हमीरपुर: बेहतर सड़कों के जाल के लिए प्रदेशभर में जाने वाले हमीरपुर जिला में शहरी क्षेत्रों में संपर्क सड़कों और गलियों की हालत खराब हो गई है. विभागीय लापरवाही और नगर परिषद हमीरपुर के अधिकाारियों तथा पदाधिकारियों की अनदेखी यहां पर लोगों पर भारी पड़ रही है.
नगर परिषद हमीरपुर के लगभग हर वार्ड में यह समस्या इन दिनों पेश आ रही है. बात सबसे पहले नगर परिषद हमीरपुर के वार्ड नंबर 11 की करेंगे. यहां पर संपर्क सड़क को सीवरेज लाइन के लिए खोद कर जलशक्तिविभाग इसे भूल गया है. लापरवाही का आलम ऐसा है कि डीसी के आदेशों के बावजूद लोगों की यहां पर सुनवाई नहीं हो रही है.
वार्ड नंबर 11 के निवासी का कहना है कि साल 2019 से यह समस्या पेश आ रही है. जिस वजह से लोगों को दिक्कतें पेश आ रही हैं. जल शक्ति विभाग और लोक निर्माण विभाग सुनवाई नहीं कर रहे हैं. हालत ऐसे है कि डीसी के आदेशों के बाद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
यहीं हालत नगर परिषद हमीरपुर के वार्ड नंबर तीन, चार और पांच नंबर वार्ड को जोड़ने वाली प्रताप गली की संपर्क सड़क का है. यह संपर्क सड़क जिला मुख्यालय से साथ लगते दर्जनभर गांवों को शहर से जोड़ने वाला शॉर्टकट रास्ता भी है, लेकिन हालत ऐसे है कि यहां पर दोपहिया और चौपहिया वाहनों का चलना मुश्किल हो गया है. हर बरसात में यहां पर दिक्कत पेश आ रही हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पर लोगों को बहुत दिक्कत पेश आ रही हैं. लोगों का कहना है नालियों का पानी सड़कों पर बह रहा है. जिस वजह से ज्यादा परेशानी हो है. अब स्कूल भी खुल गए हैं जिस वजह से आने वाले दिनों विद्यार्थियों को यहां पर दिक्कत पेश आ सकती है.
कुछ दिन पहले तो यहां पर नगर परिषद हमीरपुर की कूड़ा उठाने वाली गाड़ी का एक्सल ही टूट गया. हालात ऐसे है कि चोपहिया वाहनों को बदहाल सड़कों के कारण नुकसान हो रहा है. वहीं दोपहिया वाहन चालकों को तो यहां पर गंभीर चोटें भी लग चुकी हैं.
गौरतलब है कि वार्ड नंबर चार से चुनाव जीतकर उपाध्यक्ष बने संदीप भारद्वाज ने अपने घोषणापत्र में इस समस्या के स्थाई समाधान का दावा किया है. बरसात में जैसे ही समस्या बढ़ी तो वह लोगों का हाल चाल जानने के लिए यहां पर पहुंचे भी, लेकिन संबंधित विभागों का सहयोग न मिलने से वह भी समस्या के समाधान के लिए कुछ ज्यादा नहीं कर पा रहे हैं.
नगर परिषद हमीरपुर के उपाध्यक्ष संदीप भारद्वाज कहते हैं कि इस गली और सड़क को दुरस्त करने के लिए कार्य किया जाएगा. यहां पर निश्चित तौर पर दिक्कत है और इस समस्या का समाधान किया जाएगा. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आपदा प्रबंधन के नाम पर विभिन्न विभाग और प्रशासन जिला के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में मुस्तैदी से लोगों को राहत देने का दावा कर रहा है.
वहीं, जिला मुख्यालय में ही हालत ऐसे हैं कि लोगों के घरों और दुकानों में पानी तक घुस रहा है. प्रशासन के दावों के विपरित तस्वीर धरात पर नजर आ रही है. अधिकारी समस्या के समाधान के लिए मौके पर आना तो दूर मीडिया के सवालों और कैमरे के सामने आने से भी कतरा रहे हैं. ऐसे में आम जनमानस से जुड़ी समस्या का समाधान कब और कैसे होगा यह बड़ा सवाल है.
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