हमीरपुर: जिला हमीरपुर की जनैहन पंचायत के समताना खुर्द गांव में भूस्खलन से 11 मकान को खतरा पैदा हो गया है. गांव में खेतों, घरों के आंगनों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं जिस वजह से लोगों ने मकान भी खाली कर दिए हैं. यह परिवार अपने रिश्तेदारों के यहां शरण लेने को भी विवश है. इस मामले की सूचना मिलते ही स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि गांव में पहुंचे हैं लेकिन प्रशासन को सूचना के बावजूद कोई भी आधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है. कई दिन बीत जाने के बावजूद ग्रामीणों को कोई परी राहत नहीं दी गई है.
स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि प्रशासन को मामले की गंभीरता के बारे में सूचित किया गया है, लेकिन कोई मौके पर नहीं आया है पंचायत प्रतिनिधियों में भी प्रभावित परिवारों को जल्द से जल्द राहत देने की मांग उठाई है, ताकि इन परिवारों का पुनर्वास किया जा सके. स्थानीय लोगों का कहना है कि बरसात के मौसम में मकान में रहना खतरे से खाली नहीं है. दहशत के साए में जी रहे लोग आस पड़ोस के घरों में अपनी रातें कट रहे हैं.
पीड़ित लोगों का कहना है की जमीन लगातार खिसकती जा रही है जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. वह मदद के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें कोई सुरक्षित जगह आवंटित की जाए. ढलान पर बसे इस इलाके में जमीन पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ चुकी हैं तथा घरों के आसपास लगाए गए डंगे, खेत भी खिसक कर कई फीट नीचे जा चुके हैं. आंखों के सामने अपने खेत खलिहान मकान बर्बाद होता देख पीड़ित लोगों की आंखों में बेबसी साफ नजर आ रही है.
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प्रभावित परिवारों के सदस्यों कुशल कुमार, अमरो देवि,भागी राम,भगवान दास, देवराज,रोशन, अश्वनी, राकेश, अमरनाथ, केहरो देवि व सिमरो का कहना है कि अब खतरे को देखते हुए अपने मकानों में रहने को तैयार नहीं है तथा प्रशासन से राहत की गुहार लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब यह जगह खतरे से खाली नहीं है ऐसे में प्रशासन उन्हें कहीं अन्य जगहों पर शिफ्ट कर दे. प्रभावित परिवारों में प्रशासन से जमीन उपलब्ध करवाने और मकान बनाने के लिए राहत राशि की मांग उठाई है.
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जनैहन ग्राम पंचायत प्रधान उद्धम सिंह का कहना है कि लगभग 11 परिवारों के घरों को भूस्खलन के कारण खतरा पैदा हो गया है. यहां कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है. प्रशासन मौके का मुआयना करे तथा पीड़ितों के रहने के लिए कोई सुरक्षित जगह आवंटित की जाए. यह क्षेत्र अब रहने लायक नहीं है. खतरे को देखते हुए इन सभी परिवारों का पुनर्वास जरूरी है.
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क्या कहते हैं अधिकारी
एसडीएम बड़सर रोहित शर्मा का कहना है कि समस्या का पता चला है. शीघ्र ही मौके का मुआयना कर राहत देने के प्रयास किए जाएंगे. जहां तक तिरपाल को वापस जमा करवाने की बात है ऐसा कोई नियम नहीं है, मामले की छानबीन की जाएगी. डीसी हमीरपुर हेमराज बैरवा का कहना है कि स्थानीय अधिकारियों को मामले में मौके पर जाने के निर्देश दिए गए हैं. मामले में पीड़ित परिवारों की हर संभव सहायता की जाएगी.