7 और नादौन के लिए 6 उम्मीदवार मैदान में हैं.

ये भी पढ़ें: कसुम्पटी विधानसभा सीट: इस बार 68.24 फीसदी हुआ मतदान, कांग्रेस और BJP आमने सामने

हमीरपुर: जिला हमीरपुर के बड़सर विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है. यहां से भाजपा ने माया शर्मा को टिकट दिया है. कांग्रेस ने सिटिंग विधायक इंद्रदत्त लखनपाल पर एक बार फिर भरोसा जताया है. वहीं, क्षेत्र से भाजपा के दिवंगत नेता राकेश शर्मा बबली के भाई संजीव शर्मा भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं. जिससे चुनावी समीकरण बिगड़ सकते हैं. 12 नवंबर को हुई वोटिंग के अनुसार बड़सर विधानसभा क्षेत्र में अबकी बार 71.17 प्रतिशत मतदान रहा. ऐसे में अब जनता ने किस प्रत्याशी पर सबसे ज्यादा भरोसा जताया है ये तो 8 दिसंबर को ही पता चल पाएगा. (Barsar assembly seat) (Himachal Pradesh elections result 2022) (Voting in Barsar assembly Seat)

कौन है भाजपा प्रत्याशी माया शर्मा- भाजपा ने बड़सर से माया शर्मा को टिकट दिया है. माया शर्मा पूर्व विधायक भाजपा जिलाध्यक्ष बलदेव शर्मा की पत्नी हैं. माया शर्मा 53 वर्ष की हैं. इनके पास 23 लाख 55 हजार 839 अचल संपत्ति है. वहीं, 4 करोड़ 31 लाख 98 हजार 970 की चल संपत्ति है. माया शर्मा ने दसवीं पास हैं.

कौन है कांग्रेस प्रत्याशी इंद्रदत्त लखनपाल- कांग्रेस ने यहां पर वर्तमान विधायक इंद्रदत्त लखनपाल को चुनावी मैदान में उतारा है. इंद्रदत्त लखनपाल 60 वर्ष के हैं. इन्होंने हिमाचल विश्वविद्यालय से बीए की है. इंद्रदत्त लखनपाल के पास 3147969 अचल संपत्ति है और 6.8 करोड़ चल संपत्ति है.

कौन है आजाद उम्मीदवार संजीव शर्मा- भाजपा के दिवंगत नेता राकेश शर्मा बबली के भाई संजीव शर्मा भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं. यहां पर भाजपा और कांग्रेस को आजाद प्रत्याशी संजीव शर्मा चुनौती दे रहे हैं जो भाजपा की टिकट की दौड़ में अंतिम पलों तक बने रहे थे. कुछ महीनों पहले ही संजीव शर्मा के छोटे भाई हिमाचल कामगार कल्याण बोर्ड के चेयरमैन राकेश शर्मा बबली का निधन हुआ था. संजीव शर्मा 52 साल के हैं. वे 12वीं पास हैं. इनके पास 4 लाख 25 हजार चल और छत्तीस लाख अचल संपत्ति है.

7 उम्मीदवार मैदान में, 71.17 प्रतिशत रहा मतदान-

बड़सर से प्रत्याशीपार्टी
इंद्रदत्त लखनपालकांग्रेस
माया शर्माभाजपा
रतन चंद कटोचबसपा
गुलशन सोनीआम आदमी पार्टी
नरेश कुमारराष्ट्रीय देवभूमि पार्टी
परमजीत ढटवालियाहिमाचल जनक्रांति पार्टी
संजीव कुमारनिर्दलीय

ये थे बड़सर से जनता के मुद्दे- बड़सर विधानसभा क्षेत्र में भी बस स्टैंड और अस्पताल का मुख्य मुद्दा है. यहां पर पेयजल की समस्या से भी लोग परेशान हो रहे हैं. सरकार हर घर नल लगाने का दावा तो करती है, लेकिन यहां पर पानी की किल्लत से लोग परेशान हैं. सड़कों की सुविधा भी यहां पर बेहतर नहीं है. जिस वजह से लोगों में सरकार के प्रति आक्रोश है. कुल मिलाकर यहां पर मूलभूत सुविधाओं के लिए लोगों को जद्दोजहद करनी पड़ रही है.

स्मृति ईरानी और योगी आदित्यनाथ ने किया प्रचार- यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़सर विधानसभा क्षेत्र के बुम्वलू में भाजपा के स्टार प्रचार्क के रूप में आए थे और रैली की थी. इसी के साथ जनसभा को संबोधित भी किया था. वहीं, स्मृति ईरानी भी बड़सर में रैली कर चुकी हैं.

बड़सर की सियासत में इस बार प्रचार पार्टी ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि चुनावी नतीजों को सहानुभूति का पॉलिटिकल फैक्टर भी प्रभावित करेगा. यहां पर जिला भर में सबसे अधिक पोलिंग का रिकॉर्ड बनाने वाला बूथ भी टप्पा धटवाल एरिया से आता है. यहां पर बलह धटवलिया बूथ पर 86.67% मतदाताओं ने मतदान किया. इस क्षेत्र से भाजपा के दिवंगत नेता राकेश शर्मा बबली के भाई संजीव शर्मा भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं. यह महज एक बूथ की बात नहीं है बल्कि इस क्षेत्र के कई बूथ पर इस बार बड़सर में मतदान के रिकॉर्ड टूटे हैं. ऐसे में यहां पर टप्पा धटवाल के लोगों की राजनीतिक इच्छाशक्ति क्या नतीजे लाती है यह देखना रोचक होगा.

बगावत राजनीतिक दलों के लिए बनी है हार का सबब- बड़सर विधानसभा क्षेत्र में मुख्य राजनीतिक दलों में बगावत हार ही लेकर आई है. पिछले 5 विधानसभा चुनावों के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो राजनीतिक दलों के बागियों ने खुद चाहे जीत हासिल नहीं की हो लेकिन अपने दल को जरूर हरा दिया है. पिछले 5 विधानसभा चुनावों में बगावत के कारण कांग्रेस दो बार और भाजपा को एक बार मुंह की खानी पड़ी है. इस बार भी बड़सर विधानसभा क्षेत्र में समीकरण कुछ ऐसे ही बनते नजर आ रहे हैं. इस बार बगावत भाजपा के लिए है तो वहीं इस बगावत का सामना एक दशक पहले कांग्रेस को करना पड़ा था.

कांग्रेस ने यहां पर बगावत कुछ हद तक थम गई है, लेकिन भाजपा के बागी यहां पर पार्टी प्रत्याशी के लिए बड़े परेशानी बने हुए हैं. कांग्रेस ने यहां पर वर्तमान विधायक इंद्रदत्त लखनपाल को चुनावी मैदान में उतारा है और भाजपा की तरफ से पूर्व विधायक भाजपा जिलाध्यक्ष बलदेव शर्मा की पत्नी माया शर्मा चुनावी रण में है. भाजपा के दिवंगत नेता राकेश शर्मा बबली इस सीट से पार्टी टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन उनके आकस्मिक निधन के बाद उनके परिवार के सदस्यों को चुनावी मैदान में उतारने की चर्चा जोरों पर चल रही थी.टिकट की दौड़ में प्रत्याशी माया शर्मा और दिवंगत राकेश शर्मा बबली का परिवार था लेकिन अंततः भाजपा ने परोक्ष रूप से बलदेव शर्मा को ही लगातार छठी बार यहां पर पार्टी का टिकट थमाया है। बलदेव शर्मा लगातार साल 1998 से 2017 तक पार्टी के प्रत्याशी रहे और तीन दफा जीते और दो दफा हारे. साल 2022 में अब बलदेव शर्मा की जगह उनकी पत्नी को भाजपा ने चुनावी मैदान में उतारा है.

साल विधानसभा कुल मत पोल प्रतिशत-
2007 बड़सर (नदौन्ता) 75166, 47646, 63.39%
2012 बड़सर 75582, 51174, 67.71%
2017 बड़सर 80717, 57320, 69.06%
2022 बड़सर 85521, 60865, 71.17%

पिछले दो चुनावों में भाजपा लगातार हारी- बड़सर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को पिछले दो चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है. फिलहाल नामांकन वापसी की तारीख 29 अक्टूबर है यदि भाजपा के बागी संजीव शर्मा चुनावी मैदान में बने रहते हैं तो यहां पर भाजपा के मुश्किल कम नहीं होंगी. इस विधानसभा क्षेत्र में दोनों ही दलों में बगावत की पुरानी परंपरा पिछले 5 चुनावों में देखने को मिली है जिसका सीधा लाभ दूसरे दल को मिलता है.

साल 1998 में सीधा मुकाबले में जीती भाजपा- साल 1998 में भाजपा के प्रत्याशी बलदेव शर्मा ने इस विधानसभा क्षेत्र में 20706 वोट लेकर 4505 मत से जीत हासिल की थी. कांग्रेस के प्रत्याशी मनजीत सिंह डोगरा को इस चुनाव में 16021 मत प्राप्त हुए थे.

2003 में कांग्रेस ने बगावत से इस सीट को हारा- 2003 में बड़सर सीट को नदौनता के नाम से जाना जाता था. इस साल के चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी बलदेव शर्मा ने 23796 मत लेकर 12561 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. इस चुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी विद्या कुमारी 11235 मत लेकर दूसरे स्थान पर रहे थे, जबकि आजार प्रत्याशी मंजीत सिंह डोगरा 10568 मत लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे.

2007 में भी कांग्रेस की बगावत जारी, फिर सीट हारी- साल 2007 में भाजपा प्रत्याशी बलदेव शर्मा ने 25634 मत लेकर 15564 के मतों के अंतर से जीत हासिल की. इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी विद्या कुमारी जार को 10070 मत प्राप्त हुए. इस चुनाव में आजाद प्रत्याशी अरविंदर रानी को 5629 और बीएसपी प्रत्याशी यशपाल सिंह को 5066 मत प्राप्त हुए थे.

2012 में सीधे मुकाबले में भाजपा की हार- साल 2012 के चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी इंद्रदत लखनपाल ने 26041 मत लेकर 2658 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. भाजपा प्रत्याशी बलदेव शर्मा को 23383 मत प्राप्त हुए थे.

साल 2017 में भाजपा में बगावत से कांग्रेस की हुई जीत-साल 2017 के चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी इंद्र दत लखनपाल ने 25679 मत लेकर 439 मतों के अंतर से जीत हासिल की. भाजपा प्रत्याशी को इस चुनाव में 25240 मत प्राप्त हुए थे. इस चुनाव में भाजपा के बागी सीता राम भारद्वाज को आजाद प्रत्याशी के रूप में 5181 मत प्राप्त हुए थे.

बड़सर विधानसभा क्षेत्र में 85457 मतदाता- बड़सर विधानसभा क्षेत्र में इस बार 85521 मतदाता हैं. इनमें पुरुष मतदाता 41873 महिला मतदाता 43584 हैं. इसके अलावा 1985 सर्विस वोटर भी इस विधानसभा क्षेत्र में हैं.

पिछले दो चुनावों में जीत का फैसला महज 500 से 3000 के बीच- बड़सर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस लगातार दो बार जीत हासिल कर चुकी है. यहां पर जीत का फासला पिछले चुनावों में बेहद ही कम रहा है. पिछले चुनावों में महज 439 मतों के अंतर से कांग्रेसी विधायक ने जीत हासिल की थी, जबकि 2012 के चुनावों में जीत का यह अंतर 2658 था. इन दोनों ही चुनावों में जीतने वाले प्रत्याशी ने 26 हजार के करीब वोट हासिल किए थे और इस बार भी जीतने के लिए प्रत्याशी को इस आंकड़े को पार करना होगा.

हमीरपुर जिले के 5 विधानसभा क्षेत्रों में 32 प्रत्याशी चुनावी मैदान में- विधानसभा के आम चुनाव के लिए शनिवार को नामांकन पत्र की वापसी के अंतिम दिन के बाद जिला के पांचों विधानसभा क्षेत्रों में कुल 32 प्रत्याशी चुनाव मैदान में रह गए हैं. भोरंज और सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए 5-5 प्रत्याशी, हमीरपुर के लिए 9, बड़सर के लिए 7 और नादौन के लिए 6 उम्मीदवार मैदान में हैं.

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